Skip to main content

बेसिक शिक्षकों की यूपी बोर्ड परीक्षा में मनमानी ड्यूटी लगाने से पैदा हुआ परिषदीय स्कूलों की परीक्षाओं पर संकट

अजब गजब : अपनी छोड़ यूपी बोर्ड की परीक्षा कराएंगे बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापक


"अपने घर अंधेरा और दूसरों के घर उजाला" की कहावत बेसिक शिक्षा विभाग पर सटीक बैठती है। जी हां बेसिक स्कूलों में वार्षिक परीक्षा आज से शुरू हो गई है और ज्यादातर अध्यापकों की यूपी बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लग गई है। अध्यापक असमंजस में हैं कि अपनी परीक्षा कराएं या फिर बोर्ड की।


बेसिक स्कूलों में मंगलवार से वार्षिक परीक्षा शुरू हो गई है। वहीं यूपी बोर्ड परीक्षा 24 मार्च से शुरू होंगी। जानकर ताज्जुब होगा कि कई बेसिक स्कूलों के ज्यादातर अध्यापकों की ड्यूटी यूपी बोर्ड परीक्षा में लग गई है। बेसिक स्कूल अध्यापकों से खाली हो गए हैं। सैकड़ों की संख्या वाले बेसिक स्कूलों में कैसे एक अध्यापक परीक्षा कराएंगे। परेशान अध्यापक जिलों में बीएसए से भी मिले हैं। 



बेसिक शिक्षकों की यूपी बोर्ड परीक्षा में मनमानी ड्यूटी लगाने से पैदा हुआ परिषदीय स्कूलों की परीक्षाओं पर संकट


लखनऊ। यूपी बोर्ड परीक्षाओं में परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी लगने से प्राइमरी स्कूलों की परीक्षाओं पर संकट आ गया है। कई जिलों में 80 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई है जिससे प्राइमरी स्कूल या तो एकल शिक्षक या फिर शिक्षामित्रों-अनुदेशकों के भरोसे है। वह भी तब जब 22 मार्च से प्राइमरी स्कूलों में परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और 30-31 मार्च तक रिजल्ट बनना है।




यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 मार्च से 13 अप्रैल तक है। लिहाजा परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को 13 अप्रैल तक कार्यमुक्त किया गया है। ऐसे में स्कूलों में परीक्षा करवाना, कॉपियां जांचने का काम शिक्षामित्रों के जिम्मे आ गया है।


लखनऊ के बीएसए विजय प्रताप सिंह ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को पत्र लिख कर मार्गदर्शन मांगा है कि बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी लगने से कई स्कूल या तो एकल शिक्षक वाले हो गए हैं या फिर एक भी शिक्षक नहीं बचा है। ऐसे में प्राइमरी स्कूलों की परीक्षाओं पर संकट है। वहीं उनके मूल स्कूल से 40-45 किमी दूर ड्यूटी लगाई गई है जबकि कई शिक्षक दिव्यांग भी हैं।


अलीगढ़ के बीएसए ने आदेश दिया है कि ऐसे शिक्षक को ड्यूटी के लिए कार्यमुक्त न किया जाए जिससे स्कूल बंद होने की नौबत आ जाए। प्रतापगढ़ के बीएसए भूपेन्द्र सिंह और अम्बेडकर नगर के बीएसए भोलेन्द्र प्रताप सिंह ने भी आदेश जारी किया कि प्रधानाध्यापक और एक वरिष्ठ शिक्षक को कार्यमुक्त न किया जाए।


मनमानी ड्यूटी लगाने का विरोध

परिषदीय शिक्षकों की अनियमित तरीके से ड्यूटी लगाने का शिक्षकों ने विरोध किया है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने मण्लीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ पीएन सिंह व बीएसए, डीआईओएस को ज्ञापन सौंप कर विरोध जताया। संघ जिला संयोजक डा प्रभाकान्त मिश्रा ने कहा कि कई स्कूल हैं जहां सभी शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि अधिकारियों ने बिना परिषदीय स्कूलों की परीक्षाओं का ध्यान रखे शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी।




source http://www.primarykamaster.in/2022/03/blog-post_24.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल ● जिलाधिकारी के निर्णय के बाद परीक्षा स्थगित ● परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर उठाया सवाल ● प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी से की मुलाकात ● शासनादेश का अनुपालन कराए जाने की डीएम से मांग उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय ऑडिटर नीलमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से मिलकर 30 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया है। फिलहाल जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। संघ ने इस सम्बंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने बताया कि आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने का मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया है। प्रतियोगिता ऐच्छिक होती है बाध्यकारी नहीं। बावजूद इसके जनपद में परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अन...

जीआईसी प्रवक्ता : 10 माह बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, देरी का खामियाजा भुगतेंगे अभ्य्धी, वरिष्ठता का नहीं मिलेगा लाभ

प्रयागराज। राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के लिए 2014-15 में घोषित पदों पर पांच वर्ष बाद इस साल फरवरी-मार्च में रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन चयन के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तो शुरू हुई परंतु बीच वह भी अधर में फंस गई है। जबकि 22 दिसंबर को ही नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए था । इस साल के खत्म होने में सिर्फ पांच दिन ही शेष बचे हैं। बाकी बचे चार दिनों में भी अगर नियुक्ति नहीं होती है तो पांच वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की वरिष्ठता का नुकसान उठाना होगा। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों पर चयनित 298 अभ्यर्थियों ने आठ से 15 दिसंबर के बीच नियुक्ति के लिए खुले पोर्टल पर ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक सचिव की ओर से 22 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई थी। source http://www.primarykamaster.in/2020/12/10_27.html