Skip to main content

छात्रवृत्ति योजना में सरकारी और निजी संस्थानों का खत्म होगा भेद, समान वरीयता सूची के आधार पर होगा भुगतान, शासन को भेजा गया प्रस्ताव

छात्रवृत्ति योजना में सरकारी और निजी संस्थानों का खत्म होगा भेद, समान वरीयता सूची के आधार पर होगा भुगतान, शासन को भेजा गया प्रस्ताव।

लखनऊ :  छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में इस सत्र से सरकारी और निजी संस्थानों के आधार पर वरीयता का भेद खत्म होगा। समान वरीयता सूची के आधार पर भुगतान होगा। सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए यह व्यवस्था लागू की जाएगी। एससी एसटी के विद्यार्थियों के लिए पहले की ही तरह व्यवस्था लागू रहेगी। इस बाबत समाज कल्याण निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेजा है।



दरअसल, कुछ समय पहले प्रदेश सरकार ने सामान्य और ओबीसी विद्यार्थियों के लिए इस योजना में समान नियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत बदलाव की तैयारी है। सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के मामले में अभी तक लागू व्यवस्था में सरकारी संस्थानों, सहायता प्राप्त संस्थानों और निजी संस्थानों को इसी क्रम में वरीयता दी जाती है। यानी, उपलब्ध बजट में पहले सरकारी और सहायता प्राप्त सरकारी संस्थानों के विद्यार्थियों का नंबर आता है और बजट बचने पर निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिलता है। वहीं, ओबीसी विद्यार्थियों के मामले में संस्थानों के स्तर पर यह भेद नहीं किया जाता, बल्कि विद्यार्थियों के पिछली कक्षा में अंकों के आधार पर वरीयता सूची तय की जाती है।



समान वरीयता सूची के आधार पर होगा भुगतान, निदेशालय ने शासन को भेजा प्रस्ताव

अब यह है प्रस्ताव

तैयार प्रस्ताव के अनुसार, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की तरह ही समाज कल्याण विभाग सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए संसाधनों के आधार पर वरीयता दिए बिना सिर्फ अंकों के आधार पर वरीयता सूची तैयार करवाएगा। इससे झ दोनों वर्गों के नवीनीकरण श्रेणी के छात्रों को पहले भुगतान होगा इसके बाद जो धन बचेगा, उसे वरीयता सूची के आधार पर नए छात्रों को भुगतान होगा। एससी-एसटी छात्रों की राशि का एक बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार देती है। इसलिए इसमें पहली जैसी व्यवस्था ही रहेगी। बता दें, एससी एसटी के सभी पात्र छात्रों को योजना का लाभ दिया जाता है, जबकि सामान्य व ओबीसी के छात्रों के लिए यह योजना बजट आधारित है।


source http://www.primarykamaster.in/2020/09/blog-post_279.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल ● जिलाधिकारी के निर्णय के बाद परीक्षा स्थगित ● परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर उठाया सवाल ● प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी से की मुलाकात ● शासनादेश का अनुपालन कराए जाने की डीएम से मांग उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय ऑडिटर नीलमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से मिलकर 30 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया है। फिलहाल जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। संघ ने इस सम्बंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने बताया कि आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने का मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया है। प्रतियोगिता ऐच्छिक होती है बाध्यकारी नहीं। बावजूद इसके जनपद में परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अन...

जीआईसी प्रवक्ता : 10 माह बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, देरी का खामियाजा भुगतेंगे अभ्य्धी, वरिष्ठता का नहीं मिलेगा लाभ

प्रयागराज। राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के लिए 2014-15 में घोषित पदों पर पांच वर्ष बाद इस साल फरवरी-मार्च में रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन चयन के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तो शुरू हुई परंतु बीच वह भी अधर में फंस गई है। जबकि 22 दिसंबर को ही नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए था । इस साल के खत्म होने में सिर्फ पांच दिन ही शेष बचे हैं। बाकी बचे चार दिनों में भी अगर नियुक्ति नहीं होती है तो पांच वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की वरिष्ठता का नुकसान उठाना होगा। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों पर चयनित 298 अभ्यर्थियों ने आठ से 15 दिसंबर के बीच नियुक्ति के लिए खुले पोर्टल पर ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक सचिव की ओर से 22 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई थी। source http://www.primarykamaster.in/2020/12/10_27.html