सर्वे : पढ़ाई और नौकरियों में पिछड़ सकते हैं कोविड काल के छात्र नई दिल्ली। कोरोना काल में दुनिया के 95 फीसदी बच्चों को स्कूल बंद होने का सामना करना पड़ा है। इसके दुष्प्रभावों को लेकर हुए एक शोध में दावा किया गया है कि स्कूल बंद होने से विद्यार्थियों की यह पीढ़ी लंबे समय तक प्रभावित रह सकती है। उसे श्रम बाजार में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यानी वे अच्छी नौकरी हासिल करने में पिछड़ सकते हैं। नेचर ह्यूमन बिहेवियर जर्नल में प्रकशित एक शोध में दावा किया गया है। कोरोना काल में स्कूल बंद रहने से बच्चों की तकरीबन 3.5 महीने की अवधि के बराबर की स्कूल में होने वाली पढ़ाई नहीं हो सकी। यह क्षति एक स्कूल वर्ष के 35 फीसदी के बराबर है। इससे बच्चों के सीखने की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित हुई है। शोधकर्ताओं ने महामारी के दौरान स्कूल बंद होने को लेकर दुनिया भर में हुए 5997 शोधपत्रों का विश्लेषण करने के बाद यह नतीजा निकाला है। उच्च एवं मध्यम आय वाले 42 देशों के अध्ययनों से यह भी ज्ञात हुआ है कि स्कूल बंद होने के कारण बच्चे 291 किस्म के कौशल नहीं सीख पाए । रिपोर्ट में कहा गया है...