Skip to main content

कोविड में माता-पिता को खोने वाले बच्चों के सुरक्षित हों संपत्ति के अधिकार, बच्चों की पढ़ाई और स्कूल जाना सुनिश्चित होने के बारे में भी होगी सुनवाई

कोविड में माता-पिता को खोने वाले बच्चों के सुरक्षित हों संपत्ति के अधिकार, बच्चों की पढ़ाई और स्कूल जाना सुनिश्चित होने के बारे में भी होगी सुनवाई



राष्ट्रीय बाल आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कोविड महामारी में माता-पिता खोने वाले बच्चों की संपत्तियों पर देनदारियों का निवारण किया जाए और संपत्ति पर उनके अधिकार सुरक्षित किए जाएं। बाल आयोग ने यह बात सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कही है। सुनवाई के दौरान न्यायमित्र ने भी अपने दाखिल नोट में बाल आयोग की ओर से उठाए गए इस मुद्दे को उद्धत करते हुए कोर्ट से उचित आदेश देने की संस्तुति की। 



कोर्ट इस मामले पर चार अप्रैल को विचार करेगा। इन बच्चों की पढ़ाई और स्कूल जाना सुनिश्चित होने के बारे में भी उसी दिन सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट कोविड में माता-पिता खोने वाले बच्चों के पुनर्वास और शिक्षा आदि पर सुनवाई कर रहा है।


 इस बारे में कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि वे ऐसे बच्चों की पहचान कर उनका ब्योरा राष्ट्रीय बाल आयोग के पोर्टल बाल स्वराज पर डालें। इसके अलावा कोर्ट स्ट्रीट चिल्ड्रन के पुर्नवास के मुद्दे पर भी सुनवाई कर रहा है। 


सोमवार को मामला जस्टिस एल. नागेश्वर राव और बीआर गवई की पीठ के समक्ष लगा था। न्यायमित्र गौरव अग्रवाल ने कोर्ट में दाखिल अपने नोट में बाल आयोग के हलफनामे में कोविड में अनाथ हुए बच्चों की संपत्ति के बारे में जताई गई चिंता का मुद्दा उठाया। 



साथ ही ऐसे बच्चों की पढ़ाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अब स्कूल खुल गए हैं, कोर्ट राज्यों को निर्देश दे कि वे इस बात की जांच करें कि ऐसे सभी बच्चे स्कूल जा रहे हैं या नहीं। कोर्ट ने कहा कि मामला महत्वपूर्ण है और वह इस पर अगले सोमवार को विचार करेगा। साथ ही कोर्ट को बताया गया कि बाल आयोग की स्ट्रीट चिल्ड्रन के पुनर्वास की नीति पर छत्तीसगढ़ को छोड़कर किसी भी राज्य ने जवाब नहीं दिया है। कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। बाल आयोग ने दाखिल हलफनामे में कहा है कि ऐसे बच्चों की संपत्तियों का पूरा ब्योरा बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड किया जाना चाहिए। जिसमें संपत्तियों पर लिया गया कर्ज, बीमा आदि सभी तरह का ब्योरा होना चाहिए। डीएम और जिला कलेक्टर ऐसे बच्चों की संपत्तियों की वित्तीय देनदारियों, संपत्ति के बंधक होने या बीमा प्रीमियम आदि पर ध्यान दें।


’कहा, ऐसे बच्चों की संपत्तियों पर देनदारियों का किया जाए निवारण ’शीर्ष कोर्ट दोनों ही मुद्दों पर चार अप्रैल को करेगा विचार



source http://www.primarykamaster.in/2022/03/blog-post_29.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

एक दिन का वेतन काटने के प्रा0शि0संघ के प्रस्ताव को जू0हा0 (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने किया खारिज, मुख्य सचिव को पत्र लिख वेतन कटवाने से किया स्पष्ट इनकार

via प्राइमरी का मास्टर ● इन | Primary Ka Master | District News | Basic Shiksha | Shikshamitra https://ift.tt/3yIhjLL

फतेहपुर : आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव भव्य रूप में मनाए जाने के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी, देखें

via प्राइमरी का मास्टर ● इन | Primary Ka Master | District News | Basic Shiksha | Shikshamitra https://ift.tt/3fNWTJd