Skip to main content

आंकड़े बता रहे प्राइमरी से माध्यमिक तक मजबूती से बढ़े यूपी की बेटियों के कदम

आंकड़े बता रहे प्राइमरी से माध्यमिक तक मजबूती से बढ़े यूपी की बेटियों के कदम

उच्च प्राथमिक से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक में भी बढ़ी संख्या


प्रयागराज :  समग्र शिक्षा अभियान के तहत 2023-24 के लिए प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत किए गए उत्तर प्रदेश के आंकड़े सुखद हैं। बीच में पढ़ाई छोड़ने वाली छात्राओं की संख्या में कमी आई है। जाहिर है कि इसके चलते स्कूल जाने वाली छात्राओं की संख्या में वृद्धि हुई है।



2018-19 में प्राथमिक स्तर (कक्षा पांच) तक की पढ़ाई पूरी करने वाली 80.2 प्रतिशत छात्राओं ने उच्च प्राथमिक स्तर की पढ़ाई (कक्षा छह) के लिए दाखिला लिया था। उसी साल आठवीं पास 79.6 फीसदी बेटियों ने कक्षा नौ और कक्षा दस पास 65.4 प्रतिशत छात्राओं ने कक्षा 11 में प्रवेश लिया था। 


अच्छी बात है कि दो साल बाद ही 2021-22 में प्राथमिक से उच्च प्राथमिक में दाखिला लेने वाली छात्राओं की संख्या 88.28 प्रतिशत और कक्षा आठ पास करने के बाद नौवीं में 80.30 फीसदी बेटियों ने प्रवेश लिया। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव दसवीं पास करने वाली छात्राओं में देखने को मिला। 2021-22 में 11वीं में 79.74 फीसदी छात्राओं ने प्रवेश लिया। जो तीन साल पहले के 65.4 प्रतिशत से 14.34 फीसदी अधिक था। उच्च शिक्षा में भी बेटियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।


यूपी बोर्ड परीक्षा देने में भी अव्वल हैं बेटियां


यूपी बोर्ड की परीक्षा में हर साल परचम लहराने वाली छात्राएं परीक्षा देने में भी अव्वल हैं। छात्रों की तुलना में परीक्षा देने वाली छात्राओं की संख्या अधिक है। 2023 की इंटरमीडिएट परीक्षा में पंजीकृत 1547558 बालकों में से 1407572 या 90.95 प्रतिशत परीक्षा में शामिल हुए थे। जबकि 1220622 छात्राओं में से 1163430 या 95.31 फीसदी ने परीक्षा दी थी। 2023 की हाईस्कूल में पंजीकृत 1691005 बालकों में से 1515809 या 89.63 प्रतिशत परीक्षा में शामिल हुए थे। वहीं 1415152 छात्राओं में से 1339070 या 94.62 फीसदी ने परीक्षा दी।


निश्चित रूप से समाज में बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है। सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के कारण भी स्कूल जाने वाली छात्राओं की संख्या में वृद्धि हुई है जो कि समाज के लिए अच्छी बात है। — नीना श्रीवास्तव, पूर्व सचिव यूपी बोर्ड


source http://www.primarykamaster.in/2023/07/blog-post_28.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल ● जिलाधिकारी के निर्णय के बाद परीक्षा स्थगित ● परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर उठाया सवाल ● प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी से की मुलाकात ● शासनादेश का अनुपालन कराए जाने की डीएम से मांग उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय ऑडिटर नीलमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से मिलकर 30 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया है। फिलहाल जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। संघ ने इस सम्बंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने बताया कि आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने का मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया है। प्रतियोगिता ऐच्छिक होती है बाध्यकारी नहीं। बावजूद इसके जनपद में परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अन...

जीआईसी प्रवक्ता : 10 माह बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, देरी का खामियाजा भुगतेंगे अभ्य्धी, वरिष्ठता का नहीं मिलेगा लाभ

प्रयागराज। राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के लिए 2014-15 में घोषित पदों पर पांच वर्ष बाद इस साल फरवरी-मार्च में रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन चयन के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तो शुरू हुई परंतु बीच वह भी अधर में फंस गई है। जबकि 22 दिसंबर को ही नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए था । इस साल के खत्म होने में सिर्फ पांच दिन ही शेष बचे हैं। बाकी बचे चार दिनों में भी अगर नियुक्ति नहीं होती है तो पांच वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की वरिष्ठता का नुकसान उठाना होगा। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों पर चयनित 298 अभ्यर्थियों ने आठ से 15 दिसंबर के बीच नियुक्ति के लिए खुले पोर्टल पर ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक सचिव की ओर से 22 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई थी। source http://www.primarykamaster.in/2020/12/10_27.html