बीटीसी 2015 बैच का बैक पेपर देने वालों ने भी 69000 शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग में शामिल होने का मांगा मौका
BTC- 2015 बैच के बैक पेपर मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व बेसिक शिक्षा परिषद से मांगा जवाब।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन करने वाले बीटीसी 2015 बैच के उन अभ्यर्थियों की याचिका पर राज्य सरकार व बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा है, जो एक विषय में बैक पेपर के कारण आवेदन के समय परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं थे। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने संतराम मौर्य व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है। याचिका में मांग की गई है कि बैक पेपर का रिजल्ट आने के बाद याचियों को मूल परीक्षा परिणाम आने की तिथि से सफल मानते हुए काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका दिया जाए। अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक 2015 बैच के बीटीसी अभ्यर्थी याचियों के चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट 11 दिसंबर 2018 को जारी हुआ। इनमें से कुछ अभ्यर्थियों में एक विषय में अंक कम होने या असफल होने के कारण बैक पेपर भरा। कहा गया कि 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के आवेदन की अंतिम तिथि 20 दिसंबर 2018 होने के कारण याचियों ने उस समय आवेदन कर दिया था। सात अगस्त 2019 को बैक पेपर का परिणाम आया और वे सफल हो गए। याचियों की मांग की है कि उनका इस आधार पर अभ्यर्थी निरस्त न किया जाए कि आवेदन की अंतिम तिथि को निर्धारित योग्यता नहीं रखते थे। बैक पेपर के परिणाम को मूल परिणाम का ही हिस्सा मानते हुए उन्हें 2015 बैच का ही सफल अभ्यर्थी मानते हुए काउंसिलिंग में शामिल होने की अनुमति दी जाए।
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बीटीसी 2015 बैच का बैक पेपर देने वालों ने भी 69000 शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग में शामिल होने का मांगा मौका।
बीटीसी 2015 बैच का बैक पेपर देने वालों ने भी मांगा मौका।
प्रयागराज : 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले ऐसे अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जो बीटीसी 2015 बैच के हैं और एक विषय में बैक पेपर आ जाने की वजह से आवेदन भरते समय परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं थे मांग की गई है कि बैक पेपर का रिजल्ट आने के बाद याचीगण को मूल परीक्षा परिणाम आने की तिथि से सफल मानते हुए काउंसलिंग में शामिल होने का मौका दिया जाए।
संतराम मौर्य और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने इस मामले में प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से नौ जुलाई तक जवाब मांगा है। याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक याचीगण 2015 बैच के बीटीसी अभ्यर्थी हैं। इसके चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट 11 दिसंबर 2018 को जारी हुआ। इनमें से कुछ अभ्यर्थियों ने एक विषय में अंक कम होने या असफल होने के कारण बैक पेपर भरा। 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर 2018 थी। इसलिए याचीगण ने उस समय आवेदन कर दिया था। सात अगस्त 2019 को बैंक पेपर का परिणाम आया और वे सफल हो गए।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन करने वाले बीटीसी 2015 बैच के उन अभ्यर्थियों की याचिका पर राज्य सरकार व बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा है, जो एक विषय में बैक पेपर के कारण आवेदन के समय परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं थे। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने संतराम मौर्य व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है। याचिका में मांग की गई है कि बैक पेपर का रिजल्ट आने के बाद याचियों को मूल परीक्षा परिणाम आने की तिथि से सफल मानते हुए काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका दिया जाए। अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक 2015 बैच के बीटीसी अभ्यर्थी याचियों के चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट 11 दिसंबर 2018 को जारी हुआ। इनमें से कुछ अभ्यर्थियों में एक विषय में अंक कम होने या असफल होने के कारण बैक पेपर भरा। कहा गया कि 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के आवेदन की अंतिम तिथि 20 दिसंबर 2018 होने के कारण याचियों ने उस समय आवेदन कर दिया था। सात अगस्त 2019 को बैक पेपर का परिणाम आया और वे सफल हो गए। याचियों की मांग की है कि उनका इस आधार पर अभ्यर्थी निरस्त न किया जाए कि आवेदन की अंतिम तिथि को निर्धारित योग्यता नहीं रखते थे। बैक पेपर के परिणाम को मूल परिणाम का ही हिस्सा मानते हुए उन्हें 2015 बैच का ही सफल अभ्यर्थी मानते हुए काउंसिलिंग में शामिल होने की अनुमति दी जाए।
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बीटीसी 2015 बैच का बैक पेपर देने वालों ने भी 69000 शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग में शामिल होने का मांगा मौका।
बीटीसी 2015 बैच का बैक पेपर देने वालों ने भी मांगा मौका।
प्रयागराज : 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले ऐसे अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जो बीटीसी 2015 बैच के हैं और एक विषय में बैक पेपर आ जाने की वजह से आवेदन भरते समय परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं थे मांग की गई है कि बैक पेपर का रिजल्ट आने के बाद याचीगण को मूल परीक्षा परिणाम आने की तिथि से सफल मानते हुए काउंसलिंग में शामिल होने का मौका दिया जाए।
संतराम मौर्य और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने इस मामले में प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से नौ जुलाई तक जवाब मांगा है। याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक याचीगण 2015 बैच के बीटीसी अभ्यर्थी हैं। इसके चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट 11 दिसंबर 2018 को जारी हुआ। इनमें से कुछ अभ्यर्थियों ने एक विषय में अंक कम होने या असफल होने के कारण बैक पेपर भरा। 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर 2018 थी। इसलिए याचीगण ने उस समय आवेदन कर दिया था। सात अगस्त 2019 को बैंक पेपर का परिणाम आया और वे सफल हो गए।
source http://www.primarykamaster.in/2020/06/2015-69000.html
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