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Showing posts from April, 2023

शिक्षकों की वरिष्ठता के बाद अब तबादले में भी पेंच, 28 अप्रैल से शुरू वाली प्रक्रिया अब तीन मई के बाद, शिक्षक संगठनों ने बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर उठाये सवाल

शिक्षकों की वरिष्ठता के बाद अब तबादले में भी पेंच 28 अप्रैल से शुरू होनी थी प्रक्रिया, अब तीन मई के बाद होगी,  शिक्षक संगठनों ने कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल,  प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों में काफी नाराजगी लखनऊ । प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों की वरिष्ठता सूची अभी तक फाइनल नहीं हो सकी। वहीं, जिले के अंदर तबादला कार्यवाही में भी पेच फंसना शुरू हो गया है। 28 अप्रैल से कार्यवाही शुरू होनी थी लेकिन पोर्टल नहीं शुरू किया जा सका। अब इसे तीन मई के बाद शुरू करने की योजना है। इससे शिक्षक नाराज हैं। उनका कहना है कि विभाग जानबूझ कर समस्या पैदा कर रहा है।  बेसिक शिक्षा विभाग में कुछ महीनों से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की वरिष्ठता तय करने की कार्यवाही चल रही है। छह बार तिथि बढ़ाई जा चुकी है, पर खामियों को दूर नहीं किया जा सका। अभी तक वरिष्ठता सूची फाइनल नहीं की जा सकी है। वहीं, विभाग जिले के अंदर तबादला कार्यवाही शुरू करने की तिथि भी दो बार बढ़ा चुका है।  दूसरे संशोधन के मुताबिक 28 अप्रैल को जिले के अंदर तबादले के लिए पोर्टल शुरू करना था। इस पर एक मई से शिक्षकों को अपने डाटा स

शिक्षकों की वरिष्ठता के बाद अब तबादले में भी पेंच, 28 अप्रैल से शुरू वाली प्रक्रिया अब तीन मई के बाद, शिक्षक संगठनों ने बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर उठाये सवाल

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मूल्याकंन प्रकोष्ठ के जरिए मूल्यांकन को शिक्षकों के सम्मान का हनन करना बताते हुए PSPSA ने की आदेश को वापस लेने की मांग

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नियम रद्द होने पर सेवा का दावा नहीं कर सकते शिक्षक –सुप्रीम कोर्ट

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नियम रद्द होने पर सेवा का दावा नहीं कर सकते शिक्षक –सुप्रीम कोर्ट

नियम रद्द होने पर सेवा का दावा नहीं कर सकते शिक्षक –सुप्रीम कोर्ट   उच्चतम न्यायालय ने यूपी सरकार को राहत देते हुए एक फैसले में कहा है कि शिक्षकों की भर्ती के नियम बदल जाने पर पुराने नियमों को वैध नहीं माना जा सकता। भर्ती नए नियमों के तहत ही की जाएगी। यह कहते हुए मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला निरस्त कर दिया, जिसमें यूपी के मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक इंटर कॉलेजों में शिक्षकों को असंशोधित यूपी इंटरमीडिएट कॉलेज ऐक्ट- 1921 के तहत की गई भर्ती को सही ठहराया गया था। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि नियमों का मतलब है मौजूदा नियम यानी नए नियम, यह नहीं कि पुराने नियम जो मौजूद ही नहीं हैं। मामले के अनुसार, अल्संख्यक कॉलेजों में सहायक शिक्षकों की भर्ती की गई थी और उसे मंजूरी के लिए जिला स्कूल निरीक्षक को भेजा गया। लेकिन निरीक्षक ने मामले को वापस कर दिया और कहा कि कानून की धारा-16 एफएफ (4) में मार्च 2018 में संशोधन हो गया है। इसलिए नए कानून के अनुसार भर्ती करें। source http://www.primarykamaster.in/2023/04/blog-post_2

फीस लौटाने का आदेश न मानने वाले स्कूलों पर सख्ती के संकेत

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फीस लौटाने का आदेश न मानने वाले स्कूलों पर सख्ती के संकेत

फीस लौटाने का आदेश न मानने वाले स्कूलों पर सख्ती के संकेत 100 से अधिक निजी स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाए जाने के बाद से निजी स्कूल प्रबंधकों में मची खलबली लखनऊ : कोरोना काल में स्कूलों में वसूली गई फीस को वापस करने के हाईकोर्ट के सख्त फैसले के बाद भी प्रदेश भर के हजारों स्कूलों ने अब तक फीस की वापसी या समायोजन नहीं किया है। नोएडा के डीएम ने जब इस मामले में वहां के स्कूलों पर अर्थदण्ड लगाया तो पूरे प्रदेश में यह मामला एक बार फिर से गरम हो गया है। सरकार ने भी इस मुद्दे पर जारी शासनादेश का हवाला देते हुए कार्रवाई करने के स़ंकेत दिए हैं। बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में शासन की ओर से स्पष्ट आदेश जारी किए जा चुके हैं। इसे सभी स्कूलों को मानना ही होगा अन्यथा कार्रवाई होगी। बताया जाता है कि शासनादेश के बाद कुछ ही स्कूलों ने कोरोना काल में ली गई ज्यादा फीस को अब तक वापस या समायोजित किया है। सरकार ने कोर्ट के आदेश के तत्काल बाद ही सभी स्कूलों के लिए कोर्ट के आदेश के अनुसार कदम उठाने के लिए बकायदा शासना

माध्यमिक विद्यालयों में होगी खेल एकेडमी की स्थापना

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माध्यमिक विद्यालयों में होगी खेल एकेडमी की स्थापना

माध्यमिक विद्यालयों में होगी खेल एकेडमी की स्थापना लखनऊ । मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा है कि स्पोर्ट्स फॉर स्कूल (एसएफएस) कार्यक्रम के तहत विद्यालयों में खेल संस्कृति को विकसित किया जाए। प्रथम चरण में 11 खेलों के लिए 21 हजार टीमों के गठन का लक्ष्य रखा गया है। हर विद्यालय में टीमों का गठन कराया जाए। मुख्य सचिव बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक कर रहे थे। मुख्य सचिव ने कहा कि खेल विभाग, स्थानीय संस्थाओं, सीएसआर के सहयोग से खिलाड़ी विद्यार्थियों के लिए खेल किट उपलब्ध कराएं। माध्यमिक विद्यालयों में खेल एकेडमी की स्थापना की जाए। प्रशिक्षकों की उपलब्धता के साथ ही विद्यालयों में खेल सुविधाओं को बेहतर किया जाए।  उन्होंने कहा कि स्कूल चलो अभियान में इस वर्ष दो करोड़ छात्रों के पंजीकरण का लक्ष्य रखा गया है। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों का नामांकन 10 मई को समाप्त हो रहा है। इसलिए अभियान के प्रचार-प्रसार में तेजी लाते हुए लक्ष्य को शत- प्रतिशत प्राप्त करें।  source http://www.primarykamaster.in/2023/04/

नकल की सुविधा न मिलने के कारण निजी स्कूलों के लाखों छात्रों ने छोड़ी थी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा परीक्षा

नकल की सुविधा न मिलने के कारण निजी स्कूलों के लाखों छात्रों ने छोड़ी थी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा परीक्षा यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा छोड़ने वाले सर्वाधिक छात्र-छात्राएं वित्तविहीन या निजी स्कूलों के थे। यह ट्रेंड राजकीय या सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में देखने को नहीं मिलता। बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 2023 की हाईस्कूल परीक्षा के लिए प्रदेशभर के 20737 वित्तविहीन स्कूलों के 20,31,752 विद्यार्थी पंजीकृत थे। इनमें से 18,15,386 परीक्षा में शामिल हुए और 2,16,366 (10.64 प्रतिशत) विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। वहीं 2355 राजकीय स्कूलों में 10वीं की परीक्षा के लिए पंजीकृत 1,82,297 छात्र-छात्राओं में से 1,75,855 परीक्षा में सम्मिलित हुए और 6442 (3.53 फीसदी) गैरहाजिर रहे। तो 4509 सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में पंजीकृत 8,92,108 परीक्षार्थियों में से 8,63,638 उपस्थित रहे और 28470 (3.19 प्रतिशत) ने परीक्षा छोड़ी। स्पष्ट है कि राजकीय और एडेड कॉलेजों की तुलना में 10वीं की परीक्षा छोड़ने वाले वित्तविहीन स्कूलों के विद्यार्थियों की संख्या तीन गुना है। पिछले साल

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यूपी बोर्ड एवं संस्कृत शिक्षा बोर्ड के छात्र भी पढ़ेंगे कोडिंग-रोबोटिक्स, डिजिटल साक्षरता बढ़ाने को पाठ्यक्रम में करेंगे शामिल

यूपी बोर्ड एवं संस्कृत शिक्षा बोर्ड के छात्र भी पढ़ेंगे कोडिंग-रोबोटिक्स ● डिजिटल साक्षरता बढ़ाने को पाठ्यक्रम में करेंगे शामिल ● विद्यार्थियों में वैज्ञानिक स्वभाव व सोच विकसित करेंगे। प्रयागराज : डिजिटल साक्षरता में यूपी बोर्ड और संस्कृत शिक्षा बोर्ड के छात्र-छात्राएं अब किसी भी दूसरे बोर्ड के बच्चों से पीछे नहीं रहेंगे। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने यूपी बोर्ड और संस्कृत शिक्षा बोर्ड से जुड़े प्रदेशभर के 29 हजार से अधिक स्कूलों में कोडिंग, रोबोटिक्स, ई-कॉमर्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई शुरू कराने की तैयारी की है। अगले दो साल की कार्ययोजना में शामिल इस महत्वाकांक्षी पहल की जिम्मेदारी दोनों बोर्ड के सचिवों को दी गई है। इसका मकसद छात्र-छात्राओं को डिजिटल साक्षरता, कोडिंग और कम्प्यूटेशनल चिंतन की तकनीकी जानकारी और प्रयोग से अपडेट करना है। इन विषयों की पढ़ाई से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक स्वभाव, गणित व कम्प्यूटेशनल और साक्ष्य आधारित सोच और कौशल का विकास होगा। वर्तमान डिजिटल क्रांति युग में विद्यार्थियों को एक अच्छे, सफल, अभिनव, अनुकूलनीय और उत्पादक बनाने के लिए ये विष

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राजकीय /सहायता प्राप्त/वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों की नियमित निरीक्षण के संबंध में आदेश जारी

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राजकीय /सहायता प्राप्त/वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों की नियमित निरीक्षण के संबंध में आदेश जारी

बेसिक के बाद अब माध्यमिक के विद्यालयों में भी सख्ती, स्थलीय निरीक्षण शुरू राजकीय /सहायता प्राप्त/वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों की नियमित निरीक्षण के संबंध में आदेश जारी लखनऊ । बेसिक के बाद अब माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में भी मंडल स्तर के अधिकारियों को हर सप्ताह आधा दर्जन से अधिक विद्यालयों का निरीक्षण कर मुख्यालय को रिपोर्ट देनी होगी। इसके आधार पर मुख्यालय स्तर से कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक व मंडलीय उप शिक्षा निदेशक को हर सप्ताह तीन-तीन विद्यालय और जिला विद्यालय निरीक्षक को छह राजकीय, सहायता प्राप्त, वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। ताकि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जा सके।  नए सत्र में इसकी शुरुआत भी कर दी गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि पहले निरीक्षण में 558 माध्यमिक विद्यालयों का निरीक्षण किया जाना था। इसमें से 100 विद्यालयों की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। ऐसे अधिकारियों को तुरंत इसका विवरण उपलब्ध कराने को कह

माध्यमिक के हर छात्र का बनेगा हेल्थ कार्ड, रिपोर्ट कार्ड में पढ़ाई के नंबरों के साथ इसका भी होगा उल्लेख

माध्यमिक के हर छात्र का बनेगा हेल्थ कार्ड, रिपोर्ट कार्ड में पढ़ाई के नंबरों के साथ इसका भी होगा उल्लेख लखनऊ। प्रदेश सरकार विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ उनके स्वास्थ्य का भी ख्याल रखेगी। इसके लिए नए सत्र में माध्यमिक के विद्यार्थियों का हेल्थ कार्ड भी तैयार किया जाएगा। छात्रों के रिपोर्ट कार्ड में पढ़ाई के नंबर के साथ इसका भी उल्लेख होगा। इसमें स्वास्थ्य विभाग का सहयोग लिया जाएगा। विद्यालय में डॉक्टरों को बुलाकर स्वास्थ्य और संचारी रोग से जुड़ी और संचारी रोग से जुड़ी कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जाएगा।  कवायद के तहत स्वास्थ्य परीक्षण के बाद आने वाली रिपोर्ट को विद्यार्थियों के तिमाही छमाही रिपोर्ट कार्ड में शामिल किया जाएगा। इसका प्रारूप माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी किया जाएगा। जिन विद्यार्थियों के स्वास्थ्य में किसी तरह की कमी या दिक्कत होगी, उन्हें पौष्टिक खाने के प्रति जागरूक किया जाएगा।  माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि इसका फायदा विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मिलेगा। जहां एक तरफ विद्यार्थियों में जागरूकता आएगी, वहीं उनके अभिभावक

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UP Board 10th, 12th Result 2023 : 25 अप्रैल की दोपहर 1.30 बजे घोषित होगा यूपी बोर्ड हाई स्कूल, इंटर परीक्षाफल

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UP Board 10th, 12th Result 2023 : 25 अप्रैल की दोपहर 1.30 बजे घोषित होगा यूपी बोर्ड हाई स्कूल, इंटर परीक्षाफल

UP Board 10th, 12th Result 2023 : 25 अप्रैल की दोपहर 1.30 बजे घोषित होगा यूपी बोर्ड हाई स्कूल, इंटर परीक्षाफल UP Board 10th 12th Result 2023 Date Time उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा कक्षा 10 और कक्षा 12 की इस साल आयोजित बोर्ड परीक्षाओं के परिणामों की घोषणा मंगलवार 25 अप्रैल 2023 को की जाएगी। परीक्षाफल 25 अप्रैल की दोपहर 1.30 बजे घोषित किया जाएगा। UP Board 10th, 12th Result 2023 Date, Time: यूपी बोर्ड हाई स्कूल रिजल्ट 2023 और यूपी बोर्ड इंटर रिजल्ट 2023 की घोषणा की तारीख और समय को लेकर इंतजार समाप्त हो गया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा कक्षा 10 और कक्षा 12 की इस साल आयोजित बोर्ड परीक्षाओं के परिणामों की घोषणा मंगलवार, 25 अप्रैल 2023 को की जाएगी। इस सम्बन्ध में आधिकारिक जानकारी परिषद सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने सोमवार, 24 अप्रैल को दी। बोर्ड सचिव ने बताया कि हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं का परीक्षाफल 25 अप्रैल की दोपहर 1.30 बजे घोषित किया जाएगा। UP Board 10th, 12th Result 2023: results.upmsp.edu.in और upresults.nic.in पर जारी होगा परिणाम इसके

प्रेरणा निरीक्षण एप के जरिये DM और SDM के नेतृत्व में टास्क फोर्स, जाचेंगे मिड डे मील की हकीकत

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69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण के मुद्दे पर विशेष अपील, 25 अप्रैल को सुनवाई

69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण के मुद्दे पर विशेष अपील, 25 अप्रैल को सुनवाई लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले से जुड़े 19 हजार सीटों पर हुए चयन में एकल पीठ के गत 13 मार्च के फैसले को चुनौती देकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में विशेष अपील दायर हुई है। इस पर दो न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष 25 अप्रैल को सुनवाई होगी। अपील खुद को आरक्षण पीड़ित बताने वाले 13 अभ्यर्थियों ने दायर की है। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। कहा कि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन कर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की इस भर्ती में ठीक तरह से ओवरलैपिंग नहीं कराई गई है। सरकार ने इस भर्ती की मूल चयन सूची आज तक जारी नहीं की। इसमें अभ्यर्थियों के गुणांक, वर्ग, उपवर्ग आदि को दर्शाया जाता है तथा इसे विभाग की साइट पर अपलोड किया जाता है। पर, बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐसा नहीं किया। ऐसी स्थिति में सरकार को इस भर्ती की पूरी मूल चयन सूची सभी वर्गों का आरक्षण दिखाकर एवं नियमावली के नियमानुसार ओवरलैपिंग की प्रक्रिया को दर्शाकर इस भर्ती की मूल चयन सूची

प्रेरणा निरीक्षण एप के जरिये DM और SDM के नेतृत्व में टास्क फोर्स, जाचेंगे मिड डे मील की हकीकत

प्रेरणा निरीक्षण एप के जरिये DM और SDM के नेतृत्व में टास्क फोर्स, जाचेंगे मिड डे मील की हकीकत प्रयागराज । परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद शासन की तरफ से इसकी जांच की जिम्मेदारी जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी को दी गई है। शासन की ओर से जिला स्तर पर जिलाधिकारी और विकास खंड स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स बनाकर मिड डे मील की हकीकत जानने का निर्देश दिया गया है। परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील बांटने में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार सामने आती रही है। इन समस्याओं को देखते हुए जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टास्क टीम का गठन करने और प्रेरणा इंस्पेक्शन एप के जरिये माह में पांच विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे और हकीकत जानेगे।  जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी टास्क फोर्स में जिलाधिकारी, मुख्य अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य / सचिव, जिला पूर्ति अधिकारी, सभी उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला समाज कल्याण अधिकारी और जिला प

UP : चिकित्सा शिक्षा विभाग जल्द करेगा 14 मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए आवेदन

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UP : चिकित्सा शिक्षा विभाग जल्द करेगा 14 मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए आवेदन

UP : चिकित्सा शिक्षा विभाग जल्द करेगा 14 मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए आवेदन UP :  राज्य में तीसरे चरण में 14 मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग जल्द आवेदन करेगा। फिलहाल अगर हम इनके निर्माण कार्य की बात करें, तो फिर इसका निर्माण का कार्य तेजी के साथ चल रहा है।   मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार की एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज योजना के तहत राज्य के 27 जिलों के मंडलीय और जिला चिकित्सालयों को अपग्रेड किया जा रहा है और कॉलेज बनाया जा रहा है। इसमें अगर हम पहले चरण की बात करें, तो फिर इसमें पहले चरण में 5 मेडीकल कॉलेज, दूसरे चरण में 8 मेडिकल कॉलेज और तीसरे चरण के 14 मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। राज्य के हर जिले में स्वास्थ सेवाओं को पूरा बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए वह मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य जा रहा है। अगर हम पहले चरण की बात करते है, तो फिर इसमें 5 मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिल गई थी।   अगर हम फेज वन की बात करें, तो फिर इसमें महर्षि वशिष्ठ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय बस्ती के कॉलेज और राजर्षि दशरथ मेडिकल

माध्यमिक शिक्षकों को भी बनानी होगी शिक्षक डायरी

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माध्यमिक शिक्षकों को भी बनानी होगी शिक्षक डायरी

माध्यमिक शिक्षकों को भी बनानी होगी शिक्षक डायरी 🔴  माध्यमिक शिक्षा का शैक्षिक पंचांग देखें   अब माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को नए सत्र से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की तरह शिक्षक डायरी बनानी होगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए यह व्यवस्था लागू की है। डायरी में शैक्षिक कार्य से लेकर शिक्षण योजना का उल्लेख किया जाएगा। शिक्षकों की डायरी का प्रधानाचार्य नियमित रूप से परीक्षण करेंगे।  उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद ने माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की है। यूपी बोर्ड ने शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए जारी कैलेंडर में शिक्षकों को अपनी डायरी बनाने के निर्देश दिए हैं। इस डायरी में शिक्षकों को हर महीने पाठयक्रम की शिक्षण योजना, कितना पाठयक्रम पढ़ाना है, कितना पढ़ाया जा चुका है, यह सब लिखना होगा।  डायरी में यह भी लिखना होगा कि उन्हें अगले दिन किस टॉपिक को कक्षा में विद्यार्थियों को पढ़ाना है। इसकी पहले से ही तैयारी करनी होगी। डायरी में शिक्षकों को अपनी शैक्षणिक कार्य योजना भी लिखनी होगी। कुल मि

माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत समस्त अंग्रेज़ी शिक्षकों का जनपदवार डाटा उपलब्ध कराने के सम्बंध में।

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शिक्षकों से अनुचित मांग की शिकायत की होगी जांच, महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने दिया आदेश

शिक्षकों से अनुचित मांग की शिकायत की होगी जांच,  महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने दिया आदेश लखनऊ। विद्या समीक्षा केंद्र के फीडबैक में एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) के स्तर से शिक्षकों से अनुचित मांग की जानकारी पर जांच बैठा दी गई है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने कहा है सख्त कार्रवाई  की जाएगी।  प्रदेश में निपुण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एआरपी की तैनाती की गई है। ये जिलों में शिक्षकों परामर्श देते हैं। शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रेनिंग व सुधार का पर्यवेक्षण भी करते हैं। एआरपी 30 विद्यालयों में तय चेकलिस्ट के अनुसार जांच कर आवश्यक सुधार भी करवाते हैं।  विद्या समीक्षा केंद्र की ओर से फोन पर एआरपी के कामकाज का फीडबैक लिया गया तो लखनऊ के मोहनलालगंज, चित्रकूट के रामनगर, गोंडा के बेलसर व बभनजोत, सिद्धार्थनगर के जोगिया, बलरामपुर के गैंडास बुजुर्ग, उन्नाव के गंज मुरादाबाद व फतेहपुर चौरसिया, हरदोई के टोडरपुर व कोटवाना ब्लॉक एआरपी की ओर से शिक्षकों से अनुचित मांग की बात सामने आई।  इस सूचना के बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने संबंधित जिलों के बीएसए व प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक

शिक्षकों से अनुचित मांग की शिकायत की होगी जांच, महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने दिया आदेश

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UGC new guidelines for Autonomous colleges : यूजीसी ने स्वायत्त कॉलेजों के लिए जारी की नई अधिसूचना, मिलेगी ये छूट

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UGC new guidelines for Autonomous colleges : यूजीसी ने स्वायत्त कॉलेजों के लिए जारी की नई अधिसूचना, मिलेगी ये छूट

UGC Notify new guidelines for Autonomous colleges for National Education Policy 2020 यूजीसी ने स्वायत्त कॉलेजों के लिए जारी की नई अधिसूचना, मिलेगी ये छूट 🔴 क्लिक करके अधिसूचना देखें यूजीसी के संशोधित मानदंडों के अनुसार, स्वायत्त कॉलेजों को अब यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता नहीं होगी कि संविदा संकाय की संख्या कुल स्वीकृत संकाय पदों के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं है।  यूजीसी के संशोधित मानदंडों के अनुसार, स्वायत्त कॉलेजों को अब यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता नहीं होगी कि संविदा संकाय की संख्या कुल स्वीकृत संकाय पदों के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं है। संबद्ध और घटक कॉलेज भी मूल विश्वविद्यालय के माध्यम से जाए बिना, वर्ष के दौरान किसी भी समय शैक्षणिक और प्रशासनिक स्वायत्तता प्राप्त करने के लिए सीधे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से संपर्क करने में सक्षम होंगे। आयोग ने यूजीसी (कॉलेजों पर स्वायत्त स्थिति का प्रावधान और स्वायत्त कॉलेजों में मानकों के रखरखाव के लिए उपाय) विनियम, 2023 के तहत नए नियमों को अधिसूचित किया है। दिशानिर्देश 2018 में जारी किए गए नियमों के पुराने सेट को

यूपी बोर्ड : हिन्दी-उर्दू की किताबों में नहीं छपेंगे गलत तथ्य, एनसीईआरटी की 34 विषयों की 67 किताबें छपवाता है बोर्ड

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यूपी बोर्ड : हिन्दी-उर्दू की किताबों में नहीं छपेंगे गलत तथ्य, एनसीईआरटी की 34 विषयों की 67 किताबें छपवाता है बोर्ड

यूपी बोर्ड : हिन्दी-उर्दू की किताबों में नहीं छपेंगे गलत तथ्य ● एनसीईआरटी की 34 विषयों की 67 किताबें छपवाता है बोर्ड ● यूपी बोर्ड ने कक्षा नौ से 12 तक के 34 विषयों की 67 किताबों का कॉपीराइट राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से लिया है। इनमें हिन्दी, संस्कृत और उर्दू विषय की किताबें शामिल नहीं हैं। प्रयागराज : यूपी बोर्ड की अनुमोदित हिन्दी, संस्कृत और उर्दू विषयों की किताबों में अब गलत तथ्य नहीं छपेंगे। पूरे प्रदेश के 28 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को अधिकृत और त्रुटिहीन किताबें उपलब्ध कराने के मकसद से बोर्ड अब हिन्दी, संस्कृत और उर्दू की किताबें अपनी निगरानी में छपवाएगा। इसकी मंजूरी शासन से मिल गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार किताबों के प्रकाशन की जिम्मेदारी बोर्ड लेगा। अब तक इन तीन विषयों का पाठ्यक्रम तो बोर्ड निर्धारित करता है, लेकिन किताबों के प्रकाशन पर बोर्ड का नियंत्रण नहीं था। यानि कोई भी प्रकाशक इन्हें छाप सकता था। इसका सबसे अधिक नुकसान यह होता है कि कई बार

अगत्स्य, कणाद व आर्य भट्ट का कृतित्व-व्यक्तित्व पढ़ेंगे छात्र, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के स्नातक- परास्नातक के सभी पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाएगा

अगत्स्य, कणाद व आर्य भट्ट का कृतित्व-व्यक्तित्व पढ़ेंगे छात्र, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के स्नातक- परास्नातक के सभी पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाएगा प्रयागराज : भारतीय ऋषि-मनीषियों ने धर्म के साथ विज्ञान में अहम योगदान दिया है। उसे उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा। गणित में आर्य भट्ट, बिजली के आविष्कार में महर्षि अगस्त्य और गति के नियमों की व्याख्या करने वाले महर्षि कणाद को स्नातक- परास्नातक के सभी पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाएगा। नई शिक्षा नीति 2020 के पाठ्यक्रम तहत के करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को अनुमोदन के लिए भेजा गया है। मुक्त विश्वविद्यालय की नीति के तहत स्नातक-परास्नातक के 31 पाठ्यक्रमों को तैयार किया है। इसके बाद मुवि के इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस केंद्र (सीका) ने इन बदलावों को एकीकृत किया। सीका के निदेशक प्रो. आशुतोष गुप्ता ने बताया कई आविष्कारों का श्रेय पाश्चात्य विज्ञानियों को मिलता है, पर हकीकत में प्राचीन ज्ञान परंपरा इतनी उत्कृष्ठ थी कि हजारों वर्ष पूर्व ही हमारे ऋषियों और मनीषियों ने तमाम सिद्धांत दिए थे। उस

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बीएड की तर्ज पर होगी डीएलएड की काउंसिलिंग, रजिस्ट्रेशन के बाद मिलेगा अभ्यर्थियों को मौका

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बीएड की तर्ज पर होगी डीएलएड की काउंसिलिंग, रजिस्ट्रेशन के बाद मिलेगा अभ्यर्थियों को मौका

बीएड की तर्ज पर होगी डीएलएड की काउंसिलिंग, रजिस्ट्रेशन के बाद मिलेगा अभ्यर्थियों को मौका डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षण 2023 सत्र में प्रवेश की तैयारियां शुरू हो गई है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) की 10600 और निजी कॉलेजों की 206000 कुल 216600 सीटों पर प्रवेश के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। खास बात यह है कि इस साल डीएलएड प्रवेश की काउंसिलिंग बीएड के तर्ज पर कराई जाएगी। जिस प्रकार बीएड में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को हर चरण में काउंसिलिंग का अवसर मिलता है। उसी प्रकार से डीएलएड में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क देने के बाद मौका दिया जाएगा। पहले डीएलएड में एक बार सीट एलॉटमेंट के बाद अभ्यर्थी को अगले चक्र की काउंसिलिंग में मौका नहीं मिलता था।  मनपसंद कॉलेज एलॉट नहीं होने पर यदि अभ्यर्थी प्रवेश नहीं लेता था तो उसके प्रवेश के रास्ते बंद हो जाते थे। प्रवेश प्रक्रिया में सुधार को लेकर निजी कॉलेजों की ओर से अनुरोध किया गया था, ताकि प्रवेश लेने वाले प्रशिक्षुओं की संख्या बढ़ सके और डीएलएड में प्रवेश की संख्या कम होने से निजी क

पांच धार्मिक शहरों में भी खुलेंगे राजकीय संस्कृत विद्यालय, प्रयागराज, मथुरा, चित्रकूट अयोध्या, सीतापुर में जमीन की जा रही चिह्नित

पांच धार्मिक शहरों में भी खुलेंगे राजकीय संस्कृत विद्यालय,  प्रयागराज, मथुरा, चित्रकूट अयोध्या, सीतापुर में जमीन की जा रही चिह्नित लखनऊ । शासन प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काफी तेजी से काम कर रहा है। इस क्रम में जहां पहले से स्वीकृत दस नए राजकीय संस्कृत विद्यालयों के भवन निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। वहीं पांच धार्मिक शहरों में भी राजकीय संस्कृत विद्यालय खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। शासन के नए प्रस्ताव के अनुसार प्रयागराज, मथुरा, चित्रकूट, अयोध्या व सीतापुर में राजकीय संस्कृत विद्यालय (इंटर तक) खोले जाएंगे। इसके लिए जमीन चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं पहले से स्वीकृत दस जिलों वाराणसी, रायबरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, जालौन, अमेठी, मुरादाबाद, एटा, हरदोई में जमीन चिह्नित करने के बाद अब भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू होनी है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से पहले चरण में 53 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।  उप शिक्षा निदेशक संस्कृत सीएल चौरसिया ने बताया कि चूंकि इन जिलों में जमीन मिल चुकी है, लिहाजा जल्द स

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साल में दस दिन बिना बैग के स्कूल, परिषदीय विद्यालयों में इसी सत्र में कक्षा 6-8 के लिए लागू होगी व्यवस्था, कौशल विकास, क्राफ्ट व खेल- खेल में सीखने पर होगा जोर

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साल में दस दिन बिना बैग के स्कूल, परिषदीय विद्यालयों में इसी सत्र में कक्षा 6-8 के लिए लागू होगी व्यवस्था, कौशल विकास, क्राफ्ट व खेल- खेल में सीखने पर होगा जोर

साल में दस दिन बिना बैग के स्कूल, परिषदीय विद्यालयों में इसी सत्र में कक्षा 6-8 के लिए लागू होगी व्यवस्था, कौशल विकास, क्राफ्ट व खेल- खेल में सीखने पर होगा जोर लखनऊ । प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक के बच्चे साल में दस दिन बिना बैग के स्कूल आएंगे। प्रदेश के विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद (एससीईआरटी) इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रहा है। यह व्यवस्था इसी सत्र 2023- 24 से लागू होगी। एनईपी में बच्चों पर किताबों व बैग का बोझ कम करने व उनको तनावमुक्त पढ़ाई का माहौल देने पर काफी फोकस किया गया है। इसमें दस दिन बिना बैग के स्कूल आने की व्यवस्था काफी प्रभावी है। एनसीईआरटी ने इस पर काफी काम किया है और इसे लागू करना शुरू किया है। इसी क्रम में एससीईआरटी ने भी इसे प्रदेश में लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। विद्यालयों में बच्चों को खेल-खेल में गणित व विज्ञान सिखाने, पढ़ाने, उनके मन से किताबों का दबाव कम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एसस

उच्च शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य होगा आंतरिक लोकपाल

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