UPTET से पहले शिक्षक भर्ती परीक्षा और डीएलएड में भी हुई थी किरकिरी, PNP पर लगातार लगते रहे दाग
■ 68500 शिक्षक भर्ती में पीएनपी सचिव सहित कई पर हुई कार्रवाई
■ नकल के खेल में डीएलएड की कौशांबी में रद की गई थी परीक्षा
प्रयागराज : यह तो जांच में सामने आएगा कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)-2021 का पर्चा आउट करने में किस-किस की भूमिका रही, लेकिन उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) की परीक्षाओं पर दाग पहले भी लगते रहे हैं। बेसिक शिक्षा की 68500 शिक्षक भर्ती में तो मनमानी की इंतहा हो गई थी। परीक्षा एजेंसी के स्तर पर कापियां बदले जाने से लेकर फेल को पास और पास को फेल करने का खेल बड़े स्तर पर हुआ था, जिसमें हाई कोर्ट के कड़े रुख के बाद कई अफसरों पर कार्रवाई हुई थी।
इसके अलावा डीएलएड परीक्षा भी पर्चा आउट होने के कारण रद करनी पड़ी थी। 68500 शिक्षक भर्ती में कापी बदले जाने का मामला लेकर महिला अभ्यर्थी राधिका देवी कोर्ट गई तो बड़े स्तर पर गड़बड़ी किए जाने का मामला सामने आया। परीक्षा संस्था की ओर से याची राधिका की कापी कोर्ट में प्रस्तुत की गई तो वह उसकी थी ही नहीं। यह मामला सामने आने के बाद फेल किए गए कई अभ्यर्थी कोर्ट पहुंच गए। खेल इस स्तर पर हुए थे कि कई अभ्यर्थियों के अंक दूसरे की कापी पर चढ़ा दिए गए थे। इसके चलते तमाम फेल अभ्यर्थी पास तो तमाम पास अभ्यर्थी फेल हो गए थे।
हाई कोर्ट के आदेश पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की कापियों का पुनर्मूल्यांकन कराया गया तो करीब 4500 अभ्यर्थी सफल हुए थे। मामले में हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद तत्कालीन सचिव, परीक्षा नियंत्रक सहित कई अफसरों पर कार्रवाई हुई थी। इस भर्ती परीक्षा में आरक्षण निर्धारण में भी खेल किया गया था। आरक्षण निर्धारण विवाद के कारण बाद में 6127 अन्य अभ्यर्थी चयनित घोषित किए गए थे। गड़बड़ी के स्तर का अनुमान इससे भी लगता है कि 68500 शिक्षक भर्ती के कई अभ्यर्थी अभी भी लटके हुए हैं और उसके बाद आई 69000 शिक्षक भर्ती पूरी हो गई। पीएनपी की डीएलएड परीक्षा भी सवालों के घेरे में आई थी। कौशांबी में पर्चा आउट होने पर परीक्षा को निरस्त करना पड़ा था। इसके अलावा यूपीटीईटी भी इसके पहले विवादित रही है। पर्चा आउट कराने व नकल के आरोप लगे। हालांकि कार्रवाई कुछ नहीं हुई।
source http://www.primarykamaster.in/2021/11/uptet-pnp.html
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