Skip to main content

जानिए ⁉️ शिक्षा को लेकर क्या हैं आपके अधिकार?

जानिए ⁉️ शिक्षा को लेकर क्या हैं आपके अधिकार? 


दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह शिक्षा को गरीबी से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार बताया। कोर्ट ने 14 वर्ष की दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग को गर्भपात की अनुमति देते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण से वंचित वर्गों को शिक्षा के अधिकारों के बारे में जागरूकता अभियान चलाने को कहा है। कानून में शिक्षा के अधिकारों के बारे में जानिए।



2009 में शिक्षा मौलिक अधिकार बनी

केंद्र ने 2002 में संविधान में 86वें संशोधन के जरिये अनुच्छेद 21ए को शामिल कर शिक्षा को मौलिक अधिकार घोषित किया। इसे अमलीजामा पहनाने के लिए केंद्र ने पहली अप्रैल, 2010 से शिक्षा के अधिकार अधिनियम को देशभर में लागू किया। इससे पहले, शिक्षा संवैधानिक अधिकार था।


दाखिला देना सरकार की जिम्मेदारी

आरटीई अधिनियम के तहत बच्चे को पड़ोस के स्कूल में दाखिला पाने का भी हक है। आरटीई की धारा 8 और 9 के तहत यह प्रावधान है कि सरकार बच्चे को खोजकर लाए और दाखिला दिलाए। इसमें कहा गया है कि सरकार सुनिश्चित करे कि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।


निजी स्कूलों में पढ़ने का हक

छह से 14 साल तक के कम आय वर्ग और वंचित समूह के बच्चों को निजी और विशेष स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर मुफ्त शिक्षा पाने का हक है।


हर स्कूल में हों एक विशेष शिक्षक

केंद्र सरकार ने पिछले साल सितंबर में आरटीई में संशोधन करते हुए सभी स्कूलों में चाहे वह सरकारी हो या निजी, कम से कम एक विशेष शिक्षक की नियुक्ति को अनिवार्य कर दिया है। इस हिसाब से देश में 15 लाख विशेष शिक्षकों की जरूरत होगी।


मुफ्त शिक्षा पाने का हक

1. आरटीई अधिनियम की धारा-3 में बच्चों को निशुल्क शिक्षा पाने का अधिकार है।

2. शिक्षा पाने की राह में बच्चों को आने वाली हर बाधा को दूर भी सरकार करेगी।

3. किताब, कॉपी, वर्दी, फीस, यहां तक कि दिव्यांग बच्चे को पढ़ने के लिए विशेष उपकरण आदि का प्रबंध भी सरकार को करना होगा।


आरटीई कानून.....

आरटीई कानून को लागू हुए 13 वर्ष बीत गए, लेकिन अब तक यह कानून प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो सका है। स्कूलों में शिक्षकों कमी है। बच्चों के लिए स्वच्छ पेयजल, मध्याह्न भोजन पकाने के लिए रसोई आदि की अभी समस्या है। सरकार के साथ ही समाज को लीगल एड क्लीनिक के तहत कानून को प्रभावी तौर पर लागू कराने के लिए आगे आना चाहिए। - अशोक अग्रवाल, अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट एवं शिक्षा के अधिकार कार्यकर्ता



source http://www.primarykamaster.in/2023/01/blog-post_91.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल ● जिलाधिकारी के निर्णय के बाद परीक्षा स्थगित ● परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर उठाया सवाल ● प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी से की मुलाकात ● शासनादेश का अनुपालन कराए जाने की डीएम से मांग उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय ऑडिटर नीलमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से मिलकर 30 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया है। फिलहाल जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। संघ ने इस सम्बंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने बताया कि आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने का मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया है। प्रतियोगिता ऐच्छिक होती है बाध्यकारी नहीं। बावजूद इसके जनपद में परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अन...

जीआईसी प्रवक्ता : 10 माह बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, देरी का खामियाजा भुगतेंगे अभ्य्धी, वरिष्ठता का नहीं मिलेगा लाभ

प्रयागराज। राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के लिए 2014-15 में घोषित पदों पर पांच वर्ष बाद इस साल फरवरी-मार्च में रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन चयन के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तो शुरू हुई परंतु बीच वह भी अधर में फंस गई है। जबकि 22 दिसंबर को ही नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए था । इस साल के खत्म होने में सिर्फ पांच दिन ही शेष बचे हैं। बाकी बचे चार दिनों में भी अगर नियुक्ति नहीं होती है तो पांच वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की वरिष्ठता का नुकसान उठाना होगा। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों पर चयनित 298 अभ्यर्थियों ने आठ से 15 दिसंबर के बीच नियुक्ति के लिए खुले पोर्टल पर ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक सचिव की ओर से 22 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई थी। source http://www.primarykamaster.in/2020/12/10_27.html