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यूपी बोर्ड : तीस साल बाद पहली बार पेपरलीक न पुनर्परीक्षा

यूपी बोर्ड : तीस साल बाद पहली बार पेपरलीक न पुनर्परीक्षा

प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं शनिवार को नकलविहीन और सकुशल संपन्न हो गई। तीस सालों में ऐसा पहली बार हुआ कि परीक्षा केंद्रों से पेपरलीक, रांग ओपनिंग या सामूहिक नकल की एक भी शिकायत नहीं मिली। यही कारण था कि बोर्ड को इस साल परीक्षा समाप्त होने के बाद पुनर्परीक्षा नहीं करानी पड़ी। पेपरलीक न होने का मुख्य कारण देररात तक परीक्षा केंद्रों में बने स्ट्रांग रूमों की छापेमारी करना रहा।



पहली बार प्रश्नपत्रों को चार लेयर वाले मजबूत लिफाफे में रखने के कारण कहीं भी गलत प्रश्नपत्र (रांग ओपनिंग) नहीं खुला। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने शनिवार को बताया कि बोर्ड की सख्ती का असर यह रहा कि 10वीं-12वीं में पंजीकृत 58,85,745 परीक्षार्थियों में से 4,31,571 ने परीक्षा छोड़ दी। आधार नंबर के जरिए 133 सॉल्वर को पकड़ा गया है। सभी को जेल भेजा जा चुका है और जहां ये फर्जी परीक्षार्थी पंजीकृत थे उनकी मान्यता छीनने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

18 मार्च से मूल्यांकन परीक्षा संपन्न होने के साथ ही बोर्ड ने रिजल्ट की तैयारियां शुरू कर दी है। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन 18 मार्च से प्रदेश के सभी जिलों में 257 केंद्रों पर शुरू होगा।


source http://www.primarykamaster.in/2023/03/blog-post_5.html

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