Skip to main content

शिक्षक नेताओं पर विभागीय कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप, साथी शिक्षकों का शोषण और अनियमितताओं की लगातार शिकायतें मिलने के बाद विभाग एक्शन में

शिक्षक नेताओं पर विभागीय कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप, साथी शिक्षकों का शोषण और अनियमितताओं की लगातार शिकायतें मिलने के बाद विभाग एक्शन में 

प्रदर्शन के बाद शिक्षक नेताओं पर कार्रवाई की तलवार लटकी


लखनऊ  । विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार नौ अक्तूबर को लखनऊ में प्रदर्शन करना शिक्षक नेताओं व शिक्षकों को महंगा पड़ता नजर आ रहा है। स्कूल शिक्षा महानिदेशालय ने आन्दोलन के ठीक दूसरे दिन विभागीय अधिकारियों की टीमों से औचक निरीक्षण कराकर कई शिक्षक नेताओं  और शिक्षकों को स्कूलों में अनुपस्थित पाया है। टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद महानिदेशक ने स्कूलों में अनुपस्थित शिक्षकों व शिक्षक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं।


महानिदेशक के निर्देश पर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों की तीन- तीन सदस्यों के साथ टीम बनाकर औचक निरीक्षण के लिए आन्दोलन के दूसरे दिन विभिन्न जिलों में यूनाइटेड टीचर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों व समर्थक शिक्षकों के विद्यालयों में विभागीय कार्यों, एवं संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति से लेकर वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए भेजा गया। 



आगरा अलीगढ़ और मथुरा के कई शिक्षक नेताओं पर कार्रवाई संभव

जांच दल ने आगरा एवं मथुरा जिले में संबंधित शिक्षक नेताओं, शिक्षकों एवं एआरपी के विद्यालयों का औचक निरीक्षण एवं छापामारी की गई, जिनमें 32 विद्यालयों में 40 शिक्षक-शिक्षिकायें एवं चार एआरपीके कार्यों की जांच की गई। इस जांच में जहां तमाम शिक्षक एवं शिक्षिकाएं बिना अवकाश लिए ड्यूटी से गायब मिले जबकि कई आधे दिन के बाद स्कूल पहुंचे। स्थानीय जनता व जनप्रतिनिधियों से जब फीडबैक लिया गया तो कई के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति बनाने की भी शिकायतें मिली। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।



शिक्षक नेताओं के विद्यालयों पर शासन से आई टीम ने मारा छापा, स्थानीय स्तर पर नहीं थी भनक

आगरा । आगरा के इतिहास में पहली बार बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ी छापेमारी कार्रवाई हुई है। शासन स्तर से आई टीम ने शिक्षक नेता और शिक्षक संघ से जुड़े पदाधिकारियों के स्कूलों पर छापा मारा है। यहां बिल्डिंग से लेकर शिक्षा व्यवस्था परखी है। मिड-डे मील का वितरण, स्कूल के अभिलेख और अभिभावकों से बातचीत तक की है। टीम ने पूरी रिपोर्ट गोपनीय बनाई है, जो शासन स्तर पर दी जाएगी। एक-एक स्कूल में टीम ने दो से ढाई घंटे बिताए हैं। इसके बाद भी स्थानीय स्तर के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी है।


मंगलवार को शासन स्तर से सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के लिए कई टीमें आई थीं। एक टीम में तीन से चार लोग शामिल थे। एक टीम दो से तीन स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए पहुंची थी। टीम के सदस्यों पर एक लिस्ट थी । इसमें चुनिंदा स्कूलों के नाम थे। लिस्ट के हिसाब से छापेमार कार्रवाई हुई। ताज्जुब इस बात का था कि ये स्कूल शिक्षक नेता या शिक्षक संघ से जुड़े पदाधिकारियों के थे। 


शासन से आई टीम शहर से लेकर देहात तक के स्कूलों में पहुंची। स्थिति ये थी कि सुबह 8:50 बजे टीम स्कूलों के गेट पर थी। उन्होंने सबसे पहले स्कूल के रिकार्ड खंगाले। स्कूल में साफ-सफाई की व्यवस्था देखी। एमडीएम के हाल देखे। बच्चों की पढ़ाई का स्तर देखा। उनसे बातचीत की। शिक्षकों के बारे में जानकारी ली। अभिभावकों से भी बातचीत की। बाद में बिल्डिंग की स्थिति देखी। खराब मिलने पर कारण पूछा। अधिकारियों को इसकी जानकारी कितनी बार दी। इन सब की जानकारी विस्तार से ली। शिक्षकों से मिलने वाली जानकारी को उन्होंने लिखा भी । जिन विद्यालयों में शिक्षक उपस्थित मिले, उनके विद्यालयों में दो से ढाई घंटे व्यतीत किए । 


स्थानीय स्तर पर नहीं थी भनक

शासन स्तर से आई टीम की गोपनीयता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके निरीक्षण की भनक जिला बेसिक शिक्षाधिकारी या किसी भी खंड शिक्षाधिकारियों को नहीं थी। टीम चुपचाप से स्कूल पर पहुंची। उन्होंने निरीक्षण किया। गोपनीय ढंग से अपनी रिपोर्ट बनाई और चली गई। बाद में शिक्षक कयास लगाने में लगे रहे कि ये टीम विजय किरण आनंद शिक्षा महानिदेशक (बेसिक व माध्यमिक) की थी। टीम ने जो रिपोर्ट बनाई है वो भी शासन स्तर पर ही प्रस्तुत की जाएगी। शिक्षक नेता व शिक्षक संघ से जुड़े पदाधिकारियों के स्कूल का निरीक्षण बुधवार को चर्चा का विषय बना रहा।



शिक्षक नेताओं वाले परिषदीय स्कूलों में छापेमारी

लखनऊ : प्रदेश भर के बेसिक शिक्षकों द्वारा महानिदेशालय के  घेराव के चौबीस घंटे बाद ही शिक्षक नेताओं के स्कूलों में छापेमारी शुरू हो गई है। बीते सोमवार को घेराव किया गया और मंगलवार को ही न्यू आगरा और मथुरा में ऐसे 32 स्कूलों 0 में जांच हुई जहां 40 शिक्षक नेताओं की तैनाती है। इन स्कूलों में 34 में शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक  या तो अनुपस्थित मिले या काफी देर से स्कूल पहुंचे। बुधवार को गायब मिले शिक्षकों को नोटिस जारी करते हुए उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की भी जांच के आदेश दिए गए हैं।


महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के मुताबिक इन शिक्षक नेताओं पर विभागीय कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप, साथी शिक्षकों का शोषण और अनियमितताओं की लगातार शिकायतें मिल रहीं थी। स्कूल से लगातार गायब रहने और आय से अधिक संपत्ति होने का भी मामला प्रकाश में आया था।  ऐसे में राज्य स्तर से 12 वरिष्ठ शिक्षाधिकारियों की टीमें गठित कर आगरा व मथुरा के स्कूलों का औचक निरीक्षण करने के लिए भेजी गईं। 






source http://www.primarykamaster.in/2023/10/blog-post_83.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल ● जिलाधिकारी के निर्णय के बाद परीक्षा स्थगित ● परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर उठाया सवाल ● प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी से की मुलाकात ● शासनादेश का अनुपालन कराए जाने की डीएम से मांग उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय ऑडिटर नीलमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से मिलकर 30 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया है। फिलहाल जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। संघ ने इस सम्बंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने बताया कि आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने का मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया है। प्रतियोगिता ऐच्छिक होती है बाध्यकारी नहीं। बावजूद इसके जनपद में परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अन...

जीआईसी प्रवक्ता : 10 माह बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, देरी का खामियाजा भुगतेंगे अभ्य्धी, वरिष्ठता का नहीं मिलेगा लाभ

प्रयागराज। राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के लिए 2014-15 में घोषित पदों पर पांच वर्ष बाद इस साल फरवरी-मार्च में रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन चयन के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तो शुरू हुई परंतु बीच वह भी अधर में फंस गई है। जबकि 22 दिसंबर को ही नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए था । इस साल के खत्म होने में सिर्फ पांच दिन ही शेष बचे हैं। बाकी बचे चार दिनों में भी अगर नियुक्ति नहीं होती है तो पांच वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की वरिष्ठता का नुकसान उठाना होगा। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों पर चयनित 298 अभ्यर्थियों ने आठ से 15 दिसंबर के बीच नियुक्ति के लिए खुले पोर्टल पर ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक सचिव की ओर से 22 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई थी। source http://www.primarykamaster.in/2020/12/10_27.html