बीएड के लिए NCTE गजट में संशोधन की उठने लगी मांग
प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर होने पर बीएड अभ्यर्थियों ने छेड़ा अभियान
दावा : बीएड को शामिल करने से स्कूलों को मिल रहे थे ज्यादा योग्य शिक्षक
प्रयागराज। प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर किए जाने का मुद्दा ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छाया हुआ है।
बीएड अभ्यर्थियों ने मांग की है कि उन्हें प्राइमरी शिक्षक भर्ती में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार एवं एनसीटीई संशोधित गजट लाए। रविवार को सलोरी में हुई संयुक्त युवा मोर्चा की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई।
युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार एवं एनसीटीई को संशोधित गजट जारी कर पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए। जिन लाखों अभ्यर्थियों ने एनसीटीई के गजट 28 जून 2018 के आधार पर बीएड की डिग्री हासिल की है, उन्हें सजा देना उचित नहीं है।
बीएड अभ्यर्थियों के शामिल होने के पूर्व 68500 प्राथमिक शिक्षक भर्ती में 27 हजार सीटें खाली रह गई थीं। कटऑफ 40/45 फीसदी अंक न लाने की वजह से ऐसा हुआ था।
वहीं, बीएड शामिल होने के बाद 69000 शिक्षक भर्ती में 60/65 फीसदी अंक प्राप्त करने के बावजूद भी भारी संख्या में अभ्यर्थी मेरिट में न आने के कारण चयन से वंचित हो गए।
स्पष्ट है कि बीएड अभ्यर्थियों के शामिल होने के बाद परिषदीय विद्यालयों को ज्यादा योग्य शिक्षक मिले। ऐसे में एनसीटीई के गजट में तकनीकी खामी के आधार पर बीएड अभ्यर्थियों को अपात्र कहना उचित नहीं है। सरकार को चाहिए कि बीएड एवं बीटीसी अभ्यर्थियों को आपस में न लड़ाए और सबको समान मौका दे। जो परीक्षा में सफल होगा, उसे नियुक्ति मिलेगी।
source http://www.primarykamaster.in/2023/08/ncte.html
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