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Showing posts from September, 2021

यूपी में मृत शिक्षकों के आश्रितों को भी मिल सकेगी ग्रेच्युटी, माध्यमिक शिक्षा विभाग तैयार कर रहा प्रस्ताव

यूपी में मृत शिक्षकों के आश्रितों को भी मिल सकेगी ग्रेच्युटी, माध्यमिक शिक्षा विभाग तैयार कर रहा प्रस्ताव प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक कालेजों के मृत शिक्षकों के आश्रितों को ग्रेच्युटी देने की तैयारी है। ये भुगतान उन शिक्षकों के आश्रितों को दिया जाना है जिन्होंने अधिवर्षता आयु का विकल्प नहीं दिया और उनकी मौत हो गई। माध्यमिक शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों की अधिवर्षता आयु तय करने में जुटा है। लखनऊ । प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक कालेजों के मृत शिक्षकों के आश्रितों को ग्रेच्युटी देने की तैयारी है। ये भुगतान उन शिक्षकों के आश्रितों को दिया जाना है, जिन्होंने अधिवर्षता आयु का विकल्प नहीं दिया और उनकी मौत हो गई। माध्यमिक शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों की अधिवर्षता आयु तय करने में जुटा है। माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक रामचेत ने मंडलीय उप शिक्षा निदेशकों पत्र भेजा है इसमें पूछा गया है कि जिन शिक्षकों यानी सहायक अध्यापक, प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य ने अपनी अधिवर्षता आयु के संबंध में विकल्प नहीं दिया है, उनकी अधिवर्षता आयु क्या होगी? एडेड माध

यूपी में मृत शिक्षकों के आश्रितों को भी मिल सकेगी ग्रेच्युटी, माध्यमिक शिक्षा विभाग तैयार कर रहा प्रस्ताव

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CBSE 12वीं की कंपार्टमेंट और अंक सुधार परीक्षा के नतीजे घोषित

CBSE 12वीं की कंपार्टमेंट और अंक सुधार परीक्षा के नतीजे घोषित नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार को 12वीं में कंपार्टमेंट, अंक सुधार, प्राइवेट और पत्रचार के छात्रों के परिणाम घोषित कर दिए। परीक्षा में 45 हजार से अधिक छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि छात्र बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना परिणाम चेक कर सकते हैं। वहीं, बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक 10वीं बोर्ड की कंपार्टमेंट परीक्षाओं का परिणाम गुरुवार को जारी किया जाएगा। source http://www.primarykamaster.in/2021/09/cbse-12.html

फतेहपुर : डीबीटी नहीं ‘दबाव बनाओ तकनीक’, शिक्षक के ही मोबाइल व इंटरनेट पैक के खर्च से ही कार्य कराने पर आमादा है विभाग

फतेहपुर : डीबीटी नहीं ‘दबाव बनाओ तकनीक’, शिक्षक के ही मोबाइल व इंटरनेट पैक के खर्च से ही कार्य कराने पर आमादा है विभाग   फतेहपुर : डीबीटी फीडिंग इन दिनों जिले में परिषदीय शिक्षकों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। शासन की तरफ से बढ़ते दबाव के चलते अफसर भी अपने अधीनस्थों पर दबाव बढ़ाते दिख रहे हैं। प्रतिदिन इस कार्य की समीक्षा की जाने लगी है। शिक्षकों का कहना है कि यह डीबीटी नहीं बल्कि दबाव बनाओ तकनीक है। जबरन दबाव डालकर कम्प्यूटर आपरेटरों की बजाए हमसे काम कराया जा रहा है। ड्रेस, जूता मोजा व बैग समेत अन्य सुविधाओं को भौतिक रूप से देने की बजाए इनकी धनराशि स्कूली बच्चों के खातों में ट्रांसफर करने के लिए इन दिनों युद्धस्तर पर काम चल रहा है। मजे की बात है कि इसके लिए शिक्षकों को कोई तकनीकी प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया। शिक्षकों के ही मोबाइल फोन व इंटरनेट पैक से डीबीटी का काम होने से शिक्षकों के अंदरखाने तगड़ा विरोध है। अब तक शिक्षक डीबीटी के तकनीकी पहलुओं से भली भांति परिचित नहीं हो पाए हैं। इस स्थिति में जिले के करीब ढाई लाख बच्चों की डीबीटी फीडिंग त्रुटिरहित होना बड़ा काम है। कुछ हो

68500 शिक्षक भर्ती : पुनर्मूल्यांकन में सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हेतु जारी जनपदवार विज्ञप्तियां, देखें

68500 शिक्षक भर्ती : पुनर्मूल्यांकन में सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हेतु जारी जनपदवार विज्ञप्तियां, देखें । ■  यह भी देखें : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी काउंसलिंग पत्र व निर्देश source http://www.primarykamaster.in/2021/09/68500.html

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शासन का शैक्षिक कैलेंडर लागू कराने में आ रही मुश्किलें, पहले की तरह शैक्षिक कैलेंडर जारी करने की उठने लगी मांग

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निःशुल्क बांटें विश्वविद्यालयों में लंबित डिग्रियां : आनंदीबेन

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शासन का शैक्षिक कैलेंडर लागू कराने में आ रही मुश्किलें, पहले की तरह शैक्षिक कैलेंडर जारी करने की उठने लगी मांग

शासन का शैक्षिक कैलेंडर लागू कराने में आ रही मुश्किलें, पहले की तरह शैक्षिक कैलेंडर जारी करने की उठने लगी मांग लखनऊ : सत्र 2021-22 के लिए शासन स्तर से जारी शैक्षिक कैलेंडर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों के लिए मुसीबत बन गया है। विश्वविद्यालयों की अलग-अलग परिस्थितियों के कारण इसे लागू कराने में मुश्किलें आ रही हैं। इन्हीं मुश्किलों को देखते हुए फिर से पहले की तरह विश्वविद्यालय स्तर से शैक्षिक कैलेंडर जारी किए जाने की मांग उठने लगी है। कारोना महामारी की परिस्थितियों के कारण पटरी से उतरे शैक्षिक सत्र को फिर से नियमित करने की कवायद के क्रम में खुद शासन स्तर से शैक्षिक कैलेंडर को संशोधित किया जा चुका है। बावजूद इसके हर विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली और पाठ्यक्रम की रूपरेखा अलग-अलग होने से यह कैलेंडर सुविधाजनक नहीं हो पा रहा है। कुछ विश्वविद्यालयों में ज्यादातर पाठ्यक्रमों की पढ़ाई वार्षिक परीक्षा प्रणाली के तहत चल रही है तो कुछ ने सेमेस्टर प्रणाली अपना रखी है। सत्र 2021-22 से सभी विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति के तहत च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अनुसार सेमेस्टर प्रणाली अ

निःशुल्क बांटें विश्वविद्यालयों में लंबित डिग्रियां : आनंदीबेन

विश्वविद्यालयों में लंबित डिग्रियां निशुल्क बांटें : आनंदीबेन लखनऊ : राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में वितरण के लिए लम्बित पड़ी पुरानी डिग्रियों और भविष्य में दीक्षान्त के बाद छात्रों को अविलम्ब डिग्री वितरण का निर्देश दिया है। राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने बताया कि राज्यपाल के संज्ञान में आया है कि इनमें से कई डिग्रियां 10 से 12 वर्ष या उससे भी अधिक पुरानी हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि इसके लिए ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे लम्बित डिग्रियों का शीघ्र वितरण हो सके और भविष्य में दीक्षान्त के तत्काल बाद सभी छात्रों को उनकी डिग्रियां तत्काल वितरित हो जाएं। बहुत पुरानी डिग्री प्राप्त करने में छात्रों में रूचि का भी अभाव है। पुरानी डिग्रियों को सुरक्षित रखने का कार्य भी विश्वविद्यालयों द्वारा किया जा रहा है। इसलिए पुरानी डिग्रियों के वितरण में जरूरी नियमों को शिथिल कर छात्रों को उनकी डिग्री प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। महेश कुमार गुप्ता ने बताया कि राज्यपाल की मंशा के अनुरूप इस संदर्भ में

यूपी में प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने की तैयारी, अब राजकीय इंटर कॉलेज भी होंगे इंग्लिश मीडियम

यूपी में प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने की तैयारी, अब राजकीय इंटर कॉलेज भी होंगे इंग्लिश मीडियम लखनऊ : यूपी के राजकीय इंटर कॉलेजों को भी अंग्रेजी माध्यम से संचालित किए जाने की योजना है। माध्यमिक शिक्षा विभाग पहले से चल रहे अंग्रेजी माध्यम उच्च प्राथमिक स्कूलों के पास के स्कूल को इंग्लिश मीडियम चलाएगा। प्रदेश में लगभग 900 उच्च प्राथमिक स्कूल अंग्रेजी माध्यम से संचालित किए जा रहे हैं। अपर शिक्षा निदेशक अंजना गोयल ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को इन उच्च प्राथमिक स्कूलों की सूची भेज कर कहा है कि इन स्कूलों के पास के माध्यमिक स्तर के स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम किया जाना प्रस्तावित है। ऐसे स्कूलों की पूरी रिपोर्ट एक हफ्ते के भीतर भेजी जाए। ऐसे संभावित स्कूलों को चिह्नित करते हुए उनका नाम, स्कूल में कार्यरत अंग्रेजी से पढ़ाने की योग्यता रखने वाले शैक्षणिक स्टाफ की स्थिति को रिपोर्ट में शामिल किया जाए।  वहीं जिले के स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने की योग्तया रखने वाले अध्यापकों का विवरण भी भेजा जाए। वर्ष 2019 में बेसिक शिक्षा विभाग ने एक हजार उच्च प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी