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Showing posts from January, 2023

सर्वे : पढ़ाई और नौकरियों में पिछड़ सकते हैं कोविड काल के छात्र

सर्वे : पढ़ाई और नौकरियों में पिछड़ सकते हैं कोविड काल के छात्र नई दिल्ली। कोरोना काल में दुनिया के 95 फीसदी बच्चों को स्कूल बंद होने का सामना करना पड़ा है। इसके दुष्प्रभावों को लेकर हुए एक शोध में दावा किया गया है कि स्कूल बंद होने से विद्यार्थियों की यह पीढ़ी लंबे समय तक प्रभावित रह सकती है। उसे श्रम बाजार में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यानी वे अच्छी नौकरी हासिल करने में पिछड़ सकते हैं। नेचर ह्यूमन बिहेवियर जर्नल में प्रकशित एक शोध में दावा किया गया है। कोरोना काल में स्कूल बंद रहने से बच्चों की तकरीबन 3.5 महीने की अवधि के बराबर की स्कूल में होने वाली पढ़ाई नहीं हो सकी। यह क्षति एक स्कूल वर्ष के 35 फीसदी के बराबर है। इससे बच्चों के सीखने की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित हुई है।  शोधकर्ताओं ने महामारी के दौरान स्कूल बंद होने को लेकर दुनिया भर में हुए 5997 शोधपत्रों का विश्लेषण करने के बाद यह नतीजा निकाला है। उच्च एवं मध्यम आय वाले 42 देशों के अध्ययनों से यह भी ज्ञात हुआ है कि स्कूल बंद होने के कारण बच्चे 291 किस्म के कौशल नहीं सीख पाए । रिपोर्ट में कहा गया है कि

किताबों के लिए 9-12 तक के छात्रों को करना होगा इंतजार, माध्यमिक स्कूलों की किताबों का अब तक नहीं हो सका टेंडर

किताबों के लिए 9-12 तक के छात्रों को करना होगा इंतजार ● माध्यमिक स्कूलों की किताबों का अब तक नहीं हो सका टेंडर ● पिछले साल सत्र के तीन माह बाद किताबों की सूची जारी हुई थी प्रयागराज : दो महीने बाद एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे शैक्षणिक सत्र 2023-24 में माध्यमिक स्कूलों के बच्चों को समय से अधिकृत किताबें मिलना मुश्किल दिख रहा है। यूपी बोर्ड से जुड़े 28 हजार से अधिक स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को सत्र शुरू होने के कम से कम एक महीने बाद नई किताबें सुलभ हो पाएंगी। राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आधारित किताबों के प्रकाशन के लिए बोर्ड की ओर से अब तक टेंडर जारी नहीं हो सका है। टेंडर जारी होने के बाद प्रिंटिंग और सप्लाई के लिए प्रकाशकों को कम से कम तीन महीने का समय देना पड़ता है। इस लिहाज से आज की तारीख में भी टेंडर हो जाए तो अप्रैल के बाद ही किताबें बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध हो सकेंगी। पिछले साल सत्र शुरू होने के तीन महीने बाद छह जुलाई को अधिकृत किताबों की सूची जारी हुई थी। इसके चलते बच्चों ने पहले ह

किताबों के लिए 9-12 तक के छात्रों को करना होगा इंतजार, माध्यमिक स्कूलों की किताबों का अब तक नहीं हो सका टेंडर

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यूपी के संस्कृत स्कूलों में जल्द ही संविदा पर 2000 शिक्षक होंगे भर्ती, शासन को भेजा गया प्रस्ताव

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जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गईं सूचनाएं न देने पर बीएसए समेत छह बीईओ पर 25-25 हजार जुर्माना, जानिए कहां का है मामला?

जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गईं सूचनाएं न देने पर बीएसए समेत छह बीईओ पर 25-25 हजार जुर्माना, जानिए कहां का है मामला?  उन्नाव । जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गईं सूचनाएं न देने पर राज्य सूचना आयुक्त ने बीएसए सहित छह बीईओ पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माने की कटौती उनके वेतन से की जाएगी। सफीपुर कस्बा निवासी अरशद अली ने जन सूचना अधिकार के तहत साल 2019 में अलग-अलग तिथियों में परिषदीय स्कूल में उर्दू शिक्षकों की तैनाती, पंजीकृत उर्दू के छात्र और उन स्कूलों में किताबों की स्थिति की जानकारी बीएसए सहित छह बीईओ से मांगी थी। नियमानुसार 30 दिन के अंदर सूचना दे देनी चाहिए थी। जब सूचना नहीं मिली तो अरशद ने राज्य सूचना आयोग लखनऊ में शिकायत की। वहां से फिर बीएसए और खंड शिक्षाधिकारियों को नोटिस भेजकर आयोग में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे। आयोग के समक्ष देरी से सूचना देने का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर पाए। इस पर राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने सभी पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सूचना न देने वालों में बीएसए के साथ पूर्व बीईओ असोहा सुषमा सेंगर, सिकंदरपुर

जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गईं सूचनाएं न देने पर बीएसए समेत छह बीईओ पर 25-25 हजार जुर्माना, जानिए कहां का है मामला?

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उच्च शिक्षा में पहली बार चार करोड़ से अधिक छात्रों ने दाखिला लिया, लड़कियों के प्रवेश का प्रतिशत भी बढ़ा, अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

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UGC : विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्र को अब पांच अनपढ़ लोगों को पढ़ाना होगा जरूरी, मिलेगा क्रेडिट , नए शैक्षणिक सत्र से ही विश्वविद्यालयों में शुरू होगा नया साक्षरता अभियान, UGC ने जारी की गाइडलाइन

UGC : विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्र को अब पांच अनपढ़ लोगों को पढ़ाना होगा जरूरी, मिलेगा क्रेडिट नए शैक्षणिक सत्र से ही विश्वविद्यालयों में शुरू होगा नया साक्षरता अभियान, UGC ने जारी की गाइडलाइन पाठ्यक्रम से जुड़े प्रोजेक्ट वर्क या एसाइनमेंट का यह होगा हिस्सा इसके बाद ही छात्रों को मिलेगी डिग्री मौजूदा समय में देश की साक्षरता दर करीब 78 प्रतिशत है। नई दिल्ली । वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना अभी भले ही दूर की कौड़ी जैसा लग रहा है, लेकिन केंद्र सरकार इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ चुकी है। खासकर शत- प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करने को लेकर बड़ी पहल की है। इसके लिए एक नया साक्षरता अभियान भी तैयार किया है। जिसमें विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले प्रत्येक छात्रों के लिए हर साल कम से कम पांच अनपढ़ लोगों को अब पढ़ाना जरूरी होगा। इसके लिए उन्हें क्रेडिट स्कोर भी मिलेगा, जो उनके कोर्स में जुडेगा। नई साक्षरता स्कीम को लागू करने के निर्देश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फिलहाल नए शैक्षणिक सत्र से ही सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शि

यूपी बोर्ड परीक्षा : हर पन्ने पर लिखना होगा अपना रोल नंबर

यूपी बोर्ड परीक्षा : हर पन्ने पर लिखना होगा अपना रोल नंबर देखें  🔴 यूपी बोर्ड परीक्षा कक्ष निरीक्षण गाइडलाइन:  https://www.primarykamaster.in/2023/01/2023.html 16 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की परीक्षा में छात्र-छात्राओं को उत्तरपुस्तिका के प्रत्येक पन्ने पर अपनी हैंडराइटिंग में कॉपी का क्रमांक और अपना अनुक्रमांक (रोल नंबर) लिखना होगा।  यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल की ओर से 25 जनवरी को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को कक्ष निरीक्षकों की तैनाती के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। बोर्ड ने कॉपी बदलने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए तीन साल पहले यह तरीका निकाला था।  तब से हर साल छात्र-छात्राओं के लिए कॉपी के हर पन्ने पर रोल नंबर लिखने के निर्देश हैं। परीक्षा के दौरान यदि किसी परीक्षार्थी की तबीयत खराब होती है तो कक्ष निरीक्षक तत्काल केन्द्र व्यवस्थापक को सूचित करेंगे तथा सम्बन्धित परीक्षार्थी को प्राथमिक उपचार के लिए नजदीक के अस्पताल भेजवाने में सहयोग करेंगे।  परीक्षा समाप्ति के बाद परीक्षा कक्ष में उपस्थित सभी परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिकाएं जमा कराने के

जानिए ⁉️ शिक्षा को लेकर क्या हैं आपके अधिकार?

जानिए ⁉️ शिक्षा को लेकर क्या हैं आपके अधिकार?  दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह शिक्षा को गरीबी से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार बताया। कोर्ट ने 14 वर्ष की दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग को गर्भपात की अनुमति देते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण से वंचित वर्गों को शिक्षा के अधिकारों के बारे में जागरूकता अभियान चलाने को कहा है। कानून में शिक्षा के अधिकारों के बारे में जानिए। 2009 में शिक्षा मौलिक अधिकार बनी केंद्र ने 2002 में संविधान में 86वें संशोधन के जरिये अनुच्छेद 21ए को शामिल कर शिक्षा को मौलिक अधिकार घोषित किया। इसे अमलीजामा पहनाने के लिए केंद्र ने पहली अप्रैल, 2010 से शिक्षा के अधिकार अधिनियम को देशभर में लागू किया। इससे पहले, शिक्षा संवैधानिक अधिकार था। दाखिला देना सरकार की जिम्मेदारी आरटीई अधिनियम के तहत बच्चे को पड़ोस के स्कूल में दाखिला पाने का भी हक है। आरटीई की धारा 8 और 9 के तहत यह प्रावधान है कि सरकार बच्चे को खोजकर लाए और दाखिला दिलाए। इसमें कहा गया है कि सरकार सुनिश्चित करे कि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। निजी स्कूलों में पढ़ने का हक छह से 14 साल तक के कम आय वर्

उच्च शिक्षा में पहली बार चार करोड़ से अधिक छात्रों ने दाखिला लिया, लड़कियों के प्रवेश का प्रतिशत भी बढ़ा, अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

उच्च शिक्षा में पहली बार चार करोड़ से अधिक छात्रों ने दाखिला लिया, लड़कियों के प्रवेश का प्रतिशत भी बढ़ा अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण की रिपोर्ट से हुआ खुलासा   देश में पहली बार उच्च शिक्षा में चार करोड़ से अधिक छात्रों ने दाखिला लिया। अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण की रविवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 में 4.14 करोड़ छात्रों ने उच्च शिक्षा में प्रवेश लिया। यह वर्ष 2019-20 से 7.5 और 2014-15 से 21 की वृद्धि है। लड़कियों में दाखिले का प्रतिशत 34 फीसदी बढ़ा है। महिला नामांकन बढ़ा उच्च शिक्षा में महिला नामांकन दो करोड़ तक पहुंच गया। इसमें वर्ष 2019-20 से 13 लाख की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014-15 की तुलना में 2020-21 में अनुसूचित जाति के छात्रों के नामांकन में 28 और अनुसूचित जाति की महिला छात्रों के नामांकन में 38 की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जबकि 2014-15 की तुलना में 2020-21 में एसटी छात्रों के नामांकन में 47 और महिला एसटी छात्रों के नामांकन में 63.4 की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014-15 से ओबीसी छात्र नामांकन में 32 और महिला ओबीसी छात्रों में 39 की उल्लेखनीय वृद्धि हुई

सीतापुर : ARP ने सौंपा सामूहिक इस्तीफा, गलत रिपोर्टिंग का लगाया आरोप, डायट प्राचार्य व बीएसए को दिया पत्र, जानिए पूरा मामला

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ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग क्यों बन रहे आज के युवाओं की बड़ी पंसद? जानें यहां विस्तार से

ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग क्यों बन रहे आज के युवाओं की बड़ी पंसद? जानें यहां विस्तार से   ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग क्यों बन रहे युवाओं की पंसद? जानें यहां डिस्टेंस लर्निंग आजकल देश की युवाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। इससे युवाओं को काफी सुविधा मिलती है, इससे वो नौकरी के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रख पाते हैं। देश में कुछ ऐसे युवा है जो स्कूलिंग पूरा तो कर लेते हैं पर किन्हीं वजहों से वे आगे की पढ़ाई पूरी नही कर पाते। जिसके बाद वे नौकरी वगैरह करने लगते हैं पर मन में आगे नहीं पढ़ने का मलाल होता है जिसकी वजह से वे आगे की पढ़ाई के बारे में विचार करते हैं। देश में आज कल युवा पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। रेगुलर पढ़ाई के साथ यह संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में उनकी मदद करता है ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग। ये आजकल युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हो रहा है। इससे युवाओं को डिग्री भी मिल जाती है और पढ़ाई भी नहीं छोड़नी पड़ती है। ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग ने लाखों युवाओं को आगे पढ़ने का मौका दिया है। इससे युवाओं के करियर

सीतापुर : ARP ने सौंपा सामूहिक इस्तीफा, गलत रिपोर्टिंग का लगाया आरोप, डायट प्राचार्य व बीएसए को दिया पत्र, जानिए पूरा मामला

सीतापुर : ARP ने सौंपा सामूहिक इस्तीफा, गलत रिपोर्टिंग का लगाया आरोप, डायट प्राचार्य व बीएसए को दिया पत्र, जानिए पूरा मामला सीतापुर । बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात एकेडमिक रिर्सोस पर्सन (एआरपी) ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। बीएसए पर गलत रिपोर्टिंग के आधार पर कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कार्यमुक्त करने की बात कही है। इसका पत्र वायरल होते ही बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। अफसर जवाब देने से कतराते रहे। एआरपी ने डायट प्राचार्य व बीएसए को सामूहिक इस्तीफा दिया है। जिसके जरिए कहा कि हम लोगों को नियमित रूप से विद्यालयों का पर्यवेक्षण करके शिक्षक माड्यूल विद्यालयों में लागू कराना है। जिससे प्रत्येक नौनिहाल को गुणवत्तापरक शिक्षा मिल सके। इसके लिए हम लोग लगातार प्रयास कर रहे है। अगर कोई शिक्षक किसी ट्रेनिंग में गए है या अवकाश पर है फिर भी उनको अनुपस्थित दिखाकर बीएसए की तरफ से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। हम लोग भी शिक्षक है। इससे शिक्षकों में हमारे प्रति गलत भावना उत्पन्न हो रही है। इस तरह की कार्रवाई बिना कोई सही जांच कराए ही कर देने से शिक्षक समुदाय आहत है। इसलिए हम लोग

यूपी बोर्ड : कक्ष निरीक्षकों पर नकल रोकने की जिम्मेदारी, परीक्षा केन्द्रों पर बाहर से आएंगे 50 फीसदी कक्ष निरीक्षक

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यूपी बोर्ड : कक्ष निरीक्षकों पर नकल रोकने की जिम्मेदारी, परीक्षा केन्द्रों पर बाहर से आएंगे 50 फीसदी कक्ष निरीक्षक

यूपी बोर्ड : कक्ष निरीक्षकों पर नकल रोकने की जिम्मेदारी, परीक्षा केन्द्रों पर  बाहर से आएंगे 50 फीसदी कक्ष निरीक्षक  लखनऊ : पूर्व की भांति इस बार भी राज्य सरकार ने प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर पूरी तरह से नकेल कसने की तैयारी कर ली दी है। फरवरी में शुरू हो रही आगामी बोर्ड परीक्षाओं को भी नकलविहीन कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा परिषद को हर जरूरी कदम उठाने को कहा है। इसी क्रम में माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से परीक्षाओं के दौरान कक्ष निरीक्षकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें कक्ष निरीक्षकों के चयन से लेकर उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों और उत्तरदायित्वों का पूरा लेखा-जोखा दिया गया है। साथ ही, जिस दिन जिस विषय की परीक्षा होगी, उस सत्र में उस विषय के अध्यापक की ड्यूटी कक्ष निरीक्षक के रूप में नहीं लगाई जाएगी। यही नहीं, पुरुष कक्ष निरीक्षक द्वारा किसी भी बालिका परीक्षार्थी की तलाशी नहीं ली जाएगी और छात्रों की तरह कक्ष निरीक्षक भी परीक्षा के दौरान मोबाइल, कैलकुलेटर या ऐसे किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग नहीं कर सकेंगे। प्र

डीआईओएस बताएं कि उन पर अवमानना के कितने केस: हाईकोर्ट, पूछा क्यों न इन मुकदमों का खर्च उनके वेतन से वसूल किया जाए?

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डीआईओएस बताएं कि उन पर अवमानना के कितने केस: हाईकोर्ट, पूछा क्यों न इन मुकदमों का खर्च उनके वेतन से वसूल किया जाए?

डीआईओएस बताएं कि उन पर अवमानना के कितने केस: हाईकोर्ट डीआईओएस और लेखा अधिकारी को अगली सुनवाई पर तलब किया पूछा, क्यों न इन मुकदमों पर आने वाला खर्च उनके वेतन से वसूल किया जाए प्रयागराज ।  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक प्रयागराज से पूछा है कि उनके खिलाफ अवमानना के कितने मामले लंबित हैं और क्यों न इन मुकदमों पर आने वाला खर्च उनके वेतन से वसूल किया जाए। अवमानना मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने डीआईओएस और लेखा अधिकारी को अगली सुनवाई पर तलब करते हुए उनसे इस बाबत स्पष्टीकरण को लिए कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने राजेश दास की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने 14 अक्टूबर 2022 को डीआईओएस से याची को बकाया भुगतान के संबंध में जानकारी मांगी थी। इस संबंध में सुनवाई के दौरान मुख्य स्थाई अधिवक्ता जेएन मौर्य ने कोर्ट को बताया कि याची को अब तक कोई भुगतान नहीं किया गया है।  इस पर कोर्ट ने डीआईओएस प्रयागराज और उनके कार्यालय के लेखा अधिकारी को तलब करते हुए उनसे कहा है कि हलफनामा दाखिल कर बताएं उनके खिलाफ अवमानना के कितने मामले लंबित हैं औ

गैजेट के न बनें गुलाम, परीक्षा पे चर्चा में प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा, सफलता सिर्फ मेहनत के बल पर ही संभव

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गैजेट के न बनें गुलाम, परीक्षा पे चर्चा में प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा, सफलता सिर्फ मेहनत के बल पर ही संभव

गैजेट के न बनें गुलाम, परीक्षा पे चर्चा में प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा, सफलता सिर्फ मेहनत के बल पर ही संभव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को सुझाव दिया है कि वे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के गुलाम न बनें। अपनी क्षमता पर विश्वास रखें और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें। छात्र अपनी मेहनत और बुद्धिमानी से गैजेट को भी पीछे छोड़ सकते हैं। तनावमुक्त रहकर कड़ी मेहनत से सफलता की बुलंदियों को हासिल किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के छठे संस्करण के दौरान छात्रों से संवाद किया। इस दौरान विभिन्न राज्यों से छात्र, शिक्षक और अभिभावक भी ऑनलाइन इस कार्यक्रम में शामिल हुए। मोदी ने परीक्षाओं में अनुचित प्रथाओं के इस्तेमाल के खिलाफ दृढ़ता से बात की और छात्रों को परीक्षा के तनाव से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भारत में लोग 24 घंटे में से औसतन छह घंटे स्क्रीन पर बिताते हैं। यह चिंता का विषय है। गैजेट पर इतना समय बिताना अपनी ऊर्जा को व्यर्थ में बर्बाद करना है। मोदी ने छात्रों से कहा कि वे गैजेट के अत्यधिक उपयोग से बचें और

UP : उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए बढ़े कदम, 'पहले-यूपी' परियोजना के तहत हुआ CRISP से समझौता

UP : उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए बढ़े कदम, 'पहले-यूपी' परियोजना के तहत हुआ CRISP से समझौता लखनऊ : उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए 'पहले-यूपी' परियोजना के तहत सीआरआइएसपी (सेंटर फार रिसर्च एंड इंडस्ट्रयिल स्टाफ परफारमेंस) संस्था व उच्च शिक्षा विभाग के बीच एमओयू हुआ है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की उपस्थिति में तीन वर्ष के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इस परियोजना पर कोई वित्तीय व्यय-भार नहीं है। परियोजना का उद्देश्य- महाविद्यालयों की रैंकिंग में सुधार करना बता दें परियोजना का मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थाओं की 100 महाविद्यालयों की रैंकिंग में सुधार करना है। इसके तहत 25 महाविद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर पर टाप 200 महाविद्यालयों में स्थान दिलाने का लक्ष्य है। 1000 महाविद्यालयों में नवाचार परिषद (इनोवेशन काउंसिल) प्रारंभ की जाएगी।  इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत 25 प्रतिशत महाविद्यालयों का नैक प्रत्यायन कराया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रमुख लक्ष्यों का क्रियान्वयन कराया जाएगा। सीआरआइएसपी संस्था की ओर से ये लोग रहे

UP : उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए बढ़े कदम, 'पहले-यूपी' परियोजना के तहत हुआ CRISP से समझौता

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यू.पी. बोर्ड परीक्षा 2023 की कक्ष निरीक्षक ड्यूटी संबंधी गाइडलाइन जारी, परिषदीय शिक्षकों को सबसे अंत में ड्यूटी दिए जाने का निर्देश

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निजी स्कूल में दो बहनों के पढ़ने पर एक की फीस भरेगी यूपी सरकार, मुख्यमंत्री योगी की घोषणा पर अमल की तैयारी, अगले वित्त वर्ष के लिए होगा बजट प्रावधान

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निजी स्कूल में दो बहनों के पढ़ने पर एक की फीस भरेगी यूपी सरकार, मुख्यमंत्री योगी की घोषणा पर अमल की तैयारी, अगले वित्त वर्ष के लिए होगा बजट प्रावधान

निजी स्कूल में दो बहनों के पढ़ने पर एक की फीस भरेगी यूपी सरकार मुख्यमंत्री योगी की घोषणा पर अमल की तैयारी, अगले वित्त वर्ष के लिए होगा बजट प्रावधान लखनऊ । निजी स्कूलों में दो बहनों के पढ़ने पर एक की फीस राज्य सरकार भरेगी। इसके लिए अगले वित्त वर्ष के बजट में प्रावधान किया जा रहा है। इससे प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाली लाखों छात्राएं लाभांवित होंगी। शासन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस घोषणा को लागू करने की तैयारी कर ली है। कुछ समय पहले योगी ने कहा था कि अगर किसी स्कूल में दो सगी बहनें पढ़ती हैं, तो एक की फीस माफ करने के लिए उस स्कूल के प्रबंधन से अनुरोध किया जाए। अगर प्रबंधन के स्तर से ऐसा नहीं हो पाता है तो उनमें से एक बहन की फीस की भरपाई राज्य सरकार करेगी।  इस प्रस्ताव को अगले साल के बजट में शामिल करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव भेज दिया है। शासन के सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए एक करोड़ रुपये के टोकन राशि की व्यवस्था की जाएगी। जैसे- जैसे मांग बढ़ेगी, वैसे-वैसे और राशि विभाग को दी जाएगी। टोकन राशि दिए जाने से वित्तीय नियमों के मद्

अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को समय से ACP की सुविधा प्रदान किए जाने के सम्बन्ध में

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अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को समय से ACP की सुविधा प्रदान किए जाने के सम्बन्ध में

अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को समय से ACP की सुविधा प्रदान किए जाने के सम्बन्ध में source http://www.primarykamaster.in/2023/01/acp.html

10वीं और 12वीं के परीक्षार्थियों के लिए बोर्ड ने जारी किए टिप्स, यूपी बोर्ड के विशेषज्ञों ने पहली बार प्रमुख विषयों पर दिए सुझाव, होगी सहूलियत

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10वीं और 12वीं के परीक्षार्थियों के लिए बोर्ड ने जारी किए टिप्स, यूपी बोर्ड के विशेषज्ञों ने पहली बार प्रमुख विषयों पर दिए सुझाव, होगी सहूलियत

10वीं और 12वीं के परीक्षार्थियों के लिए बोर्ड ने जारी किए टिप्स, यूपी बोर्ड के विशेषज्ञों ने पहली बार प्रमुख विषयों पर दिए सुझाव, होगी सहूलियत प्रयागराज : 16 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए पहली बार बोर्ड के विशेषज्ञों ने प्रमुख विषयों पर टिप्स दिए हैं। इससे परीक्षार्थियों को सहूलियत होगी। सचिव दिब्यकांत शुक्ल के अनुसार परीक्षार्थी पूर्ण सकारात्मकता के साथ बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते हुए परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें, इसके लिए बोर्ड की ओर से हाईस्कूल स्तर पर हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान तथा इंटर स्तर पर हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, रसायन विज्ञान एवं जीव विज्ञान विषयों की तैयारी के लिए सुझाव तैयार किए गए हैं। परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने के लिए ये टिप्स बोर्ड की वेबसाइट www. upmsp. edu. in पर उपलब्ध हैं। 2023 की इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए 2750913 और हाईस्कूल 3116485 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। सामाजिक विज्ञान वर्णनात्मक भाग में लघु एवं विस्तृत उत्तरीय प्रश्नों का उत्तर लिखते समय प्रश्न की प्रकृति एवं आ

वैवाहिक समारोह के लिए किराए पर दे सकते हैं स्कूल परिसर? प्रस्ताव पर ई-मेल के जरिए 27 जनवरी तक मांगा गया सुझाव

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वैवाहिक समारोह के लिए किराए पर दे सकते हैं स्कूल परिसर? प्रस्ताव पर ई-मेल के जरिए 27 जनवरी तक मांगा गया सुझाव

वैवाहिक समारोह के लिए किराए पर दे सकते हैं स्कूल परिसर? प्रस्ताव पर ई-मेल के जरिए 27 जनवरी तक मांगा गया सुझाव   प्रयागराज   : हाई स्कूल और इंटर कालेजों के परिसर को छुट्टी के दिन वैवाहिक समारोह या अन्य उत्सवों के लिए किराए पर दिया जा सकता है। पढ़ाई को बिना बाधित किए स्कूल की जमीन और भवन का व्यावसायिक प्रयोग किया जा सकता है। व्यावसायिक प्रयोग से मिली धनराशि से स्कूल का विकास करना होगा।  इस आशय से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने कई बिंदुओं का एक प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव पर लोगों से ई-मेल schoolincomesuggestion@gmail.com पर 27 जनवरी तक सुझाव मांगा गया है। आए सुझावों पर विचार विमर्श करने के बाद आदेश जारी किया जाएगा।  प्रदेश के मान्यता प्राप्त कई माध्यमिक विद्यालयों के भवन और फर्नीचर जर्जर हो गए हैं। विद्यालयों की प्रबंध समिति के पास बच्चों को पढ़ाने के लिए आधुनिक संशाधन जैसे स्मार्ट क्लस, कंप्यूटर लैब आदि की व्यवस्था करने के लिए धनराशि नहीं है। खेल उपकरण खरीदने के लिए धनराशि नहीं है।  यह संशाधन उपलब्ध कराने के लिए शासन के पास भी बजट नहीं है। ऐसे में अच्छी पढ़ाई और स्कूल

ऑफिस नहीं तो अफसरों को ही शिफ्ट कर रहे लखनऊ, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव दो साल से लखनऊ में ही डटे, तीन साल में दो बार फेल हुई ऑफिस शिफ्ट करने की साजिश

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ऑफिस नहीं तो अफसरों को ही शिफ्ट कर रहे लखनऊ, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव दो साल से लखनऊ में ही डटे, तीन साल में दो बार फेल हुई ऑफिस शिफ्ट करने की साजिश

ऑफिस नहीं तो अफसरों को ही शिफ्ट कर रहे लखनऊ, अब सहायक शिक्षा निदेशक पत्राचार को लखनऊ कर दिया गया अटैच ● बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव दो साल से लखनऊ में ही डटे  ● अपर शिक्षा निदेशक भी लखनऊ में रहकर काम देख रहे ● तीन साल में दो बार फेल हुई ऑफिस शिफ्ट करने की साजिश प्रयागराज :  कर्मचारियों के विरोध और राजनीतिक दबाव के कारण सरकारी कार्यालयों के प्रयागराज से लखनऊ शिफ्ट न कर पाने पर अब अफसरों को ही राजधानी भेजा जाने लगा है। आलम यह है कि कई अधिकारी सालों से अपने प्रयागराज स्थित कार्यालय में नहीं बैठ रहे और लखनऊ कैंप कार्यालय से सारे काम कर रहे हैं। सहायक शिक्षा निदेशक (पत्राचार) प्रयागराज के पद को शिक्षा निदेशालय (शिविर कार्यालय) लखनऊ शिफ्ट कर दिया गया है। शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने प्रयागराज से लखनऊ अटैच किए गए सहायक शिक्षा निदेशक (पत्राचार) को 16 जनवरी को कार्य आवंटन भी कर दिया। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल जुलाई 2020 में इस पर नियुक्ति पाने के बाद से लगातार लखनऊ में ही बैठ रहे हैं।  पांच लाख से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों को देखने वाले इस महत्वपूर्ण

यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल की तो लगेगा रासुका, होगी कुर्की, महानिदेशक ने शिक्षाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिए निर्देश, नकल के दोषी पाए जाने पर होगी कुर्की की प्रक्रिया

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यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल की तो लगेगा रासुका, होगी कुर्की, महानिदेशक ने शिक्षाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिए निर्देश, नकल के दोषी पाए जाने पर होगी कुर्की की प्रक्रिया

यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल की तो लगेगा रासुका, होगी कुर्की, महानिदेशक ने शिक्षाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिए निर्देश, नकल के दोषी पाए जाने पर होगी कुर्की की प्रक्रिया प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा-2023 को नकल विहीन संपन्न कराने के लिए शासन ने कड़े निर्णय लिए हैं। 21 जनवरी को प्रायोगिक परीक्षा शुरू होने के एक दिन पहले शुक्रवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने शिक्षाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नहरहाल में नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराई जानी है। नकल में केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक से लेकर किसी की भी संलिप्तता मिलने पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, कुर्की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। इस बार परीक्षा केंद्र जिला प्रशासन के साथ मिलकर बनी कमेटी की संस्तुति पर बनाए गए हैं। उन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया है, जिसके खिलाफ एसटीएफ ने रिपोर्ट दी है। इसके अलावा प्रश्नपत्रों के रखरखाव के लिए प्रधानाचार्य कक्ष से अलग कक्ष को स्ट्रांग रूम बनाने के निर्देश

कक्षा दस से नीचे के गरीब बच्चों की छात्रवृत्ति में इजाफा

कक्षा दस से नीचे के गरीब बच्चों की छात्रवृत्ति में इजाफा लखनऊ : कक्षा 10 से नीचे की कक्षाओं में पढ़ रहे बच्चों के वजीफे की रकम बढ़ा दी गई है। अनुसूचित जाति, जनजाति, घूमंतू व अधिसूचित जाति, अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़ा वर्ग के इन गरीब बच्चों को अगले शैक्षिक सत्र से सालाना चार हजार रुपये की दर से वजीफा मिलेगा। फिलहाल, अन्य पिछड़ा वर्ग के ऐसे बच्चों को 2250, अनुसूचित जाति व सामान्य वर्ग तथा अन्य वर्ग के गरीब बच्चों को 3000 रुपये की दर से वजीफा मिल रहा है। जानकारी के अनुसार इस बारे में केंद्र से आदेश तो अप्रैल-मई में ही जारी हो गए थे, मगर निर्णय न हो पाने के कारण विभाग मौजूदा शैक्षिक सत्र में बच्चों को बढ़ी दर से वजीफा नहीं दे पाए। केंद्र सरकार ने प्राइम मिनिस्टर यंग एचीवर्स स्कॉलरशिप स्कीम शुरू की है। source http://www.primarykamaster.in/2023/01/blog-post_38.html

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प्रोन्नत राजकीय शिक्षकों की मांगी पदस्थापना

प्रोन्नत राजकीय शिक्षकों की मांगी पदस्थापना प्रयागराज : अधीनस्थ राजपत्रित पद पर मई, 2022 को विभागीय पदोन्नति (डीपीसी) और जून में उसकी सूची जारी होने के बाद से राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 368 शिक्षक पदस्थापना मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। दिसंबर, 2021 में होने वाली डीपीसी मई और जून, 2022 में हुई तो उसमें शामिल 382 में से 14 शिक्षक 31 मार्च, 2022 को सेवानिवृत्त हो चुके थे।  ऐसे में शेष प्रोन्नत 368 शिक्षकों को एक साथ पदस्थापना दिए जाने की मांग को लेकर राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ ने विभाग की लेटलतीफी बताने के साथ प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को पत्र भेजा है। संघ के प्रांतीय महामंत्री रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय ने पत्र में लिखा है कि करीब आठ माह से अधीनस्थ राजपत्रित पद पर पदोन्नत शिक्षकों का पदस्थापन लटका है। 21 मई, 2022 को डीपीसी हुई और जून 2022 को सूची जारी की गई। जुलाई 2022 में आफलाइन पदस्थापन के लिए पुरुष संवर्ग में विकल्प के लिए 286 पद तथा महिला संवर्ग में 430 पद दिखाए गए थे। शिक्षा निदेशालय ने दिसंबर, 2022 में जानकारी दी कि पुरुष संवर्ग में अधीनस्थ राजपत्रित के 95 तथा महिला संव

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माध्यमिक शिक्षकों हेतु प्रदेश में शैक्षिक सत्र 2022-23 में राज्य अध्यापक पुरस्कार एवं मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के चयन के सम्बन्ध में निर्देश व शासनादेश जारी

माध्यमिक शिक्षकों हेतु प्रदेश में शैक्षिक सत्र 2022-23 में राज्य अध्यापक पुरस्कार एवं मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के चयन के सम्बन्ध में निर्देश व शासनादेश जारी source http://www.primarykamaster.in/2023/01/2022-23.html

प्रयोग कराए नहीं,अब रिकार्डिंग से कतरा रहे स्कूल, यूपी बोर्ड के कैमरों की निगरानी में प्रैक्टिकल के आदेश से स्कूलों में असमंजस, कहीं लैब तो कहीं संसाधन नहीं

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