सरकार तदर्थ शिक्षकों को मानदेय पर रखेगी, इस सम्बन्ध में तैयार किया जा रहा प्रस्ताव
प्रयागराज : सूबे में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में तैनात तदर्थ शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है। उनकी दीर्घकालिक सेवा को देखते हुए शासन उन्हें मानदेय पर रखने पर विचार कर रहा है। ताकि, इन शिक्षकों के सामने जीवन यापन की समस्या न उत्पन्न हो।
सर्वोच्च न्यायालय की ओर से पारित आदेश 26 अगस्त 2020 व सात दिसंबर 2021 के क्रम में तदर्थ शिक्षकों के संबंध में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में नौ जुलाई को हुई बैठक में मंथन किया गया। इस दौरान पाया गया कि इन शिक्षकों के समक्ष जीवन यापन की समस्या उत्पन्न हो रही है। विचार विमर्श में दिए गए निर्देश के क्रम में इन शिक्षकों के भरण-पोषण के संबंध में प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
शिक्षा निदेशक माध्यमिक की ओर से तैयार प्रस्ताव में तय हुआ है कि तदर्थ शिक्षकों की सेवा के संबंध तिथि निर्धारण अवश्य किया जाए। ताकि, उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में बड़ी संख्या में दीर्घ अवधि तक सेवा करने वाले शिक्षकों के समक्ष जीवन यापन का संकट दूर किया जा सके। राज्य सरकार मानवीय आधार पर विचार करते हुए तदर्थ शिक्षकों को दीर्घ कालीन सेवा के दृष्टिगत उन्हें विशेष प्रावधान करते हुए आर्थिक सहायता / अनुतोष देने पर विचार कर सकती है। इसके लिए कई विकल्प सुझाए गए हैं। जैसे वर्तमान देय कुल परिलब्धि का 50 प्रतिशत और ग्रोथ रेट या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (वार्षिक फिक्स रेट), वर्तमान बेसिक पे और ग्रोथ रेट या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (वार्षिक फिक्स रेट), तदर्थ शिक्षक का वर्तमान बेसिक पे व प्रत्येक आगामी पांच वर्षों की सेवा पर 10 हजार रुपये की वृद्धि (अधिकतम 50,000 तक) देने का प्रस्ताव है। इन विकल्पों को लागू किए जाने में कुछ प्रतिबंधों को लागू किया जाना भी समीचीन बताया गया है।
source http://www.primarykamaster.in/2022/07/blog-post_41.html
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