Skip to main content

बीटेक डिग्री वाले नहीं बन सकते गणित के शिक्षक, हाईकोर्ट ने शिक्षक बनने की योग्यता में छूट देने से किया इंकार, जाने पूरा मामला

बीटेक डिग्री वाले नहीं बन सकते गणित के शिक्षक, हाईकोर्ट ने शिक्षक बनने की योग्यता में छूट देने से किया इंकार, जाने पूरा मामला



बीटेक (इंजीनियरिंग) की डिग्री वाले व्यक्ति गणित के शिक्षक (टीजीटी) नहीं बन सकते। उच्च न्यायालय ने केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) द्वारा बीटेक की डिग्री धारक महिला को गणित विषय के शिक्षक नियुक्त करने से इनकार किए जाने को सही ठहराते हुए यह फैसला दिया है। न्यायालय ने कहा कि गणित विषय के टीजीटी बनने के लिए स्नातक में सभी वर्षों में गणित विषय का अध्ययन जरूरी है।




जस्टिस मनमोहन और आशा मेनन की पीठ ने कहा कि बीटेक में एक या दो सेमेस्टर में गणित पढ़ाई जाती है। ऐसे में बीटेक की डिग्री को गणित में स्नातक नहीं माना जा सकता है। उच्च न्यायालय ने इसके साथ ही सुभाश्री दास की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने लिखित परीक्षा में उतीर्ण होने के बाद भी केवीएस द्वारा गणित के टीजीटी के लिए पर्याप्त योग्यता नहीं होने के आधार पर साक्षात्कार में शामिल होने से वंचित किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने शिक्षक बनने की योग्यता में किसी तरह की छूट देने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी।


याचिकाकर्ता सुभाश्री दास की उन दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय शैक्षणिक शिक्षा परिषद ने 2015 में बीटेक की डिग्री के आधार पर बीएड करने की अनुमति दी है। ऐसे में केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा उन्हें गणित का टीजीटी बनने से अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है। याचिका में कहा गया था कि केवीएस को ऐसा करने का अधिकार नहीं है। याचिका में यह भी कहा गया था कि केवीएस ने इस पद के लिए केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा और बीएड अनिवार्य योग्यता बताया था। ऐसे में बीटेक की डिग्री के आधार पर बीएड करने वाले को गणित का टीजीटी बनने से नहीं रोका जा सकता।


एनसीटीई का निर्देश बाध्यकारी नहीं
उच्च न्यायालय ने कहा है कि याचिकाकर्ता ऐसा कोई नियम बताने में पूरी तरह से नाकाम रहा है जिसमें यह कहा गया हो कि राष्ट्रीय शैक्षणिक शिक्षा परिषद द्वारा बीएड पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए तय मानदंड सभी सरकारों, संस्थानों और संगठनों के लिए बाध्यकारी हो। पीठ ने याचिकाकर्ता की उन दलीलों को सिरे से ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि कई राज्य सरकारों ने बीटेक की डिग्री के आधार पर बीएड करने वालों को शिक्षक नियुक्ति के लिए योग्य माना है।

दखल नहीं देगा अदालत
उच्च न्यायालय ने कहा कि यह मामला केवीएस में शिक्षा के गुणवत्ता से जुड़ा है, जहां शिक्षा के उच्च मानदंड को पूरा करना है। न्यायालय ने कहा कि जहां योग्यता का उच्च मानक स्थापित करना है, ऐसे मामलों में न्यायालय हस्तक्षेप नहीं करेगा।

2018 में निकली थी भर्ती
केवीएस ने 2018 में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। इसमें याचिकाकर्ता सुभाश्री ने भी आवेदन किया था। उन्होंने लिखित परीक्षा में सामान्य श्रेणी में 83वां स्थान प्राप्त किया था। लेकिन, केवीएस ने पर्याप्त योग्यता नहीं होने के आधार पर उन्हें साक्षात्कार से वंचित कर दिया। इसके खिलाफ उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में याचिका दाखिल की। न्यायाधिकरण ने भी मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।


source http://www.primarykamaster.in/2021/02/blog-post_752.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल ● जिलाधिकारी के निर्णय के बाद परीक्षा स्थगित ● परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर उठाया सवाल ● प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी से की मुलाकात ● शासनादेश का अनुपालन कराए जाने की डीएम से मांग उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय ऑडिटर नीलमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से मिलकर 30 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया है। फिलहाल जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। संघ ने इस सम्बंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने बताया कि आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने का मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया है। प्रतियोगिता ऐच्छिक होती है बाध्यकारी नहीं। बावजूद इसके जनपद में परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अन...

जीआईसी प्रवक्ता : 10 माह बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, देरी का खामियाजा भुगतेंगे अभ्य्धी, वरिष्ठता का नहीं मिलेगा लाभ

प्रयागराज। राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के लिए 2014-15 में घोषित पदों पर पांच वर्ष बाद इस साल फरवरी-मार्च में रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन चयन के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तो शुरू हुई परंतु बीच वह भी अधर में फंस गई है। जबकि 22 दिसंबर को ही नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए था । इस साल के खत्म होने में सिर्फ पांच दिन ही शेष बचे हैं। बाकी बचे चार दिनों में भी अगर नियुक्ति नहीं होती है तो पांच वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की वरिष्ठता का नुकसान उठाना होगा। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों पर चयनित 298 अभ्यर्थियों ने आठ से 15 दिसंबर के बीच नियुक्ति के लिए खुले पोर्टल पर ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक सचिव की ओर से 22 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई थी। source http://www.primarykamaster.in/2020/12/10_27.html