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Showing posts from May, 2023

बेटियों को सरकारी तो बेटों को पढ़ाते हैं अंग्रेजी स्कूल में, अध्ययन में हुआ खुलासा

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बेटियों को सरकारी तो बेटों को पढ़ाते हैं अंग्रेजी स्कूल में, अध्ययन में हुआ खुलासा

बेटियों को सरकारी तो बेटों को पढ़ाते हैं अंग्रेजी स्कूल में, अध्ययन में हुआ खुलासा अध्ययन में बेटियों की शिक्षा पर खर्च न करने की सामाजिक कुरीति के बावजूद यह सकारात्मक पहलू भी सामने आया कि तमाम दिक्कतों के बाद भी 10वीं और 12वीं कक्षा में बेटियां उपस्थिति से लेकर पढ़ाई व परिणाम में बेटों से बहुत आगे हैं।   विस्तार देश की बेटियों के हर मोर्चे पर परचम लहराने के बावजूद आज भी समाज में दोयम दर्जा बरकरार है। ज्यादातर लोग बेटियों को सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं। वहीं, बेटों के लिए उनकी पसंद अंग्रेजी स्कूल हैं। यह खुलासा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सभी 60 बोर्ड के वर्ष 2022 के नतीजों के अध्ययन में हुआ है। इसमें सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को शामिल किया गया था। अध्ययन में बेटियों की शिक्षा पर खर्च न करने की सामाजिक कुरीति के बावजूद यह सकारात्मक पहलू भी सामने आया कि तमाम दिक्कतों के बाद भी 10वीं और 12वीं कक्षा में बेटियां उपस्थिति से लेकर पढ़ाई व परिणाम में बेटों से बहुत आगे हैं। अध्ययन में पता चला है कि सरकारी स्कूलों में 10वीं कक्षा में एक फीसदी

DGSE की अध्यक्षता में दिनांक 07 जून को आयोजित मासिक समीक्षा बैठक के सम्बन्ध में सूचना प्रेषित किये जाने विषयक वित्त नियंत्रक (माध्यमिक) का पत्र।

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DGSE की अध्यक्षता में दिनांक 07 जून को आयोजित मासिक समीक्षा बैठक के सम्बन्ध में सूचना प्रेषित किये जाने विषयक वित्त नियंत्रक (माध्यमिक) का पत्र।

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UP Madarsa Board Exam: अगले साल से मदरसों में नहीं होंगी बोर्ड परीक्षाएं, सरकारी इंटरमीडिएट कालेजों में परीक्षा केन्द्र बनाने पर हो रहा विचार

UP Madarsa Board Exam: अगले साल से मदरसों में नहीं होंगी बोर्ड परीक्षाएं, सरकारी इंटरमीडिएट कालेजों में परीक्षा केन्द्र बनाने पर हो रहा विचार  UP Madarsa Board Exam 2023:  उत्तर प्रदेश में मदरसा बोर्ड एग्जाम को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. कहा जा रहा है कि अगले साल मदरसा बोर्ड के एग्जाम मदरसों में नहीं लिए जाएंगे. इसके लिए इंटरमीडिएट कालेज का इंतेजाम किया जाएगा.  Madarsa Board Exam 2023:  उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड मदरसों के बजाय इंटरमीडिएट कॉलेजों को एग्जाम सेंटर के तौर पर इस्तेमाल करने पर गौर कर रहा है. अफसरों ने कहा कि इस संबंध में आखिरी फैसला जुलाई में होने वाली बोर्ड की मीटिंग में लिया जाएगा. मदरसा बोर्ड के सदस्य कमर अली और परीक्षा नियंत्रण कक्ष (लखनऊ में स्थापित) के इंचार्ज ने न्यूज एजेंसी को बताया,"अगले सेशन से, बोर्ड मदरसों के बजाय सरकारी इंटरमीडिएट कॉलेजों को एग्जाम सेंटर बनाने पर गौर कर रहा है. इस संबंध में आखिरी फैसला जुलाई में होने वाली बोर्ड की मीटिंग में लिया जाएगा." उन्होंने कहा कि अब तक मदरसा बोर्ड के एग्जाम मदरसों में ही होते थे

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29334 विज्ञान गणित शिक्षक भर्ती में एक दशक की लड़ाई के बाद सहायक अध्यापक बनने की जगी उम्मीद

29334 विज्ञान गणित शिक्षक भर्ती में एक दशक की लड़ाई के बाद सहायक अध्यापक बनने की जगी उम्मीद प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में गणित व विज्ञान विषय की 29334 सहायक अध्यापक भर्ती की लड़ाई लड़ रहे बेरोजगारों को एक दशक बाद नियुक्ति की आस जगी है। 13 जुलाई 2013 को शुरू हुई इस भर्ती में खाली रह गए छह हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला अगस्त महीने में आएगा। प्रयागराज के अभ्यर्थी मनोज कुमार और अलीगढ़ के आलोक चौधरी का कहना है कि प्रदेश सरकार ने 23 मार्च 2017 को मौखिक आदेश से यह भर्ती रोक दी थी। इसके खिलाफ पीड़ित अभ्यर्थियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने मौखिक आदेश को दरकिनार करते हुए दो महीने में भर्ती पूरी करने का आदेश दिया था। लेकिन सरकार ने आदेश नहीं माना और हाईकोर्ट में ही स्पेशल अपील और पुनर्विचार याचिकाएं दायर कर दीं। हालांकि दोनों ही याचिकाएं खारिज हो गईं। इसके बाद अभ्यर्थियों ने भर्ती न होने पर अवमानना याचिका दाखिल कर दी। सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में छह दिसंबर 2018 को काउंसिलिंग करवा चुके औ

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बेसिक शिक्षकों की अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण की प्रक्रिया अब तक नहीं हो पाई, तबादले को लेकर शिक्षकों के बीच बनी हुई है भारी संशय की स्थिति

बेसिक शिक्षकों की अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण की प्रक्रिया अब तक नहीं हो पाई शिक्षकों के जिलों के भीतर तबादले की प्रक्रिया फंसी 28 अप्रैल  पोर्टल को लाइव किया जाना था,  23 से 29 मई तक भरे जाने थे ऑनलाइन फार्म तबादले को लेकर शिक्षकों के बीच बनी हुई है भारी संशय की स्थिति लखनऊ । प्रदेश में बेसिक शिक्षकों की अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण के साथ अब पारस्परिक अन्तः जनपदीय तबादले की प्रक्रिया भी अटकती नजर आ रही है। बेसिक शिक्षा परिषद ने अब इस कार्य को शिक्षकों की ज्येष्ठता सूची के आधार पर प्रोन्नति आदेश जारी होने के बाद शुरू करने का निर्णय किया है। मजे की बात यह है कि शिक्षकों की ज्येष्ठता सूची भी तमाम तरह की त्रुटियों की शिकायतों के कारण अटक गई है। ऐसे में तबादले को लेकर शिक्षकों के बीच भारी संशय की स्थिति बनी हुई है। हताश शिक्षक  कहते हैं कि शासन अपने ही आदेश को समय से पूरा नही करा पा रहा। अधिकारी जान बूझ कर समय से शिक्षकों की समस्याओं को हल करने और उलझा रहें हैं। एक दशक बाद शिक्षको में यह उम्मीद जगी थी कि अन्तः जनपदीय पारस्परिक ट्रान्सफर में वह अपने परिवार के नज़दीक आ जायेंगे,

बेसिक शिक्षकों की अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण की प्रक्रिया अब तक नहीं हो पाई, तबादले को लेकर शिक्षकों के बीच बनी हुई है भारी संशय की स्थिति

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उत्तर प्रदेश में अब जरूरत वाली उपयुक्त जगहों पर स्कूल, अस्पताल व गेहूं खरीद केंद्र आसानी से बन सकेंगे

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यूपी बोर्ड : कक्ष निरीक्षकों व मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों के बकायों का भुगतान शीघ्र

यूपी बोर्ड : कक्ष निरीक्षकों व मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों के बकायों का भुगतान शीघ्र लखनऊ । बोर्ड परीक्षाओं के लिए संकलन केन्द्रों पर नियुक्त मुख्य नियंत्रकों से लेकर परीक्षा केन्द्रों के कक्ष निरीक्षक व मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों के बकाये पारिश्रमिकों का शीघ्र भुगतान हो जाएगा। इस सम्बन्ध में स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरन आनन्द ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर इस बारे में तत्काल सारी सूचनाएं महानिदेशालय को भेजने के निर्देश दिए हैं।  पत्र में कहा गया है कि परीक्षा वर्क 2022 के लिए संकलन केन्द्रों पर नियुक्त मुख्य नियंत्रकों इत्यादि से लेकर परीक्षा केन्द्रों नियुक्त कक्ष निरीक्षक तथा मूल्यांकन केन्द्रों पर नियुक्त शिक्षकों के पारिश्रमिक के लिए परिषद कार्यालय द्वारा आपकी मांग के अनुसार बजट आवंटित किया गया।  ऐसे में अगर बजट के अभाव के कारण मुख्य नियंत्रकों, कक्ष निरीक्षकों अथवा मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों के भुगतान लम्बित रह गए हों तो तय प्रारूप पर अवशेष पारिश्रमिक देयकों की सूचना तत्काल परिषद कार्यालय को ई-मेल के द्वारा तथा मूल प्रति डाक के माध्ययम से भे

उत्तर प्रदेश में अब जरूरत वाली उपयुक्त जगहों पर स्कूल, अस्पताल व गेहूं खरीद केंद्र आसानी से बन सकेंगे

उत्तर प्रदेश में अब जरूरत वाली उपयुक्त जगहों पर स्कूल, अस्पताल व गेहूं खरीद केंद्र आसानी से बन सकेंगे  लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अब पीएम गतिशक्ति प्रोजेक्ट के जरिए जरूरत वाली उपयुक्त जगहों पर स्कूल, अस्पताल व गेहूं खरीद केंद्र आसानी से बना करेंगे। इस हिसाब से पूरे प्रदेश की संबंधित विभागों ने सघन मैपिंग कर ली है । अब एप के जरिए राज्य के दूरस्थ स्थानों पर इस तरह की सुविधाएं जनता की सहूलियत के हिसाब सेउपलब्ध होने लगेंगी। यही नहीं नई शराब की दुकाने खोलने के लिए नए क्षेत्र भी गतिशक्ति पोर्टल से चिन्हित होंगे। इस तरह खुलेंगे स्कूल कालेज   माध्यमिक शिक्षा के लिए 'पहुंच' ऐप विकसित किया गया है। इसके जरिए उन गांवों की पहचान की गई है जिनके आसपास माध्यमिक शिक्षा वाले स्कूल नहीं हैं। पहले राज्य भर में यूपी बोर्ड, सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों की मैपिंग की गई। इसके बाद पांच किमी, दस किमी व 15 किमी के दायरे में आने वाले स्कूलों का आंकड़ा तैयार किया गया।  इस आधार पर अब जाना सकेगा कि उपरोक्त तीन श्रेणी में कहां कहां स्कूल नहीं हैं और वहां जरूरत है। यह काम स्कूल मैपिंग साफ्टवे

राजकीय शिक्षकों ने गर्मी की छुट्टी के स्थान पर 30 दिन का उपार्जित अवकाश देने की रखी मांग

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राजकीय शिक्षकों ने गर्मी की छुट्टी के स्थान पर 30 दिन का उपार्जित अवकाश देने की रखी मांग

राजकीय शिक्षकों ने गर्मी की छुट्टी के स्थान पर 30 दिन का उपार्जित अवकाश देने की रखी मांग लखनऊ। राजकीय शिक्षक संघ की समन्वय समिति ने राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की गर्मी की छुट्टी के स्थान पर 30 दिन का उपार्जित अवकाश देने की मांग की है।  समिति की अध्यक्ष छाया शुक्ला ने प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को पत्र भेजकर कहा है कि ग्रीष्मावकाश में भी शिक्षक मुख्यालय नहीं छोड़ पाते हैं। उन्हें विभिन्न योजनाओं व प्रशिक्षण में शिरकत करनी पड़ती है।  ऐसे में गर्मी की छुट्टी उपयोगी नहीं होती है। इसलिए राज्य कर्मचारियों की भांति उन्हें भी 30 दिन का उपार्जित अवकाश दें। source http://www.primarykamaster.in/2023/05/30.html

उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी डिग्री प्रदान करने में उल्लंघन की जांच एवं निगरानी नियमित रूप से होगी –UGC

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उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी डिग्री प्रदान करने में उल्लंघन की जांच एवं निगरानी नियमित रूप से होगी –UGC

उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी डिग्री प्रदान करने में उल्लंघन की जांच एवं निगरानी नियमित रूप से होगी –UGC   उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी डिग्री प्रदान करने में उल्लंघन की जांच एवं निगरानी नियमित रूप से होगी। नियमित निगरानी के लिए यूजीसी ने इस साल 24 अप्रैल को आयोजित अपनी 568वीं बैठक में एक स्थायी समिति के गठन का फैसला किया है। शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी डिग्री प्रदान करने में कोई अनियमितता मिलने पर यूजीसी ने गंभीर कार्रवाई की चेतावनी दी है। यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बुधवार को बताया, यूजीसी द्वारा गठित स्थायी समिति कुछ उच्च शिक्षण संस्थानों को चिह्नित कर वहां शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी अवॉर्ड करने की प्रक्रिया की जानकारी लेगी। नियुक्ति और पीएचडी के दस्तावेज की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह देखा जायेगा कि यूजीसी द्वारा तय मानकों का पालन किया गया है या नहीं। उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की सिफारिश की जायेगी। चेयरमैन ने कहा कि यूजीसी, समय-समय पर शिक्षकों की गुणवत्ता और शोध डिग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करन

कई माह से प्रमोशन में ही उलझे, बड़ा सवाल तबादले कब होंगे? विभाग की कार्यप्रणाली से शिक्षक हताश, जिम्मेदारों की भी जवाबदेही तय करने की मांग

कई माह से प्रमोशन में ही उलझे, बड़ा सवाल तबादले कब होंगे? विभाग की कार्यप्रणाली से शिक्षक  हताश, जिम्मेदारों की भी जवाबदेही तय करने की मांग लखनऊ : परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के प्रमोशन की वरिष्ठता सूची जारी करने में ही तीन महीने बीत गए। इसके बाद अब प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू होगी। शिक्षकों के अंत: जनपदीय तबादले भी होने थे। उसके बारे में विभाग की ओर से बताया गया था कि तबादले 3 मई के बाद होंगे। तब से अभी तक कोई सूचना नहीं दी गई। शिक्षकों को चिंता सता रही है कि विभाग अभी प्रमोशन प्रक्रिया ही पूरी नहीं कर पाया है। कहीं तबादलों का मामला टल ही न जाए। 10 बार बढ़ी तारीख, तब अपलोड हुई सूची : परिषदीय शिक्षकों के कई साल से प्रमोशन नहीं हुए हैं। इस साल फरवरी में प्रमोशन का आदेश हुआ। कार्यक्रम भी जारी हुआ । उसकी पहली ही प्रक्रिया यह थी कि सबकी ज्येष्ठता सूची तैयार की जाए। ज्येष्ठता सूची की 10 बार अंतिम तिथि बढ़ी। इसके बाद इसे पूरा किया जा सका। प्रमोशन की प्रक्रिया तब पूरी हो पाएगी जब सभी जिले अपने यहां खाली पदों का ब्योरा अपलोड करेंगे। उसके बाद खाली पदों के सापेक्ष शिक्षकों से विकल्प

कई माह से प्रमोशन में ही उलझे, बड़ा सवाल तबादले कब होंगे? विभाग की कार्यप्रणाली से शिक्षक हताश, जिम्मेदारों की भी जवाबदेही तय करने की मांग

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बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) पर आधारित होगी यूपी बोर्ड के स्कूलों में त्रैमासिक परीक्षा

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बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) पर आधारित होगी यूपी बोर्ड के स्कूलों में त्रैमासिक परीक्षा

बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) पर आधारित होगी यूपी बोर्ड के स्कूलों में त्रैमासिक परीक्षा प्रयागराज | माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से 9वीं और 10वीं में त्रैमासिक परीक्षाएं अब बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार पर होगी। इसके लिए बोर्ड की तरफ से निर्देश जारी कर दिया गया है। हालांकि बोर्ड की तरफ से जारी निर्देश की मानें, तो मई के तीसरे सप्ताह में ही पहली परीक्षा होनी थी, लेकिन स्कूलों में गर्मी की छुट्टी होने के कारण पहली त्रैमासिक परीक्षा जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में होगी। कोरोना महामारी के बाद से यूपी बोर्ड ने कई बदलाव किए हैं, इसमें 9वीं और 10वीं में त्रैमासिक परीक्षा की व्यवस्था में बदलाव किया है। बोर्ड ने त्रैमासिक परीक्षा को पूरी तरह से बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित करने का निर्देश दिया है। परीक्षा जुलाई के अलावा नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में होगी। इन परीक्षाओं में मासिक निर्धारित पाठ्यक्रम के हिसाब से ही बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके साथ ही 9वीं से 12वीं तक जनवरी के प्रथम सप्ताह में पूरा पाठ्यक्रम पूरा करने का निर्देश भी बोर्ड की तरफ से जारी किया गया है। बोर्ड सचिव दिव

UGC ने लॉन्च किया PoP ऑनलाइन पोर्टल, एक जगह मिलेंगे कई फील्ड्स के एक्सपर्ट

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UPTET परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी होने की सूचना निकली गलत, बेसिक शिक्षा विभाग ने ट्वीट डिलीट कर दिया स्पष्टीकरण

UPTET परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी होने की सूचना निकली गलत, बेसिक शिक्षा विभाग ने ट्वीट डिलीट कर दिया स्पष्टीकरण बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा पहले ट्वीट को डिलीट करने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक और ट्वीट गया. जिसमे लिखा गया 'UP TET परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी होने की गलत खबर है. बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा नोटिफिकेशन आधिकारिक वेबसाइट  updeled.gov.in  पर जारी किया जाएगा. बेसिक शिक्षा विभाग उम्मीदवारों से अपील की है कि वे अफवाहों से सावधान रहें और किसी भी जानकारी के लिए केवल ऑफिशियल वेबसाइट पर ही भरोसा करें. लखनऊ . UP TET 2023 परीक्षा के इंतजार कर रहे युवाओं के लिए बड़ी अपडेट खबर आई है. बेसिक शिक्षा विभाग ने ट्वीट कर स्पष्टीकरण दिया है. बता दें कि Department Of Basic Education Uttar Pradesh Tweeter Handle से एक ट्वीट किया गया. जिसमे UP TET 2023 के नोटिफिकेशन को लेकर अपडेट दिया गया था.  फिर इस ट्वीट के कुछ ही देर बाद डिलीट कर दिया गया और उसी ट्वीटर अकाउंट से पुनः ट्वीट किया गया. जिसमें पिछले ट्वीट को गलत बताते हुए अफवाहों से बचने के लिए कहा गया.

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ओबीसी के छह लाख छात्र छात्राओं का वजीफा फंसा

ओबीसी के छह लाख छात्र छात्राओं का वजीफा फंसा लखनऊ : प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रवृत्ति व फीस भरपाई करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को मौजूदा शैक्षिक सत्र में छात्रवृत्ति और फीस भरपाई का लाभ नहीं मिल पाया। इनमें कक्षा 10 से ऊपर की कक्षाओं में पढ़ने वाले पांच लाख और कक्षा 10 से नीचे की कक्षाओं के एक लाख गरीब छात्र-छात्राएं शामिल हैं। जानकारी के अनुसार करीब 20 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने छात्रवृत्ति और फीस भरपाई के लिए आवेदन किया था। मगर बजट कम पड़ जाने की वजह से इनमें से महज 15 लाख से कुछ अधिक छात्र-छात्राओं को ही छात्रवृत्ति व फीस भरपाई का लाभ मिल सका। बाकी आवेदक वंचित रह गए। पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने स्वीकार किया कि समुचित बजट के अभाव में इस बार सभी आवेदकों को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं दिया जा सका। source http://www.primarykamaster.in/2023/05/blog-post_21.html

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यूपी बोर्ड का वार्षिक शैक्षिक कैलेंडर जारी, फरवरी में बोर्ड परीक्षा, वर्ष 2023-24 के वार्षिक कैलेंडर में कई नई गतिविधियों का समावेश

यूपी बोर्ड का वार्षिक शैक्षिक कैलेंडर जारी, फरवरी में बोर्ड परीक्षा, वर्ष 2023-24 के वार्षिक कैलेंडर में कई नई गतिविधियों का समावेश प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए तिथिवार शैक्षिक कैलेंडर जारी किया है। वर्ष 2024 की यूपी बोर्ड परीक्षा फरवरी में कराई जाएगी। अर्द्धवार्षिक परीक्षा सितंबर माह तक निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर अक्टूबर 2023 के द्वितीय और तृतीय सप्ताह में होगी। इस नए सत्र में बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने कई नए पहलुओं का समावेश किया है, जिससे विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति लगाव बढ़े और वह प्रतिस्पर्धा की चुनौतियों से दृढ़ता से निपट सकें। नए सत्र में नया सवेरा कार्यक्रम को भी कैलेंडर में शामिल किया गया है। पहली बार यह गतिविधियां ● आज के सुविचार की बनेगी पंजिका । सर्वश्रेष्ठ सुविचार प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थी को प्रार्थना सभा में सम्मानित किया जाएगा। ● एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के उत्पादों का विद्यार्थी यथासंभव प्राथमिकता से उपयोग करें, इसके लिए जिला स्तर पर होने वाले शिल्प मेलों व ओडीओपी पर आधारित प्र

यूपी बोर्ड का वार्षिक शैक्षिक कैलेंडर जारी, फरवरी में बोर्ड परीक्षा, वर्ष 2023-24 के वार्षिक कैलेंडर में कई नई गतिविधियों का समावेश

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मियाद खत्म : बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन के लिए 11 बार हिदायत देने के बावजूद वरिष्ठता सूची दस जिलों ने अपलोड नहीं की

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मियाद खत्म : बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन के लिए 11 बार हिदायत देने के बावजूद वरिष्ठता सूची दस जिलों ने अपलोड नहीं की

मियाद खत्म : बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन के लिए 11 बार हिदायत देने के बावजूद वरिष्ठता सूची दस जिलों ने अपलोड नहीं की प्रयागराज । परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के प्रमोशन के लिए 11 बार हिदायत देने के बावजूद 75 में से 65 जिले ही वरिष्ठता सूची अपलोड कर सके हैं।  बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने 12 मई को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को एनआईसी की ओर से तैयार पोर्टल पर 16 मई तक वरिष्ठता सूची अपलोड करने के निर्देश दिए थे। लेकिन समयसीमा बीतने के बावजूद 10 जिलों की सूची फाइनल नहीं हो सकी है।  जिन जिलों ने वरिष्ठता सूची अपलोड की है उसमें भी तमाम कमियां हैं। भदोही ने जन्मतिथि के आधार पर वरिष्ठता सूची तैयार कर दी है जबकि नियमावली के मुताबिक ज्येष्ठता सूची अध्यापक की मौलिक नियुक्ति तिथि और चयन गुणांक से तय होती है। पहले बाराबंकी ने भी जन्मतिथि के आधार पर सूची तैयार की थी, लेकिन बाद में ठीक कर लिया गया। source http://www.primarykamaster.in/2023/05/11.html

यूपी बोर्ड के शिक्षक असमंजस में किस किताब से पढ़ाएं, यह अब तक तय नहीं

यूपी बोर्ड के शिक्षक असमंजस में किस किताब से पढ़ाएं, यह अब तक तय नहीं लखनऊ । यूपी बोर्ड का सत्र शुरू हुए 45 दिन गुजर गए हैं। अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण कर प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को बच्चों की संख्या बढ़ाने और नियमित पढ़ाने का दबाव बना रहे हैं, लेकिन किताबों का पता नहीं है।  परिषद ने शैक्षिक कलेण्डर जारी कर दिया, लेकिन अभी तक एनसीईआरटी की किताबों का टेंडर नहीं कराया है। जिसकी वजह से किताबें बाजार में नहीं उपलब्ध हैं। प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के सामने बड़ी असमंजस की स्थिति है कि वह बच्चों को कौन सी किताबें खरीदने का सुझाव दें? फिलहाल पुरानी किताबों से पढ़ा रहे हैं। यह समस्या लखनऊ समेत समूचे प्रदेश के यूपी बोर्ड के स्कूलों में हैं। पिछले प्रकाशक की किताबें बाजार में नहीं राजकीय व एडेड स्कूलों के प्रधानाचार्यों का कहना है कि किताबें बाजार में नहीं मिल रही हैं। अकेले में लखनऊ के राजकीय, एडेड व वित्तविहीन स्कूलों में करीब दो लाख पंजीकृत हैं। बच्चों के पास किताबें नहीं हैं। बैग खाली लेकर आ रहे हैं। पुरानी किताबों से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। एक प्रधानाचार्या ने बताया कि मा

मदरसों में समुचित और पूरी शिक्षा नहीं, हाई कोर्ट ने केंद्र व राज्य को किया जवाब तलब

मदरसों में समुचित और पूरी शिक्षा नहीं, हाई कोर्ट ने केंद्र व राज्य को किया जवाब तलब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में विचाराधीन एक मामले में हस्तक्षेप प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए, शपथ पत्र पर कहा है कि मदरसों में बच्चों को मिलने वाली शिक्षा समुचित और व्यापक नहीं है और इसके आभाव में मदरसों में शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन हो रहा है। शपथ पत्र में मदरसों में सरकारी खर्चे पर मजहबी शिक्षा दिए जाने का भी विरोध किया है। न्यायालय ने एनसीपीसीआर के उक्त प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए, सुनवाई का अवसर देने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 30 मई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने एजाज अहमद की याचिका में दाखिल उपरोक्त हस्तक्षेप प्रार्थना पत्र पर पारित किया है। एनसीपीसीआर के प्रमुख निजी सचिव विजय कुमार अदेवा द्वारा दाखिल शपथ पत्र में आगे कहा गया है कि दूसरे स्कूलों के बच्चों को जिस प्रकार से आधुनिक शिक्षा मिलती है, मदरसे के बच्चे उससे वंचित रह जाते हैं। यह भी कहा गया है कि ये संस्थान गैर मुस्लिम बच्चों को भी इस्लाम

मदरसों में समुचित और पूरी शिक्षा नहीं, हाई कोर्ट ने केंद्र व राज्य को किया जवाब तलब

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छात्रवृत्ति के आवेदन के लिए देना होगा पिता का भी आधार और पैनकार्ड, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में निर्धारित सीमा से अधिक आय हुई तो आवेदन होगा रद्द

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छात्रवृत्ति के आवेदन के लिए देना होगा पिता का भी आधार और पैनकार्ड, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में निर्धारित सीमा से अधिक आय हुई तो आवेदन होगा रद्द

छात्रवृत्ति के आवेदन के लिए देना होगा पिता का भी आधार और पैनकार्ड, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में निर्धारित सीमा से अधिक आय हुई तो आवेदन होगा रद्द लखनऊ । छात्रवृत्ति व शुल्क भरपाई के ऑनलाइन आवेदन में अब छात्र को अपने पिता का भी आधार व पैन देना होगा। आयकर विभाग की वेबसाइट से आय के मिलान के लिए यह कवायद शुरू की जा रही है। इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) में निर्धारित सीमा से अधिक आय पर आवेदन रद्द हो जाएगा। प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति के ढाई लाख व अन्य वर्गों के दो लाख रुपये तक सालाना आय वाले परिवारों के विद्यार्थियों को शुल्क भरपाई व छात्रवृत्ति की सुविधा दी जाती है। हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्र इसका लाभ लेते हैं। अक्सर निर्धारित सीमा से अधिक आय वाले परिवारों के विद्यार्थी भी योजना के लिए आवेदन कर देते हैं। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से समाज कल्याण विभाग को आधार का ब्योरा इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है। विद्यार्थी जैसे ही आवेदन में पिता का आधार नंबर भरेगा, एक बॉक्स और खुलेगा, जिसमें स्थायी खाता संख्या (पैन) मांगा जाएगा। इससे मिलान हो सकेगा कि विद्यार्थी के पित

माध्यमिक शिक्षा विभाग अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों / योजनाओं की समीक्षा बैठक के सम्बन्ध में

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