Skip to main content

मदरसा : पाठ्यक्रमों के नामों को लेकर विवाद की नौबत, अंकपत्र और प्रमाणपत्र में विरोधाभास।

मदरसा : पाठ्यक्रमों के नामों को लेकर विवाद की नौबत, अंकपत्र और प्रमाणपत्र में विरोधाभास।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों के नामों को लेकर विवाद की नौबत पैदा हो गई है। परिषद द्वारा संचालित मुंशी / मौलवी और आलिम के पाठ्यक्रमों की वार्षिक परीक्षा के बाद जो अंकपत्र और प्रमाण पत्र जारी किये गये उन पर मुंशी, मौलवी, आलिम के बजाए सीनियर सेकेण्ड्री अंकित किया गया। इस बदलाव की वजह से परिषद की परीक्षा में शामिल छात्र-छात्राओं के समक्ष कई दिक्कतें पैदा हो रही हैं।

इस बाबत मदरसा शिक्षकों के संगठन आल इण्डिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के महामंत्री वहीदुल्लाह खान ने परिषद के रजिस्ट्रार आर. पी. सिंह को एक पत्र भी लिखा है । पत्र में कहा गया है कि शासनादेश-विभागीय आदेश में स्पष्ट तौर पर माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा मुंशी, मौलवी को हाईस्कूल तथा आलिम के पाठ्यक्रम को इण्टर के बराबर दर्जा दिया गया है। 1995 के एक अन्य आदेश में कहीं भी सेकेण्ड्री या फिर सीनियर सेकेण्ड्री का जिक्र नहीं है । माध्यमिक शिक्षा का उक्त आदेश ही केंद्र अथवा राज्य सरकार के सभी विभागों, कालेजों और सभी राज्य या केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में उपलब्ध है।



पत्र में कहा गया है कि कार्मिक विभाग द्वारा सभी विभागों को सेवाओं के संबंध में प्रमाण-पत्र की समकक्षता के लिए मुंशी, मौलवी को हाईस्कूल और आलिम को इण्टर के समकक्ष मानने के आदेश जारी किये गये हैं। आदेश में उ.प्र.मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परीक्षा या प्रमाण पत्र में सेकेण्ड्री या हायर सेकेण्ड्री का कोई उल्लेख नहीं है। केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की 30 जनवरी 2009 और केंद्रीय कार्मिक विभाग के 23 फरवरी 2010 में सीबीएसई/ आईसीएसई की सेकेण्ड्री, हायर सेकेण्ड्री की समकक्षता मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परीक्षा मुंशी, मौलवी तथा आलिम को ही दी गयी है।



अंक पत्र और प्रमाण पत्र में विरोधाभास 

उ.प्र.मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा परीक्षाओं के नाम में बदलाव से परिषद द्वारा जारी वर्ष 2020 से पूर्व की परीक्षाओं के अंक पत्र और प्रमाण पत्र और वर्ष 2020 में जारी अंक पत्र व प्रमाण-पत्र में विरोधाभास की स्थिति पैदा हो गयी है। संगठन की ओर से इस बारे में शासन की ओर से स्पष्ट संशोधन आदेश जारी किये जाने की मांग की गयी है। ताकि मुंशी, मौलवी और आलिम की परीक्षाओं के अंक पत्र और प्रमाण पत्र, सेकेण्ड्री और हायर सेकेण्ड्री के समतुल्य हर विभाग या प्रतिष्ठान में मान्य किए जाएं।


source http://www.primarykamaster.in/2020/10/blog-post_41.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल ● जिलाधिकारी के निर्णय के बाद परीक्षा स्थगित ● परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर उठाया सवाल ● प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी से की मुलाकात ● शासनादेश का अनुपालन कराए जाने की डीएम से मांग उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय ऑडिटर नीलमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से मिलकर 30 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया है। फिलहाल जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। संघ ने इस सम्बंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने बताया कि आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने का मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया है। प्रतियोगिता ऐच्छिक होती है बाध्यकारी नहीं। बावजूद इसके जनपद में परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अन...

जीआईसी प्रवक्ता : 10 माह बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, देरी का खामियाजा भुगतेंगे अभ्य्धी, वरिष्ठता का नहीं मिलेगा लाभ

प्रयागराज। राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के लिए 2014-15 में घोषित पदों पर पांच वर्ष बाद इस साल फरवरी-मार्च में रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन चयन के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तो शुरू हुई परंतु बीच वह भी अधर में फंस गई है। जबकि 22 दिसंबर को ही नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए था । इस साल के खत्म होने में सिर्फ पांच दिन ही शेष बचे हैं। बाकी बचे चार दिनों में भी अगर नियुक्ति नहीं होती है तो पांच वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की वरिष्ठता का नुकसान उठाना होगा। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों पर चयनित 298 अभ्यर्थियों ने आठ से 15 दिसंबर के बीच नियुक्ति के लिए खुले पोर्टल पर ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक सचिव की ओर से 22 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई थी। source http://www.primarykamaster.in/2020/12/10_27.html