Skip to main content

स्कूलों के लिए भी बन सकता है राष्ट्रीय आयोग, शिक्षाविदों के सुझाव पर सरकार भी गंभीर

स्कूलों के लिए भी बन सकता है राष्ट्रीय आयोग, शिक्षाविदों के सुझाव पर सरकार भी गंभीर


विश्वविद्यालयों और कालेजों की तरह देश भर के सभी स्कूलों की पढ़ाई का स्तर और उनकी गुणवत्ता भी एक जैसी हो, तो कैसा होगा। फिलहाल यह सवाल अभी तो दूर की कौड़ी लाने जैसा है, लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तेजी से लागू करने की मुहिम से जुड़े शिक्षाविदों और अब सरकार का जो रुख है, उनमें यह राह आसान होते दिखाई दे रही है। हालांकि इसके लिए नीति में अलग-अलग कई कदमों को उठाए जाने का प्रस्ताव है, लेकिन इसके अमल के दौरान एक ऐसा सुझाव भी आया है, जो नीति में नहीं है, लेकिन सभी को पसंद आ रहा है। इसमें यूजीसी तर्ज पर देश भर के स्कूलों की गुणवत्ता और स्टैंडर्ड को एक जैसा बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक आयोग बनाने का सुझाव है।



खास बात यह है कि नीति के अमल की शुरुआती चर्चा में इस सुझाव को गंभीरता से नहीं लिया गया, लेकिन जैसे-जैसे शिक्षाविद इसे लेकर एकजुट हो रहे हैं, उसमें अब सरकार के स्तर पर भी इसे लेकर विमर्श शुरू हो गया है। सूत्रों की मानें तो इसे लेकर राज्यों की भी राय ली जा रही है। साथ ही इसे लेकर जल्द कोई फैसला ले सकती है। हालांकि इस पूरी मुहिम के साथ खड़े शिक्षाविदों के मुताबिक इसके अमल में कोई दिक्कत नहीं है। वैसे भी इस आयोग के गठन का उद्देश्य राज्य के विषयों और अधिकारों में कोई हस्तक्षेप करने का भी नहीं है। यह सिर्फ स्कूलों की गुणवत्ता और उसका देश भर के समान स्टैंडर्ड बना रहे, इसे लेकर काम करेगा। स्कूलों के संचालन का पूरा अधिकार पहले की तरह राज्यों के पास ही होगा।

यह ठीक यूजीसी की तरह ही काम करेगा। इसका संचालन राज्यों की ओर से किया जाता है, लेकिन उसके स्टैंडर्ड यानी शिक्षकों की योग्यता, इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रशासन कैसा होगा इसके नियम यूजीसी तय करता है। इसी तरह से पढ़ाई का स्तर भी वह निर्धारित करता है।


source http://www.primarykamaster.in/2020/12/blog-post_89.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल ● जिलाधिकारी के निर्णय के बाद परीक्षा स्थगित ● परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर उठाया सवाल ● प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी से की मुलाकात ● शासनादेश का अनुपालन कराए जाने की डीएम से मांग उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय ऑडिटर नीलमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से मिलकर 30 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया है। फिलहाल जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। संघ ने इस सम्बंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने बताया कि आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने का मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया है। प्रतियोगिता ऐच्छिक होती है बाध्यकारी नहीं। बावजूद इसके जनपद में परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अन...

जीआईसी प्रवक्ता : 10 माह बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, देरी का खामियाजा भुगतेंगे अभ्य्धी, वरिष्ठता का नहीं मिलेगा लाभ

प्रयागराज। राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के लिए 2014-15 में घोषित पदों पर पांच वर्ष बाद इस साल फरवरी-मार्च में रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन चयन के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तो शुरू हुई परंतु बीच वह भी अधर में फंस गई है। जबकि 22 दिसंबर को ही नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए था । इस साल के खत्म होने में सिर्फ पांच दिन ही शेष बचे हैं। बाकी बचे चार दिनों में भी अगर नियुक्ति नहीं होती है तो पांच वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की वरिष्ठता का नुकसान उठाना होगा। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों पर चयनित 298 अभ्यर्थियों ने आठ से 15 दिसंबर के बीच नियुक्ति के लिए खुले पोर्टल पर ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक सचिव की ओर से 22 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई थी। source http://www.primarykamaster.in/2020/12/10_27.html