उच्च शिक्षा : छात्रों को नहीं मिल रही पूरी फीस प्रतिपूर्ति
लखनऊ : प्रदेश में स्व वित्त पोषित निजी कालेज विभिन्न पाठ्यक्रमों की फीस मनमाने ढंग से तय करते हैं मगर अनुसूचित जाति-जनजाति, सामान्य वर्ग, ओबीसी आदि के गरीब व जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को सरकारी छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि उतनी नहीं मिलती, जिससे वह अपनी पूरी वार्षिक फीस अदा कर सकें।
अफसर इसे निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी करार देते हैं। विभाग के सहायक निदेशक और छात्रवृत्ति प्रभारी सिद्धार्थ मिश्र बताते हैं-जिस विश्वविद्यालय से यह निजी कालेज सम्बद्ध होते हैं उस विश्वविद्यालय द्वारा बीबीए, बीसीए, एमपीएड, बीपीएड, एमएड, एलएलबी पाठ्यक्रमों की मनमाने ढंग से तय फीस मान्य नहीं होती। न ही प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से ही इस तय फीस का अनुमोदन ही होता है। आगरा के आंबेडकर विवि से सम्बद्ध निजी कालेजों में बीबीए, बीसीए की फीस 40 हजार रुपये अधिक है। मगर विभाग से बीबीए की फीस भरपाई की राशि 2992 रुपये और बीसीए पाठ्यक्रम की फीस भरपाई 14075 रुपये ही आई।
source http://www.primarykamaster.in/2022/03/blog-post_22.html
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