Skip to main content

मदरसे और मिशनरी स्कूलों की तरह गुरुकुल और वैदिक स्कूलों को भी मिले मान्यता, एक समान शिक्षा संहिता के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार

मदरसे और मिशनरी स्कूलों की तरह गुरुकुल और वैदिक स्कूलों को भी मिले मान्यता, एक समान शिक्षा संहिता के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार

गुरुकुल, मदरसा, मिशनरी और वैदिक स्कूल के लिए समान शिक्षा संहिता की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल



यूनिफॉर्म एजुकेशन कोड लागू करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसमें महरसों की तरह गुरुकुल और वैदिक स्कूल खोलने और चलाने की इजाजत मांगी गई है।



नई दिल्ली
देशभर में यूनिफॉर्म एजुकेशन कोड लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि केंद्र सरकार को निर्देश जारी किया जाए कि हिंदुओं को भी गुरुकुल और वैदिक स्कूल खोलने और चलाने की वैसी ही इजाजत मिलनी चाहिए जैसे मुस्लिमों को मदरसे और क्रिश्चियन को मिशनरी स्कूल खोलने की इजाजत है। गुरुकुल और वैदिक स्कूल को मदरसे व मिशनरी स्कूल की तरह मान्यता देने की गुहार लगाई गई है।


सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें गुरुकुल मदरसा मिशनरी और वैदिक स्कूल के लिए समान शिक्षा संहिता लागू करने की मांग की गई है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि गुरुकुल और वैदिक स्कूलों को मदरसा और मिशनरी स्कूलों के समान मान्यता दी जाए।


 नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है, जिसमें गुरुकुल, मदरसा, मिशनरी और वैदिक स्कूल के लिए समान शिक्षा संहिता लागू करने की मांग की गई है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि गुरुकुल और वैदिक स्कूलों को मदरसा और मिशनरी स्कूलों के समान मान्यता दी जाए। समान शिक्षा संहिता लागू करने की मांग वाली यह याचिका वकील और भाजपा नेता अश्वनी कुमार उपाध्याय ने दाखिल की है। याचिका में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय और विधि आयोग को पक्षकार बनाया गया है।

गुरुकुल और वैदिक स्कूलों को मदरसा और मिशनरी स्कूलों के समान मान्यता देने का अनुरोध

इसमें मांग है कि सुप्रीम कोर्ट घोषित करे कि संविधान के अनुच्छेद 29, 30 के अंतर्गत जिस तरह मुस्लिमों को मदरसा और ईसाइयों को मिशनरी स्कूल खोलने का अधिकार है, उसी तरह हिंदुओं को गुरुकुल और वैदिक स्कूल खोलने का अधिकार प्राप्त है। कहा गया कि वर्तमान समय में मदरसा और मिशनरी स्कूल के शैक्षणिक प्रमाणपत्र को सरकारी नौकरियों में मान्यता प्राप्त है, लेकिन गुरुकुल और वैदिक स्कूल के छात्रों को योग्य नहीं माना जाता। मदरसा और मिशनरी स्कूल धार्मिक शिक्षा भी देते हैं। फिर भी उन्हें सरकार मान्यता और फंड भी देती है। जबकि गुरुकुल और वैदिक स्कूलों को न ही मान्यता दी जाती है और न ही फंड दिया जाता है।


भेदभाव की ओर दिलाया गया अदालत का ध्यान
इसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 29 में सिर्फ अल्पसंख्यकों को ही नहीं बल्कि देश के सभी नागरिकों को अपनी संस्कृति, भाषा और स्कि्रप्ट को संरक्षित करने का अधिकार है। इसी तरह अनुच्छेद 30 में केवल अल्पसंख्यकों को नहीं बल्कि बहुसंख्यकों को भी अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और प्रबंधन का अधिकार मिला हुआ है। इसलिए केंद्र सरकार का दायित्व है कि वह गुरुकुल, वैदिक स्कूल, मदरसा और मिशनरी स्कूल के लिए अनुच्छेद 14, 15, 16, 19, 29 और 30 की भावना के अनुकूल समग्र और समान शिक्षा संहिता बनाए।


गुरुकुल और वैदिक स्कूल वैज्ञानिक और पंथनिरपेक्ष शिक्षा दे रहे हैं। फिर भी उन्हें मदरसा और मिशनरी स्कूलों के समान नहीं माना जाता। याचिका में कहा गया है कि लगातार संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 की गलत व्याख्या की जा रही है, जिसके कारण बहुसंख्यक समुदाय अपने सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकारों से वंचित है। अनुच्छेद 29 और 30 में जो अल्पसंख्यक शब्द का उपयोग किया गया है, वह केवल देश के धार्मिक आधार पर हुए विभाजन के बाद भारत में रह रहे अल्पसंख्यकों को एक अतिरिक्त सुरक्षा देने के लिए किया गया था।


याचिकाकर्ता का कहना है कि यह कोई विशेष अधिकार नहीं है, बल्कि एक अतिरिक्त सुरक्षा दी गई है। अल्पसंख्यक मंत्रालय 25,000 मदरसों को मान्यता देता है। इसके अलावा जमीयत उलमा-ए- हिंद के भी पूरे देश में करीब 20,000 मदरसे हैं जो कि शिक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते। इसके बावजूद उनके छात्रों को सरकारी नौकरियों में राज्य शिक्षा बोर्डों और सीबीएसई बोर्ड से पास छात्रों के बराबर माना जाता है। लेकिन गुरुकुल और वैदिक स्कूल के छात्रों को यह मान्यता नहीं है।


source http://www.primarykamaster.in/2021/09/blog-post_89.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

एक दिन का वेतन काटने के प्रा0शि0संघ के प्रस्ताव को जू0हा0 (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने किया खारिज, मुख्य सचिव को पत्र लिख वेतन कटवाने से किया स्पष्ट इनकार

via प्राइमरी का मास्टर ● इन | Primary Ka Master | District News | Basic Shiksha | Shikshamitra https://ift.tt/3yIhjLL

फतेहपुर : आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव भव्य रूप में मनाए जाने के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी, देखें

via प्राइमरी का मास्टर ● इन | Primary Ka Master | District News | Basic Shiksha | Shikshamitra https://ift.tt/3fNWTJd