Skip to main content

सभी बोर्डों ने परीक्षा की तैयारी के लिए दिया अतिरिक्त समय, पाठ्यक्रम भी किया गया कम।

सभी बोर्डों ने परीक्षा की तैयारी के लिए दिया अतिरिक्त समय, पाठ्यक्रम भी किया गया कम।

इस बार सभी बोर्डों के छात्रों को हाईस्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए कम से कम एक महीना अतिरिक्त समय मिलेगा। यूपी बोर्ड ने तो बहुत पहले ही फरवरी के बजाय मार्च में बोर्ड परीक्षा कराने का निर्णय ले लिया था। वहीं, सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड की परीक्षा भी इस बार फरवरी के बजाय मार्च में होने की संभावना है।



सीबीएसई ने इसके लिए सभी स्कूलों से सुझाव भी मांगे हैं। कोरोना के चलते स्कूली शिक्षा बुरी तरह से प्रभावित है। अब सरकार कक्षा 10 व 12 के छात्रों की स्कूली शिक्षा को पटरी पर लाने की कवायद कर रही है। पाठ्यक्रम भी 30 प्रतिशत तक कम किया गया है। सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षा के पेपर पैटर्न में भी बदलाव किया है।

अब बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को तैयारी के लिए कम से कम एक माह का अतिरिक्त समय देने का प्रयास किया जा रहा है। यूपी बोर्ड के बाद सीबीएसई ने भी फरवरी के बजाय मार्च में बोर्ड परीक्षा के लिए स्कूलों के प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे हैं। स्कूलों के प्रतिनिधियों की वर्चुअल बैठक में बोर्ड के सिलेबस, परीक्षा की तैयारी को लेकर चर्चा की गई थी। 

गृह परीक्षाएं भी खिसकेंगी 

सीबीएसई स्कूलों के संगठन की सदस्य व वरदान इंटरनेशनल एकेडमी की प्रधानाचार्य ऋचा खन्ना ने बताया कि स्कूलों के प्रतिनिधियों की बैठक में सभी ने बोर्ड परीक्षा को लेकर सुझाव दिए। सभी स्कूलों ने कम से कम एक महीना अतिरिक्त समय मांगा है। ऑनलाइन कक्षाओं से अधिकतर सिलेबस तो पूरा कर लिया गया है, लेकिन प्रैक्टिकल बाकी हैं।

ऐसे में सुझाव दिया गया है कि वे प्रैक्टिकल की परीक्षा एक महीने बाद लें। आमतौर पर प्रैक्टिकल परीक्षा 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच होती है, लेकिन इस बार स्कूलों ने इसे एक महीना टालने की मांग की है। ताकि छात्रों को छोटे-छोटे समूह में बुलाकर प्रैक्टिकल कराया जा सके। ऐसे में जनवरी में होने वाली प्री बोर्ड परीक्षा भी एक महीना बाद होगी। ऐसी स्थिति में संभावना है कि बोर्ड परीक्षा फरवरी के बजाय मार्च में होगी। 

स्कूलों के मुताबिक इस बार गृह परीक्षाएं भी एक महीने तक खिसक जाएंगी। आमतौर पर स्कूलों को मार्च तक गृह परीक्षाएं संपन्न कराकर परीक्षा परिणाम जारी करने का आदेश होता है, ताकि एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र चालू कर सकें। लेकिन इस बार स्कूलों को गृह परीक्षा कराने की छूट दी जाएगी। सेंट जोसेफ कॉलेज के एमडी अनिल अग्रवाल ने बताया कि इस बार गृह परीक्षाएं निर्धारित समय से एक महीने बाद कराई जा सकती हैं। बोर्ड से इसकी अनुमति मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसी तैयारी है कि बोर्ड परीक्षा इस बार फरवरी के बजाय मार्च में होगी। वहीं गृह परीक्षाएं भी बाद में कराई जाएंगी ताकि स्कूलों पर बोर्ड परीक्षा के दौरान ही गृह परीक्षा कराने का बोझ ना हो। 


source http://www.primarykamaster.in/2020/10/blog-post_490.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल ● जिलाधिकारी के निर्णय के बाद परीक्षा स्थगित ● परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर उठाया सवाल ● प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी से की मुलाकात ● शासनादेश का अनुपालन कराए जाने की डीएम से मांग उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय ऑडिटर नीलमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से मिलकर 30 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया है। फिलहाल जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। संघ ने इस सम्बंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने बताया कि आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने का मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया है। प्रतियोगिता ऐच्छिक होती है बाध्यकारी नहीं। बावजूद इसके जनपद में परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अन...

जीआईसी प्रवक्ता : 10 माह बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, देरी का खामियाजा भुगतेंगे अभ्य्धी, वरिष्ठता का नहीं मिलेगा लाभ

प्रयागराज। राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के लिए 2014-15 में घोषित पदों पर पांच वर्ष बाद इस साल फरवरी-मार्च में रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन चयन के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तो शुरू हुई परंतु बीच वह भी अधर में फंस गई है। जबकि 22 दिसंबर को ही नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए था । इस साल के खत्म होने में सिर्फ पांच दिन ही शेष बचे हैं। बाकी बचे चार दिनों में भी अगर नियुक्ति नहीं होती है तो पांच वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की वरिष्ठता का नुकसान उठाना होगा। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों पर चयनित 298 अभ्यर्थियों ने आठ से 15 दिसंबर के बीच नियुक्ति के लिए खुले पोर्टल पर ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक सचिव की ओर से 22 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई थी। source http://www.primarykamaster.in/2020/12/10_27.html