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Showing posts from October, 2022

यूपी बोर्ड ने जारी किया हाईस्कूल 2023 परीक्षा का मॉडल पेपर, करें डाउनलोड

यूपी बोर्ड ने जारी किया हाईस्कूल 2023 परीक्षा का मॉडल पेपर, करें डाउनलोड 🟣 डाउनलोड का सीधा लिंक   👉  https://upmsp.edu.in/ModelPaper.html उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा के लिए मॉडल पेपर जारी किया है। जो छात्र अगले साल बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे, वे इसे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट  upmsp.edu.in  से डाउनलोड कर सकते हैं। अधिकांश विषयों के लिए मॉडल पेपर पीडीएफ उपलब्ध है। कक्षा 10 के शेष विषयों और कक्षा 9, 11 और 12 के विषयों के लिए, बोर्ड द्वारा जल्द ही मॉडल प्रश्न पत्र प्रकाशित करने की संभावना है। बोर्ड आगामी महीनों में यूपी बोर्ड परीक्षा 2023 के लिए तारीख और समय की घोषणा भी कर सकता है। इस बार ज्यादा छात्रों ने कराया पंजीकरण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, यूपी बोर्ड 10वीं, 12वीं परीक्षा 2023 के लिए कुल 58,67,329 छात्रों ने पंजीकरण कराया है। इसका मतलब है कि 2022 की तुलना में 6.74 लाख अधिक छात्र अगले साल यूपी बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। कुल पंजीकृत छात्रों में से, 31,16,458 कक्षा 10 से हैं और 27,50,871 कक्षा 12 से ...

550 शिक्षकों को 16 वर्ष से वेतन का इंतजार, नियुक्ति गलत बताकर अध्यापकों को नहीं कर रहे भुगतान

550 शिक्षकों को 16 वर्ष से वेतन का इंतजार,  नियुक्ति गलत बताकर अध्यापकों को नहीं कर रहे भुगतान 2006 दिसंबर में अनुदान सूची पर आए स्कूलों का हाल प्रयागराज । प्रदेश के सैकड़ों सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों के लगभग 550 शिक्षकों को 16 साल से वेतन मिलने का इंतजार है। प्रदेश सरकार ने दो दिसंबर 2006 को एक हजार स्कूलों को अनुदान सूची पर लिया था। मार्च 2007 तक वेतन भुगतान की कार्यवाही की गई लेकिन लगभग 550 शिक्षक, 250 लिपिकों और परिचारकों को वेतन भुगतान करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया गया कि उनकी नियुक्ति नियमावली के विपरीत है। इनमें तकरीबन 350 शिक्षक ऐसे हैं जो 2006 में स्थायी मान्यता मिलने से पूर्व से नियुक्त हैं। विभाग का तर्क है कि इनकी चयन प्रक्रिया पूरी नहीं है, जबकि इनकी नियुक्ति सृजित पद पर प्रबंध समिति के प्रस्ताव पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने मान्य की है। बीपीएड, डीपीएड व सीपीएड प्रशिक्षण योग्यता वाले लगभग 50 और शिक्षा विशारद, बाम्बे आर्ट, पत्राचार बीएड आदि योग्यताधारी तकरीबन 150 शिक्षकों को भी वेतन नहीं मिल रहा है। विभाग का कहना है कि सेवा नियमावली मे...

550 शिक्षकों को 16 वर्ष से वेतन का इंतजार, नियुक्ति गलत बताकर अध्यापकों को नहीं कर रहे भुगतान

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सरकारी शिक्षकों के खाली पदों का ब्योरा तलब, लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी भर्ती की तैयारी, बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में बड़ी संख्या में रिक्त पद

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राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के पदोन्नत शिक्षकों की होगी ऑनलाइन तैनाती, शासन ने दी मंजूरी

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राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के पदोन्नत शिक्षकों की होगी ऑनलाइन तैनाती, शासन ने दी मंजूरी

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के पदोन्नत शिक्षकों की होगी ऑनलाइन तैनाती, शासन ने दी मंजूरी लखनऊ। के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के पदोन्नत शिक्षकों, प्रधानाचार्यों की ऑनलाइन तैनाती होगी। शासन ने तैनाती प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी है। जल्द ही विभाग इसका कार्यक्रम जारी करेगा। शासन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पदोन्नति पाने वाले प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रवक्ता की मानव संपदा पोर्टल से ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी की जाए।  अपर माध्यमिक शिक्षा निदेशक (राजकीय) केके गुप्ता ने बताया कि कार्यवाही चल रही है। जैसे ही तैयारी पूरी हागी, कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा। पदोन्नति पाकर तैनाती का जून से इंतजार कर रहे शिक्षकों में 143 महिलाएं व 239 पुरुष हैं। source http://www.primarykamaster.in/2022/10/blog-post_31.html

विद्यालयों में बाबुओं के पद खाली, नियुक्ति में मनमानी की छूट नहीं तो प्रबंधकों ने खींचा हाथ

विद्यालयों में बाबुओं के पद खाली,  नियुक्ति में मनमानी की छूट नहीं तो प्रबंधकों ने खींचा हाथ ●  भर्ती को तैयार नहीं स्कूल प्रबंधक ● प्रदेश के अन्य जिलों में भी लिपिक भर्ती की यही स्थिति सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में बाबुओं की भर्ती में मनमानी पर रोक लगी तो प्रबंधकों ने पद खाली होने के बावजूद नियुक्ति से मुंह फेर लिया। प्रयागराज में ही 76 ब्वॉयज कॉलेजों में लिपिकों की सीधी भर्ती के 82 पद खाली हैं लेकिन प्रबंधकों ने मात्र 20 पर भर्ती की अनुमति मांगी है। बचे हुए 62 पदों पर नियुक्ति में प्रबंधक रुचि नहीं ले रहे। कई स्कूलों में दो-दो पद खाली हैं लेकिन एक पर भी नियुक्ति की अनुमति नहीं मांगी गई है।  यही स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों में भी बनी हुई है। शिक्षा निदेशालय को 1621 रिक्त पदों की सूचना मिली थी लेकिन जो हालात हैं इसमें पांच सौ पद भी भरना मुश्किल लग रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नियुक्ति प्रक्रिया से प्रबंधकों को होने वाली लाखों रुपये की कमाई की गुंजाइश खत्म हो गई है। कुछ प्रबंधकों ने रिश्तेदारों की नियुक्ति का भरोसा दिलाया था लेकिन मनमानी नहीं कर...

विद्यालयों में बाबुओं के पद खाली, नियुक्ति में मनमानी की छूट नहीं तो प्रबंधकों ने खींचा हाथ

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निजी बैंक खातों में भेजी गई थी खेल किट की धनराशि, जांच में हुआ खुलासा, रकम हस्तांतरण के बाद भी स्कूलों में नहीं पहुंची किट, जानिए किस जनपद का मामला

निजी बैंक खातों में भेजी गई थी खेल किट की धनराशि, जांच में हुआ खुलासा, रकम हस्तांतरण के बाद भी स्कूलों में नहीं पहुंची किट, जानिए किस जनपद का मामला झांसी । पूर्व बीएसए वेदराम के खिलाफ खेल किट घोटाले की चल रही जांच में कई तथ्य सामने आए हैं। जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि पूर्व बीएसए ने सांठगांठ करके स्कूलों से खेल किट के नाम पर जारी रकम एक निजी खाते में जमा करा दी। बाद में यह पूरी रकम निकाल ली गई। इसी तरह कई स्कूलों के बैंक खाते में पैसा जमा कर देने के बावजूद भी उन तक खेल किट नहीं पहुंची। इन विद्यालयों ने भी पूर्व बीएसए के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई हैं। गत सत्र में परिषदीय स्कूलों में खेल किट खरीद का आदेश परिषद द्वारा जारी किया गया था। जिसमें प्राथमिक विद्यालय में खेल किट खरीद के लिए 5000 रुपये की धनराशि और उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय में खेल किट के लिए 10,000 रुपये की धनराशि भेजी गई थी। गरौठा विधायक जवाहर सिंह राजपूत की शिकायत पर खेल किट घोटाले की जांच शुरू हुई है। पूर्व बीएसए वेदराम पर आरोप हैं कि उन्होंने बदायूं की फर्जी फर्म से खेल किट खरीदने के लिए शिक्षकों ...

निजी बैंक खातों में भेजी गई थी खेल किट की धनराशि, जांच में हुआ खुलासा, रकम हस्तांतरण के बाद भी स्कूलों में नहीं पहुंची किट, जानिए किस जनपद का मामला

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प्रदेश के विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों में गुणवत्तापरक शिक्षा, राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर रेंकिंग हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सेंटर फार रैंकिंग एंड एक्रीडिटेशन मेंटरशिप (UPCRAM) केंद्र की स्थापना

प्रदेश के विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों में गुणवत्तापरक शिक्षा, राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर रेंकिंग हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सेंटर फार रैंकिंग एंड एक्रीडिटेशन मेंटरशिप (UPCRAM) केंद्र की स्थापना लखनऊ : प्रदेश के विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों में गुणवत्तापरक शिक्षा, राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर रेंकिंग हासिल करने और विश्व स्तरीय उच्च शिक्षण संस्थान बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सेंटर फार रैंकिंग एंड एक्रीडिटेशन मेंटरशिप (उपक्रम) केंद्र की स्थापना की गई है।  लखनऊ विश्वविद्यालय(लवि) में स्थापित किए गए इस प्रदेश स्तरीय केंद्र उपक्रम का महानिदेशक प्रो. प्नम टंडन को बनाया गया है। प्रो. टंडन लवि की ड्रीन स्टूडेंट वेलफेयर भी हैं। प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा डा. सुधीर एम. बोबड़े की ओर से उपक्रम केंद्र की 10 सदस्यीय कमेटी के गठन के आदेश जारी किए गए हैं।  प्रो. टंडन के अलावा पीजीआइ लखनऊ के प्रो. आर हर्ष वर्धन को एक्रीडिटेशन का प्रमुख, लवि के प्रो. सत्येंद्र पाल सिंह को एसोसिएट डायरेक्टर (इंटरनेशनल) केजीएमयू के प्रो. आरके गर्ग को एसोसिएट डाक्टर (रिसर्च एंड इनोवेशन), लवि की प...

बी एलर्ट ❗ मान्य नहीं है आनलाइन पीएचडी, न लें विदेशी विश्वविद्यालयों के सहयोग से पेश PhD कोर्सेस में दाखिला

बी एलर्ट ❗ मान्य नहीं है आनलाइन पीएचडी, न लें विदेशी विश्वविद्यालयों के सहयोग से पेश PhD कोर्सेस में दाखिला नई दिल्‍ली: कोरोना संकट के बाद आनलाइन पढ़ाई कराने वाली कंपनियों की बाढ़ सी आई हुई है। नए -नए आनलाइन कोर्स छात्रों को आफर किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ कंपनियों ने तो सारे नियमों को ताक पर रखते हुए विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर आनलाइन पीएचडी कोर्स भी आफर करना शुरू कर दिया है।  हालांकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ऐसे मामलों के सामने आने के बाद छात्रों और अभिभावकों को सतर्क किया है और कहा कि आनलाइन पीएचडी मान्य नहीं है। इसलिए इस तरह के प्रस्तावों को गंभीरता से न लें और न ही भूलकर इनमें दाखिला लें। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के इस तरह के फर्जीवाड़े को लेकर यूजीसी के साथ- साथ एआइसीटीई ( आल इंडिया काउंसिल आफ टेक्नीकल एजुकेशन) ने भी छात्रों को अलर्ट किया है। उच्च शिक्षा से जुड़े इन नियामकों की ओर से शिक्षा से जुड़ी निजी कंपनियों के फर्जीवाड़े को लेकर इस साल में दूसरी बार ऐसा अलर्ट जारी किया गया है। शिक्षा से जुड़ी इन निजी कंपनियों की ओर देश के प्र...

बी एलर्ट ❗ मान्य नहीं है आनलाइन पीएचडी, न लें विदेशी विश्वविद्यालयों के सहयोग से पेश PhD कोर्सेस में दाखिला

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पीएम श्री स्कूल : 17 राज्यों ने भरी हामी, करीब 2.72 लाख स्कूल मापदंडों के तहत शॉर्टलिस्टेड

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पीएम श्री स्कूल : 17 राज्यों ने भरी हामी, करीब 2.72 लाख स्कूल मापदंडों के तहत शॉर्टलिस्टेड

पीएम श्री स्कूल : 17 राज्यों ने भरी हामी, करीब 2.72 लाख स्कूल मापदंडों के तहत शॉर्टलिस्टेड   नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, असम, गुजरात, कर्नाटक समेत 17 राज्यों ने पीएम श्री स्कूल ( पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया ) योजना में शामिल होने को लिखित हामी भर दी है।  केंद्र सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 से हर ब्लॉक से दो सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल का दर्जा देने की चयन प्रक्रिया के लिए छह बिंदुओं का 153 अंकों का मापदंड तैयार किया है।  फिलहाल करीब 2.72 लाख स्कूल इन मापदंडों के तहत शार्टलिस्टिड किये गए हैं। दूर-दराज, ग्रामीण, पिछड़े इलाकों के स्कूली छात्रों को भी महानगरों के बड़े निजी स्कूलों की तर्ज पर इन पीएम श्री स्कूलों में सुविधाएं मिलेंगी।  खास बात यह है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर आधारित अनिवार्य पाठ्यक्रम, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, अच्छे ट्रेनिंग प्राप्त शिक्षक, लर्निंग आउटक्रम, वोकेशनल ट्रेनिंग, इंटर्नशिप की सुविधा मिलेगी। source http://www.primarykamaster.in/2022/10/17-272.ht...

तकनीक के भंवर में फंसा लखनऊ मण्डल के परिषदीय स्कूलों के बच्चों का का परिणाम, छात्रों से लेकर अभिभावक तक कर रहे इंतजार

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तकनीक के भंवर में फंसा लखनऊ मण्डल के परिषदीय स्कूलों के बच्चों का का परिणाम, छात्रों से लेकर अभिभावक तक कर रहे इंतजार

तकनीक के भंवर में फंसा लखनऊ मण्डल के परिषदीय स्कूलों के बच्चों का का परिणाम, छात्रों से लेकर अभिभावक तक कर रहे इंतजार लखनऊ । बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित स्कूलों में बच्चों के ज्ञान का परीक्षण करने के लिए निपुण की ओएमआर आधारित परीक्षा हुई थी। परीक्षा के बाद अभी तक तकनीकी दिक्कत बनी हुई है। इसकी वजह से जिले में कितने बच्चे निपुण हैं, इसका परीक्षण नहीं हो पाया है। बच्चों से लेकर उनके अभिभावक, शिक्षक और स्कूल सभी इसका इंतजार कर रहे हैं। 18 अक्टूबर को प्रदेश भर में बेसिक शिक्षा की ओर से निपुण की परीक्षा हुई। इस परीक्षा के माध्यम से यह देखा जा रहा है कि कक्षा एक से आठवीं तक पढ़ने वाले बच्चों में गणितीय ज्ञान, भाषा का ज्ञान कितना है। लखनऊ में हुई इस परीक्षा में कक्षा एक से पांचवीं तक के 65,930 बच्चों ने परीक्षा दी थी। जबकि छठी से आठवीं तक 21 हजार से अधिक बच्चों की परीक्षा हुई थी। इसमें एक से तीसरी कक्षा के बच्चों की परीक्षा भी ओएमआर आधारित हुई थी। बच्चे ओएमआर नहीं भर पाए थे, इसकी वजह से शिक्षकों ने ओएमआर भरवा कर इनकी परीक्षा कराई थी। बेसिक शिक्षा के अधिकारियों ने परीक्षा के बाद...

बीटेक के विद्यार्थियों को अब हिंदी में मिलेंगी पुस्तकें, नए सत्र में AICTE से अनुवादित पुस्तकें उपलब्ध करा रहा AKTU

बीटेक के विद्यार्थियों को अब हिंदी में मिलेंगी पुस्तकें नए सत्र में AICTE से अनुवादित पुस्तकें उपलब्ध करा रहा AKTU  15 नवंबर से बीटेक प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू करने की तैयारी नई शिक्षा नीति के तहत बीटेक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को इस सत्र से तकनीकी विषय को अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी पढ़ने का मौका मिलेगा। डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) और संबद्ध तकनीकी कालेजों में विद्यार्थियों को तकनीकी विषयों की हिंदी में लिखी पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। एआइसीटीई की ओर से तैयार कराई गई हिंदी माध्यम की पुस्तकों को एकेटीयू मंगा रहा है । एकेटीयू पुस्तकें हिंदी में लिखने के लिए अपने शिक्षकों को दो लाख रुपये की ग्रांट भी दे रहा है। नई शिक्षा नीति के तहत बीटेक की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी होगी। इसके लिए सभी कालेजों के शिक्षकों से अपेक्षा की गई है। कि सत्र शुरू होने पर वे कक्षा में छात्रों को पढ़ाते समय तकनीकी शब्दावली भले ही अंग्रेजी में बताएं, लेकिन विषय हिंदी में समझाएंगे। बीटेक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को हिंदी और अंग्रेजी प्रश्नपत्र...

बेसिक शिक्षा में सुधार की कोशिशों पर विवाद का ग्रहण, परिषदीय शिक्षकों को पदोन्नति अटकी, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को नहीं मिले शिक्षक, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति भी फंसी

बेसिक शिक्षा में सुधार की कोशिशों पर विवाद का ग्रहण, परिषदीय शिक्षकों को पदोन्नति अटकी, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को नहीं मिले शिक्षक, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति भी फंसी प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा में सुधार की कोशिशें विवादों में फंसी रह गईं। इसका नतीजा है कि लाखों बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 के मानकों के अनुरूप शिक्षा नहीं मिल पा रही। कहीं अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किए गए परिषदीय स्कूलों में अंग्रेजी भाषा के योग्य शिक्षक नहीं मिले तो कहीं शिक्षकों की भर्ती ही नहीं हो पा रही। बेसिक शिक्षा परिषद के अंग्रेजी माध्यम से संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों को तीन साल बाद भी योग्य शिक्षक नहीं मिल सके हैं। प्रदेशभर के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में योग्य शिक्षकों की तैनाती के लिए मार्च 2019 में प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन प्रयागराज, लखनऊ, मथुरा, फतेहपुर व बदायूं आदि 13 जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया में देरी हुई और उसके बाद मध्य सत्र में तैनाती पर रोक लगा दी गई। उसके बाद कोरोना के कारण सबकुछ ठ...

बीएड की पूल काउंसिलिंग सात नवम्बर से, अभ्यर्थी बदल सकेंगे अपना कॉलेज, एक लाख से अधिक के शामिल होने की उम्मीद

बीएड की पूल काउंसिलिंग सात नवम्बर से, अभ्यर्थी बदल सकेंगे अपना कॉलेज रुहेलखंड विश्वविद्यालय को पूल में एक लाख से अधिक विद्यार्थियों के शामिल होने की उम्मीद बरेली। रुहेलखंड विश्वविद्यालय अब सात नवंबर से बीएड की पूल काउंसिलिंग कराने की तैयारी में जुट गया है। इसके जरिये विद्यार्थी कॉलेज की च्वॉइस बदल सकेंगे। विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि इसमें एक लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे। आखिर में डायरेक्ट काउंसिलिंग होगी। इससे विद्यार्थी कॉलेजों में सीधे दाखिला ले सकेंगे। इसके लिए 560 रुपये शुल्क जमा करना होगा। इस समय बीएड काउंसिलिंग का चौथा चरण चल रहा है, लेकिन काउंसिलिंग में करीब एक लाख विद्यार्थी ही शामिल हो पाए हैं। सात नवंबर से पूल काउंसिलिंग शुरू होगी, जो एक सप्ताह चलेगी। विश्वविद्यालय का तर्क है कि पिछले साल लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से बीएड की काउंसिलिंग कराई गई थी। शुरुआती चरण में काउंसिलिंग की रफ्तार धीमी रही, लेकिन पूल काउंसलिंग में काफी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए। डायरेक्ट काउंसिलिंग का रिकॉर्ड भी एक लाख से अधिक का रहा था। पूल काउंसलिंग सात नवम्बर से पूल काउं...

यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र बनने वाले विद्यालयों की छात्राओं को मिलेगी स्वकेंद्र की सुविधा, जानिए कौन से विद्यालय बन सकेंगे केन्द्र

परीक्षा केंद्र बनने वाले विद्यालयों की छात्राओं को मिलेगी स्वकेंद्र की सुविधा, जानिए कौन से विद्यालय बन सकेंगे केन्द्र  लखनऊ : यूपी बोर्ड की वर्ष 2023 की हाईस्कूल, इंटरमीडिएट परीक्षाओं में शामिल होने जा रहीं शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की संस्थागत व व्यक्तिगत छात्राओं का विद्यालय यदि परीक्षा केंद्र बनेगा तो उन्हें स्वकेंद्र परीक्षा की सुविधा मिलेगी। वहीं जिन छात्राओं व दिव्यांग परीक्षार्थियों को स्वकेंद्र की सुविधा नहीं मिलेगी, उनका परीक्षा केंद्र पांच किलोमीटर की परिधि में आवंटित किया जाएगा। इसी तरह छात्रों का परीक्षा केंद्र उनके विद्यालय से यथासंभव पांच से दस किमी. की परिधि में होगा। यदि दस किमी. में विद्यालय नहीं है तो छात्र का विद्यालय से 15 किमी. की परिधि में स्थित नजदीकी विद्यालय में परीक्षा केंद्र होगा। इसके अलावा 40 प्रतिशत स्थायी दिव्यांगता वाले छात्र, छात्राओं को भी यदि उनका विद्यालय केंद्र होगा तो परीक्षण के बाद स्वकेंद्र परीक्षा की अनुमति मिलेगी। अन्यथा ऐसे दिव्यांग छात्र, छात्राओं को नजदीकी परीक्षा केंद्र में समायोजित किया जाएगा।परीक्षा केंद्र निर्धारण से जुड़े उक...

यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र बनने वाले विद्यालयों की छात्राओं को मिलेगी स्वकेंद्र की सुविधा, जानिए कौन से विद्यालय बन सकेंगे केन्द्र

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UG और PG में साइबर सुरक्षा की पढ़ाई अनिवार्य, ऐसा होगा पाठ्यक्रम

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UG और PG में साइबर सुरक्षा की पढ़ाई अनिवार्य, ऐसा होगा पाठ्यक्रम

UG और PG में साइबर सुरक्षा की पढ़ाई अनिवार्य, ऐसा होगा पाठ्यक्रम नई दिल्ली। देश के सभी  शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई अनिवार्य होगी ।  स्नातक प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी का बेसिक और मिड लेवल का कोर्स पढ़ाया जाएगा, जिसमें चार क्रेडिट होंगे। स्नातकोत्तर प्रोग्राम में मिड लेवल और एडवांस लेवल की पढ़ाई करनी होगी, जिसके चार क्रेडिट होंगे।  इसका मकसद, डिजिटल शिक्षा के दौर में छात्रों को साइबर ठगी के प्रति सावधान करना और तकनीकी ज्ञान देना और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ तैयार करना है । इसमें साइबर सुरक्षा के लीगल, सामाजिक, आर्थिक पहलु से भी अवगत करवाया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने बताया कि छात्रों को साइबर ठगी के प्रति सावधान करना और तकनीकी ज्ञान देना मकसद है। सूचना प्रौद्योगिकी में आई क्रांति और सुरक्षा से जुड़े मामलों की बढ़ती मांग को देखते हुए साइबर सुरक्षा की सख्त महसूस की जा रही है। सूचना प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रही बढ़ो...

छात्राओं की सुरक्षा को UGC के नए नियम, 14 नवम्बर तक मांगे सुझाव

छात्राओं की सुरक्षा को UGC के नए नियम, 14 नवम्बर तक मांगे सुझाव विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी)ने उच्च शिक्षण संस्थानों में महिला कर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए दिशा निर्देश बनाए हैं साथ ही 14 नवंबर तक सुझाव भी मांगे हैं। यूजीसी के सचिव प्रो. राजनीश जैन द्वारा जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के समय पुस्तिका दी जाए जिसमें व्यवहार और आचरण को लेकर नियम और जानकारी लिखी हो। इसके साथ ही छात्रों की मनोवैज्ञानिक एवं भावनात्मक चिंताओं को ध्यान में रखते हुए परिसर में काउंसलिंग सेवा भी होनी चाहिए। इसके अलावा महिलाओं के लिये स्वच्छता एवं साफ सफाई सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाए। सुरक्षित परिवहन, कालेज आने जाने वाले रास्तों पर प्रकाश की उचित व्यवस्था एवं फीडर बसों की सुविधा हो और महिला सुरक्षा गार्ड भी रखे जाएं। संस्थान के परिसरों में सड़कों, पुस्तकालयों, गलियारा, खेल के मैदान, पार्क, प्रयोगशालाओं, पार्किग क्षेत्रों आदि में सीसीटीवी का प्रबंध होना चाहिए। यूजीजी का साफ कहना है कि महिला कर्मियों या फिर युवतियों को सही माहौल देने के ल...

छात्राओं की सुरक्षा को UGC के नए नियम, 14 नवम्बर तक मांगे सुझाव

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यूपी बोर्ड अपनी निगरानी में छपवाएगा हिन्दी, संस्कृत और उर्दू की किताबें

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यूपी बोर्ड अपनी निगरानी में छपवाएगा हिन्दी, संस्कृत और उर्दू की किताबें

यूपी बोर्ड अपनी निगरानी में छपवाएगा हिन्दी, संस्कृत और उर्दू की किताबें यूपी बोर्ड से जुड़े 28 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक बच्चों तक अधिकृत और त्रुटिहीन किताबें पहुंचाने के मकसद से बोर्ड अब हिन्दी, संस्कृत और उर्दू की किताबें अपनी निगरानी में छपवाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार तैयार हो रहीं किताबों के प्रकाशन की जिम्मेदारी बोर्ड लेगा। अब तक इन तीन विषयों का पाठ्यक्रम तो बोर्ड निर्धारित करता है लेकिन किताबों के प्रकाशन पर बोर्ड का नियंत्रण नहीं है। यानि कोई भी प्रकाशक इन्हें छाप सकता है। इसका सबसे अधिक नुकसान होता है कि कई बार प्रकाशक गलत तथ्य भी छाप देते हैं। जैसे कभी हिन्दी गद्य साहित्य के शलाका पुरुष आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की जन्मतिथि गलत छप जाती है तो कभी किसी लेखक की फोटो के स्थान पर किसी दूसरे की फोटो छाप देते हैं। इसको लेकर विवाद भी होते रहते हैं। इस प्रकार की गलतियों से बचने के लिए बोर्ड ने प्रकाशन की स्वयं निगरानी का निर्णय लिया है। हिन्दी, संस्कृत व उर्दू की किताबों का प्रकाशन या तो टेंडर देकर या फि...

31 अक्टूबर को आयोजित होगा Head Teacher Youtube Live, जुड़े एक क्लिक में

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दिवाली से पहले पंजाब की सरकार का बड़ा फैसला, पुरानी पेंशन स्कीम होगी बहाल

दिवाली से पहले पंजाब की सरकार का बड़ा फैसला, पुरानी पेंशन स्कीम होगी बहाल Punjab Old Pension Scheme: पंजाब की भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार ने दिवाली से पहले प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को तोहफा दिया है. पंजाब कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को बहाल करने का फैसला हुआ. पंजाब की मान सरकार के इस फैसले से लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा. पंजाब के लाखों कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की काफी समय से मांग कर रहे थे. इसके साथ ही पंजाब सरकार ने डीए (DA) की 6 प्रतिशत किस्त देने को भी मंजूरी दी. क्या बोले सीएम भगवंत मान? पंजाब में पुरानी पेंशन बहाल होने पर सीएम भगवंत मान ने कहा, " आज पंजाब कैबिनेट की बैठक में अपने कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है. आप की सरकार पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने जा रही है. कैबिनेट ने इस फैसले को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. हम अपने कर्मचारियों के साथ खड़े हैं. जो वादा किया पूरा किया, हम जो कहते हैं, हम करते हैं.  वहीं आम आदमी पार्टी  (AAP) के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजर...

दिवाली से पहले पंजाब की सरकार का बड़ा फैसला, पुरानी पेंशन स्कीम होगी बहाल

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69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण मामले में अगली सुनवाई 03 नवम्बर को, याचियों का आरोप है कि नियुक्ति में दोहरा आरक्षण दिया जा रहा

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गणित छोड़ 30 मिनट से ज्यादा नहीं होगी क्लास, बुनियादी स्तर का नया फ्रेमवर्क जारी

गणित छोड़ 30 मिनट से ज्यादा नहीं होगी क्लास, बुनियादी स्तर का नया फ्रेमवर्क जारी,  खेल-खेल में सीखेंगे स्कूली बच्चे जिस विषय में कमजोर होंगे, उस पर ज्यादा ध्यान देकर निखारा जाएगा नई दिल्ली: स्कूल अब बच्चों के लिए रुचिकर होंगे, जहाँ बच्चे खेल-खेल में पढ़ेंगे और सीखेंगे। उनके आसपास के वातावरण और विकास की लगातार मैपिंग भी होगी, ताकि उन्हें उसी दिशा में आगे बढ़ाया जा सके। जिस विषय या क्षेत्र में बच्चे कमजोर होंगे, उस पर ज्यादा ध्यान देकर निखारा जाएगा।  कैरीकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) का आधार पारंपरिक भारतीय शिक्षा शास्त्र के 'पंचकोष विकास' सिद्धांत को बनाया गया है। इसके तहत बच्चों के शारीरिक, प्राणमय, मानसिक, बौद्धिक और चेतना कोष पर फोकस किया जाएगा। बुनियादी स्तर के फ्रेमवर्क में इन्हें महत्व दिया गया है। पाठ्यक्रम में कहानी व खेल आदि को शामिल किया जाएगा, जिनसे उनका पूर्ण विकास हो सके। बुनियादी स्तर ( फाउंडेशनल स्टेज) के फ्रेमवर्क में बच्चों को पर्याप्त फ्री टाइम देने की व्यवस्था की गई है। यही वजह है कि गणित को छोड़कर कोई भी क्लास 30 मिनट से ज्यादा की नहीं होगी।...

CBSE के सभी स्कूलों में अगले साल से बालवाटिका से होगी पढ़ाई की शुरुआत

CBSE के सभी स्कूलों में अगले साल से बालवाटिका से होगी पढ़ाई की शुरुआत   नई दिल्ली । अगले शैक्षणिक वर्ष से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध सभी स्कूलों में 'बाल वाटिका' से पढ़ाई की शुरुआत की जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बच्चों के समग्र एवं सर्वांगीण विकास के लिए बुनियादी शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए गुरुवार को यह बात कही।  प्रधान ने पायलट परियोजना के आधार पर 'बाल वाटिका - 1' की शुरुआत करते हुए यह बात कही । निजी स्कूलों की तर्ज पर केंद्रीय विद्यालयों में भी प्ले स्कूल से पढ़ाई शुरू की जाएगी। इसी को बाल वाटिका नाम दिया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा, अभी देश के हर प्रांत में स्थित कुल 50 केंद्रीय विद्यालयों में पायलट प्रारूप में बाल वाटिका की शुरुआत की जा रही है।  उन्होंने कहा, अगले शैक्षणिक सत्र से सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों में बाल वाटिका की शुरुआत की जाएगी। हम राज्य सरकारों के साथ चर्चा करके उनके स्कूलों में बाल वाटिका प्रारंभ करेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगले 3-4 वर्षों में देश के सभी स्कूलों में...

69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण मामले में अगली सुनवाई 03 नवम्बर को, याचियों का आरोप है कि नियुक्ति में दोहरा आरक्षण दिया जा रहा

69000  शिक्षक भर्ती आरक्षण मामले में अगली सुनवाई 03 नवम्बर को, याचियों का आरोप है कि नियुक्ति में दोहरा आरक्षण दिया जा रहा लखनऊ । इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 69, 000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग की 19,000 सीटों पर आरक्षण मुद्दे पर अगली सुनवाई 3 नवंबर को नियत की है। इस मामले में अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ के समक्ष हुई । बृहस्पतिवार को सुनवाई याचियों का आरोप है कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को टीईटी तथा सहायक अध्यापक परीक्षा में अंकों में छूट देकर दोहरा आरक्षण दिया जा रहा है। इसको लेकर अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर अपने अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी के माध्यम से बहस की। जिस पर राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि टीईटी एक अर्हता परीक्षा है तथा इसमें दी गई अंकों की छूट या आरक्षण, सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के चरण में लागू नहीं होते हैं। source http://www.primarykamaster.in/2022/10/69000-03.html

प्रदेश में संचालित संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों को यू डायस कोड आवंटित कराने के सम्बंध में

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प्रदेश में संचालित संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों को यू डायस कोड आवंटित कराने के सम्बंध में

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पढ़ाई के साथ हुनर की भी होगी परख, मिलेगा क्रेडिट, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जारी किया नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क का मसौदा, 30 नंवबर तक लोग इस प्रस्ताव पर दे सकेंगे अपने सुझाव

पढ़ाई के साथ हुनर की भी होगी परख, मिलेगा क्रेडिट केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जारी किया नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क का मसौदा 30 नंवबर तक लोग इस प्रस्ताव पर दे सकेंगे अपने सुझाव अभी सिर्फ आइआइटी में लागू है क्रेडिट की व्यवस्था नई दिल्ली: पढ़ाई हो या फिर हुनर किसी भी स्तर पर अब बेकार नहीं जाएगा। बल्कि उसका एक-एक क्रेडिट अब आपके एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) में जमा रहेगा। इसके आधार पर आप कभी भी पढ़ाई को नए सिरे से शुरू कर सकेंगे या फिर अपने हुनर को भी तराश सकेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीएफ) का मसौदा जारी कर छात्रों को यह बड़ा तोहफा दिया । इसका लाभ स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक में मिलेगा। सेना में भर्ती हो रहे अग्निवीरों को भी इसका लाभ मिलेगा, जिनके अनुभवों को इसके जरिये क्रेडिट दिया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने एनसीएफ मसौदे को लांच करने के मौके पर कहा कि इसके जरिये देशभर के छात्र और यवा काफी सशक्त होंगे। उनके लिए प्रगति के नए रास्ते खुलेंगे। इसके तहत शिक्षा और स्किल ( कौशल या हुनर ) की ...

लाभ वाले शिक्षण संस्थान आयकर में छूट नहीं मांग सकते: सुप्रीम कोर्ट, केवल शिक्षा में लगे रहने पर ही संस्थानों को मिल सकता है लाभ

लाभ वाले शिक्षण संस्थान आयकर में छूट नहीं मांग सकते: सुप्रीम कोर्ट, केवल शिक्षा में लगे रहने पर ही संस्थानों को मिल सकता है लाभ नई दिल्ली। यह मानते हुए कि हमारे संविधान ने शिक्षा को चैरिटी (दान) के समान माना है, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा है कि संस्थान या ट्रस्ट कर छूट के लाभों का दावा तभी कर सकते हैं। जब वे केवल शिक्षा में लगे हों, न कि लाभ की किसी अन्य गतिविधि में आईटी अधिनियम की धारा-10 आय के कुछ वर्गों पर कराधान से छूट देती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि ऐसे संस्थानों का उद्देश्य लाभोन्मुख प्रतीत होता है तो उन्हें आयकर अधिनियम की धारा 10 (23सी) के तहत मंजूरी नहीं मिल सकती है। मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मुख्य आयकर आयुक्त के आदेशों के खिलाफ न्यू नोबल एजुकेशनल सोसाइटी और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं के एक समूह पर यह फैसला सुनाया है। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि घोषित कानून भविष्यलक्षी (भावी) प्रभाव से काम करेगा।  अदालत ने कहा है, एक ज्ञान आधारित सूचना संचालित समाज में सच्ची संपत्ति शिक्षा है और उस तक पहुंच है...

सरल ऐप बना जी का जंजाल, दूसरे दिन भी OMR शीट अपलोड नहीं हुई

सरल ऐप बना जी का जंजाल,  दूसरे दिन भी OMR शीट अपलोड नहीं हुई लखनऊ ।  परिषदीय स्कूलों के शिक्षक दूसरे दिन बुधवार को भी बच्चों की ओएमआर शीट सरल ऐप पर अपलोड नहीं कर सके। तकनीकी खामी के चलते ऐप ने काम नहीं किया। जिसकी वजह से किसी भी बच्चे की ओएमआर शीट ऐप पर अपलोड नहीं हुई। मंगलवार को लखनऊ के करीब दो लाख बच्चों ने पहली बार ओएमआर से निपुण मूल्यांकन परीक्षा दी थी। ऐप पर ज्यादा दबाव होने की वजह से बेसिक शिक्षक विभाग ने मण्डल के जिलों में अलग-अलग समय तय किया लेकिन फिर भी शिक्षक ओएमआर शीट अपलोड नहीं कर पाए। शिक्षकों का कहना है कि कई बार ओएमआर शीट स्कैन हो जा रही थी लेकिन कुछ देर में तकनीक खामी के चलते आगे ऐप काम नहीं करती है। यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहा। बुधवार को स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बजाए शीट अपलोड करने के काम में लगे रहे। प्राइमरी, जूनियर, कम्पोजिट और कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूलों के करीब दो लाख छात्र और छात्राओं की मंगलवार को निपुण लक्ष्य और लर्निंग आउट कम परीक्षा ओएमआर शीट से करायी गई थी। तकनीकी खामी के चलते दूसरे दिन भी ओएमआर शीट अपलोड नहीं हो पायी। ब...

पुस्तक विक्रेताओं को हाईकोर्ट ने दी राहत, गैर अनुमोदित पुस्तकें नहीं रखने के आदेश पर रोक

पुस्तक विक्रेताओं को हाईकोर्ट ने दी राहत, गैर अनुमोदित पुस्तकें नहीं रखने के आदेश पर रोक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी बोर्ड की पाठ्य पुस्तकों के विक्रेताओं को राहत देते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा गैर अनुमोदित पाठ्यपुस्तक के भी बेचने की छूट दे दी है। कोर्ट ने इस मामले में माध्यमिक शिक्षा परिषद के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकार व बोर्ड से जवाब तलब किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा एवं न्यायमूर्ति उमेश चंद शर्मा की खंडपीठ ने राजीव प्रकाशन एंड कंपनी की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पांडे व एडवोकेट विशाल तलवार को सुनकर दिया है। याचिका में माध्यमिक शिक्षा परिषद के छह जुलाई 2022 के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि पुस्तक विक्रेता बोर्ड द्वारा अनुमोदित पाठ्य पुस्तकों के अलावा अन्य कोई किताबें नहीं रखेंगे। कोर्ट को बताया गया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद को पाठ्य पुस्तकों और पाठ्य सामग्री निर्धारित करने का अधिकार है। इसके तहत बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विभिन्न विषयों के लिए 34 विषयों की 67 एनसीईआरटी पुस्तकों का चयन किया। इनके...

पुस्तक विक्रेताओं को हाईकोर्ट ने दी राहत, गैर अनुमोदित पुस्तकें नहीं रखने के आदेश पर रोक

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एप 'सरल' लेकिन बेसिक शिक्षकों के लिए साबित हुआ बेहद कठिन, सर्वर ठप होने से अपलोड नहीं कर पाए OMR

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स्कूलों में जमेगा गिल्ली-डंडा का रंग - उड़ेंगे कागज के विमान, खिलौने और खेलों को स्कूली शिक्षा का हिस्सा बनाने का फैसला

स्कूलों में जमेगा गिल्ली-डंडा का रंग - उड़ेंगे कागज के विमान, खिलौने और खेलों को स्कूली शिक्षा का हिस्सा बनाने का फैसला खिलौने और खेलों से बच्चों में बौद्धिक विकास की वैज्ञानिक प्रामाणिकता सिद्ध होने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने अब इसे स्कूली शिक्षा का हिस्सा बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत न सिर्फ पारंपरिक खेल और खिलौनों से उन्हें जोड़ने की पहल की गई है, बल्कि ऐसे खिलौने और खेलों की मैपिंग भी की गई है जो बच्चों को स्कूली स्तर पर विज्ञान और गणित जैसे विषयों में मदद भी करेंगे। पारंपरिक खेलों में गिल्ली-डंडा, कंचा, लट्टू व कागज के विमान, गुड्डा-गुड़िया और गाड़ी आदि शामिल हैं। लेकिन राज्यों के हिसाब यह अलग-अलग हैं। इन पारंपरिक खेलों से बच्चों में एकाग्रता, संख्या ज्ञान, कौशल आदि का विकास हो सकता है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के क्रियान्वयन से जुड़े अधिकारियों के अनुसार देश में अब बच्चों को स्कूली स्तर पर खिलौना और खेल आधारित शिक्षा दी जाएगी। इसमें आइआइटी गांधीनगर की मदद ली गई है। यह सझाव भी दिया है कि स्कलों के  किस स्तर पर या किसी आयु वर्ग के बच्चे को कौन से खिलौनों और...

क्रेडिट स्कीम अब नए कलेवर के साथ स्कूलों में भी होगी शुरू

क्रेडिट स्कीम अब नए कलेवर के साथ स्कूलों में भी होगी शुरू नई दिल्ली: उच्च शिक्षा के स्तर पर लागू एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट की स्कीम अब नए कलेवर के साथ स्कूलों में भी शुरू होगी। अगर आपने पढ़ाई नहीं की है, लेकिन यदि आपके पास सेल्समैन का अनुभव है, तो अब आपको उसका क्रेडिट मिलेगा और आप उसके आधार पर आगे की पढाई कर सकेंगे।  इसी तरह भले ही किसी व्यक्ति की पढ़ाई किसी वजह से बीच में छूट गई है, वह चाहे स्कूल या उच्च शिक्षा के स्तर पर हो अब वह कभी भी जहां से छोड़ा था वहीं से फिर से शुरू कर सकेगा। शिक्षा मंत्रालय इसे लेकर एक समग्र क्रेडिट फ्रेमवर्क लेकर आ रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बुधवार को इसे आम लोगों के सुझावों के लिए जारी करेंगे। इसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।  शिक्षा मंत्रालय की और से तैयार किए गए इन नए क्रेडिट फ्रेमवर्क में स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल विकास सभी को एक साथ जोड़ा गया है। इसमें यदि कोई व्यक्ति आगे की पढ़ाई न करते हुए कोई नौकरी करना चाहता है, तो वह एक निर्धारित क्रेडिट के आधार पर कभी कौशल विकास से जुड़े पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले ...

बीएड प्रवेश : दो राउंड की कॉउंसलिंग में भी नहीं भर पाईं आधी सीटें

बीएड प्रवेश : दो राउंड की कॉउंसलिंग में भी नहीं भर पाईं आधी सीटें दो चरण की बीएड काउंसलिंग पूरी हो जाने के बाद भी बीएड कालेजों में 50 फीसदी सीट भी नहीं भर पाई हैं। सीटें खाली रहने से कॉलेजों की परेशानी बढ़ गयी है। प्रवेश बढ़ाने के लिए कॉलेज प्रबंधन सोशल मीडिया और घर घर संपर्क कर प्रचार किया जा रहा है। महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2022-24 के लिए फरवरी माह में आवेदन मांगे गए थे। मई माह में परीक्षा कराई गई। पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होने के बाद सिंतबर माह में परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया। काउंसलिंग आठ अक्तूबर से हुई। उसके बाद पहले चरण के लिए अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। वही एक सप्ताह के बाद दूसरे चरण के लिए भी अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन कॉलेज का चयन किया। सीटें कम भर पाने से कॉलेजों का प्रबंध तंत्र परेशान है। हालांकि कॉलेज संचालकों का कहना है कि तीसरे और चौथे चरण की काउंसलिंग में सीटें भरने की उम्मीद है।  source http://www.primarykamaster.in/2022/10/blog-post_19.html

बच्चों को भाषा-गणित में निपुण बनाने की मुहिम, बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्य के 28 जिलों में नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जनजागरूकता की शुरुआत की

बच्चों को भाषा-गणित में निपुण बनाने की मुहिम, बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्य के 28 जिलों में नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जनजागरूकता की शुरुआत की वर्ष 2025-26 तक प्रदेश के सभी बच्चों को भाषा और गणित में निपुण बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने मंगलवार से राज्य के 28 जिलों में नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जन मुहिम शुरू कर दी। इस अभियान के तहत सभी 75 जिलों में 3750 स्थानों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर अभिभावकों को जागरूक करने के साथ ही उनसे संवाद स्थापित किया जाएगा। पहले चरण में 18 अक्तूबर से मंडलीय मुख्यालय वाले 18 जनपदों और अन्य 10 जनपदों में यह अभियान शुरू किया गया है।  सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से जुड़े नाटक वाले दलों द्वारा कुशल कलाकारों द्वारा ग्रामीण अंचलों में अभिभावकों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। अभिभावकों से संवाद स्थापित कर उत्तर प्रदेश को निपुण प्रदेश बनाने के लिए प्रेरित करने का काम भी इस अभियान का प्रमुख हिस्सा है। प्रत्येक स्थान पर दो घंटे तक चलने वाले नाटक के मंचन के दौरान निपुण भारत मिशन के लक्ष्य तथा इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अभिभावकों की भागी...

एप 'सरल' लेकिन बेसिक शिक्षकों के लिए साबित हुआ बेहद कठिन, सर्वर ठप होने से अपलोड नहीं कर पाए OMR

NAT मूल्यांकन की OMR शीट की स्कैनिंग के लिए परिषदीय शिक्षक जूझते रहे पूरा दिन, अंततः विभाग ने घर जाकर स्कैन करने का दिया मौका। परिषदीय स्कूलों के बच्चों ने मंगलवार को ओएमआर शीट से निपुण मूल्यांकन परीक्षा दी, लेकिन ओएमआर शीट स्कैन करने वाली सरल ऐप ने धोखा दे दिया। ऐप में खामी के चलते देर शाम तक शीट स्कैन नहीं हो सकी। शिक्षकों ने एबीएसए और बीएसए से शिकायत की। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने शिक्षकों को ओएमआर शीट को घर जाकर स्कैन करने का मौका दे दिया। प्राइमरी, जूनियर, कम्पोजिट और कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूलों के दो लाख छात्र और छात्राओं की मंगलवार को निपुण लक्ष्य और लर्निंग आउट कम परीक्षा ओएमआर शीट से करायी गई।  तीन-तीन गोले भर दिये बच्चों को ओएमआर शीट भरने में दिक्कतें हुए। शिक्षकों के समझाने के बावजूद एक-एक जवाब के सामने दो या तीन-तीन गोले भर दिये। 84 फीसद बच्चों ने दी परीक्षा बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि मंगलवार को निरीक्षण टीमों ने 634 स्कूलों का निरीक्षण किया। इन स्कूलों के करीब 54 हजार बच्चे परीक्षा में बैठे। जिसमें 84 फीसदी बच्चों की उपस्थिति रही। अन्य स्कूलों के बच...