Skip to main content

इंतजार खत्म, यूपी बोर्ड की किताबें बाजार में

इंतजार खत्म, यूपी बोर्ड की किताबें बाजार में

लखनऊ : यूपी बोर्ड के लखनऊ में पंजीकृत करीब दो लाख बच्चों को किताबों का इंतजार खत्म हो गया है।

सरकार द्वारा मुहैया कक्षा नौ से इंटरमीडिएट की सस्ती किताबें बाजार में आ गई हैं। यह निजी प्रकाशकों की तुलना में आठ से 10 गुना सस्ती हैं। डीआईओएस की ओर से स्कूलों को सूचना भेजी जा रही है।



आपके अपने ‘हिन्दुस्तान’ अखबार में ‘साहब! कितने महीने बाद मिलेंगी यूपी बोर्ड की किताबें’ प्रकाशित खबर का परिषद ने संज्ञान लिया और दो दिन में ही किताबें बाजार में मुहैया करा दी।

सबसे महंगी किताब 72 रुपये में डीआईओएस राकेश पाण्डेय ने बताया कि अमीनाबाद में थोक विक्रेताओं के यहां किताबें आ गई हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा नामित किताबों के दाम निजी प्रकाशकों की तुलना में बहुत कम हैं। कक्षा नौ, 10, 11 व 12 में अंग्रेजी की किताबें दाम 8-10 रुपये में है। 11 की रसायन भाग-एक की किताब सबसे महंगी है, जो 72 रुपये की हैं। प्रकाशकों ने एनसीईआरटी की 36 किताबें, नान एनसीईआरटी की 12 किताबें छापी हैं।

प्रमुख किताबों के दाम
किताबें दाम

(कक्षा 9 से 12) (रुपये)

अंग्रेजी आठ से 10

गणित 41 से 69

विज्ञान 66

सामाजिक विज्ञान 42

भौतिक विज्ञान 56 से 64

रसायन विज्ञान 35 से 72

जीव विज्ञान 68 से 77

भूगोल 6 से 23

इतिहास 9 से 12

नागरिक शास्त्रत्त् 9 से 10

समाज शास्त्रत्त् 11

गृह विज्ञान 8

हिन्दी 11

संस्कृत 10

उर्दू 10

दो स्कूलों में भी स्टॉल

डीआईओएस राकेश पाण्डेय ने बताया कि जल्द ही किताबों के स्टाल लगाए जाएंगे, ताकि लखनऊ के 750 स्कूलों के दो लाख बच्चों को किताबें आसानी मिल सकें। यह स्टाल सिटी स्टेशन रोड स्थित जुबिली कॉलेज और शाहमीना रोड स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में लगाया जाएगा। इस स्टाल से प्रधानाचार्य, शिक्षक किताबें दिलाएंगे।


source http://www.primarykamaster.in/2023/07/blog-post_24.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल ● जिलाधिकारी के निर्णय के बाद परीक्षा स्थगित ● परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर उठाया सवाल ● प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी से की मुलाकात ● शासनादेश का अनुपालन कराए जाने की डीएम से मांग उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय ऑडिटर नीलमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से मिलकर 30 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया है। फिलहाल जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। संघ ने इस सम्बंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने बताया कि आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने का मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया है। प्रतियोगिता ऐच्छिक होती है बाध्यकारी नहीं। बावजूद इसके जनपद में परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अन...

जीआईसी प्रवक्ता : 10 माह बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, देरी का खामियाजा भुगतेंगे अभ्य्धी, वरिष्ठता का नहीं मिलेगा लाभ

प्रयागराज। राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के लिए 2014-15 में घोषित पदों पर पांच वर्ष बाद इस साल फरवरी-मार्च में रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन चयन के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तो शुरू हुई परंतु बीच वह भी अधर में फंस गई है। जबकि 22 दिसंबर को ही नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए था । इस साल के खत्म होने में सिर्फ पांच दिन ही शेष बचे हैं। बाकी बचे चार दिनों में भी अगर नियुक्ति नहीं होती है तो पांच वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की वरिष्ठता का नुकसान उठाना होगा। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों पर चयनित 298 अभ्यर्थियों ने आठ से 15 दिसंबर के बीच नियुक्ति के लिए खुले पोर्टल पर ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक सचिव की ओर से 22 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई थी। source http://www.primarykamaster.in/2020/12/10_27.html