Skip to main content

बेसिक शिक्षा में सुधार की कोशिशों पर विवाद का ग्रहण, परिषदीय शिक्षकों को पदोन्नति अटकी, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को नहीं मिले शिक्षक, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति भी फंसी

बेसिक शिक्षा में सुधार की कोशिशों पर विवाद का ग्रहण, परिषदीय शिक्षकों को पदोन्नति अटकी, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को नहीं मिले शिक्षक, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति भी फंसी


प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा में सुधार की कोशिशें विवादों में फंसी रह गईं। इसका नतीजा है कि लाखों बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 के मानकों के अनुरूप शिक्षा नहीं मिल पा रही। कहीं अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किए गए परिषदीय स्कूलों में अंग्रेजी भाषा के योग्य शिक्षक नहीं मिले तो कहीं शिक्षकों की भर्ती ही नहीं हो पा रही।




बेसिक शिक्षा परिषद के अंग्रेजी माध्यम से संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों को तीन साल बाद भी योग्य शिक्षक नहीं मिल सके हैं। प्रदेशभर के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में योग्य शिक्षकों की तैनाती के लिए मार्च 2019 में प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन प्रयागराज, लखनऊ, मथुरा, फतेहपुर व बदायूं आदि 13 जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया में देरी हुई और उसके बाद मध्य सत्र में तैनाती पर रोक लगा दी गई। उसके बाद कोरोना के कारण सबकुछ ठप रहा। इस मसले पर कुछ शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं भी की जो लंबित हैं।


प्रयागराज के अंग्रेजी माध्यम परिषदीय विद्यालयों में 500 से अधिक शिक्षकों के चयन के लिए 25 मार्च 2019 तक आवेदन लिए गए थे। 16 मई को लिखित परीक्षा हुई। 26 जून से एक जुलाई तक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ। 31 अगस्त और एक सितंबर 2019 को विद्यालय के विकल्प भरवाए गए। लेकिन उसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया।



कई साल से प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति नहीं

परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में नियमित प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति पिछले चार सालों से फंसी है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित होने वाली प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक में हर साल प्रदेश सरकार प्रधानाध्यापकों की तैनाती का प्रस्ताव रखती है लेकिन उस पर अमल नहीं हो पा रहा। 


इन स्कूलों में पदोन्नति के आधार पर प्रधानाध्यापकों की तैनाती की जाती है लेकिन पांच साल पहले कुछ शिक्षकों ने प्रमोशन में टीईटी अनिवार्य करने को लेकर याचिका कर दी थी। उस विवाद को लेकर जारी आदेश पर आज तक निबटारा नहीं हो सका है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के 44378 उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। इनमें से 75 प्रतिशत या 30 हजार से अधिक स्कूलों में नियमित प्रधानाध्यापक नहीं है। प्रमोशन न होने से प्रभारी प्रधानाध्यापकों को आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा है, शिक्षकों की नई भर्ती में भी अड़चन आ रही है।


कस्तूरबा विद्यालयों में संगत-असंगत विषय का विवाद

प्रदेश के 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में भी शिक्षकों की नियुक्ति फंसी हुई है। संगत-असंगत विषय को आधार बनाते हुए बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने 14 जुलाई 2020 को सैकड़ों संविदा शिक्षकों को बाहर करने का आदेश जारी किया था। अफसरों का तर्क था कि कस्तूरबा विद्यालयों में एक विषय की एक से अधिक शिक्षिकाएं होने के साथ ही जो विषय नहीं है उसके टीचर नियुक्त कर लिए गए थे।


 इस आदेश के खिलाफ प्रभावित शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं कर दी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 21 दिसंबर 2021 को 14 जुलाई 2020 के आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके खिलाफ अफसरों ने स्पेशल अपील की जो 18 अप्रैल को खारिज हो गई। अब इसके खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका की है। इसके चलते अकेले प्रयागराज में 56 शिक्षिकाओं की नियुक्ति सवा साल से नहीं हो पा रही।


source http://www.primarykamaster.in/2022/10/blog-post_96.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

एक दिन का वेतन काटने के प्रा0शि0संघ के प्रस्ताव को जू0हा0 (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने किया खारिज, मुख्य सचिव को पत्र लिख वेतन कटवाने से किया स्पष्ट इनकार

via प्राइमरी का मास्टर ● इन | Primary Ka Master | District News | Basic Shiksha | Shikshamitra https://ift.tt/3yIhjLL

फतेहपुर : आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव भव्य रूप में मनाए जाने के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी, देखें

via प्राइमरी का मास्टर ● इन | Primary Ka Master | District News | Basic Shiksha | Shikshamitra https://ift.tt/3fNWTJd