छात्रवृत्ति घोटाले में लिप्त पाए गए 58 शिक्षण संस्थान हुए ब्लैक लिस्ट
लखनऊ : मथुरा जिले में छात्रवृत्ति घोटाले में लिप्त पाए गए 58 शिक्षण संस्थानों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। साथ ही इन सभी संस्थानों से हड़पी गई छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की राशि की वसूली भी की जाएगी।
यह जानकारी समाज कल्याण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण ने दी है। उन्होंने कहा है कि ज़ीरो टॉलरन्स नीति पर सरकार कार्य कर रही है। घोटाले के आरोपी संस्थान और विभागीय अधिकारियों के ़िखला़फ सख़्त ़कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जाँच टीम द्वारा गहन परीक्षण के बाद मथुरा में मु़कदमा दर्ज कराया गया है।
घोटाले के दोषी पाए गए इन संस्थानों के प्रबंधन को समाज कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा सुनवाई का अवसर प्रदान किया गया। शिक्षण संस्थानों ने अपना लिखित उत्तर प्रस्तुत करते हुए विभिन्न सुनवाइयों की तिथि पर उपस्थित होकर अपनी बातें रखीं। दरअसल मथुरा में निजी आईटीआई शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले की शिकायत मिली थी।
प्राप्त होने पर निदेशालय स्तर से गठित जांच समिति द्वारा स्थलीय एवं आनलाइन डाटा के आधार पर जाँच की गई।
जांच टीम ने शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रवृत्ति के मास्टर डाटाबेस में भरे गए डाटा को लिया गया एवं नैशनल काउन्सिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग, नई दिल्ली में जाकर मास्टर डाटा में दर्ज सभी 195 शिक्षण संस्थानों के मान्यता की प्रतियां प्राप्त की गई और सभी संस्थानों को पाठ्यक्रम के अनुसार स्वीकृत सीटों का भी परीक्षण किया गया।
निदेशालय की समिति ने डुप्लीकेट छात्रों के साथ-साथ परीक्षा में न बैठने वाले छात्रों व स्वीकृत सीटों से अधिक संख्या में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति धनराशि को अनियमित, कपटपूर्ण तरीके से धनराशि हड़पने का आंकलन करने के लिए डाटा का परीक्षण किया। जिसमें गम्भीर वित्तीय अनियमितता एवं धनराशि का गबन होना पाया गया। जांच समिति ने डुप्लीकेट छात्रों, परीक्षा में न बैठने वाले छात्रों, स्वीकृत सीट से अधिक संख्या में छात्रों तथा मान्यता विहीन शिक्षण संस्थानों को चिन्हित करते हुए गहन विवेचना / परीक्षण के बाद 22.99 करोड़ रुपये की धनराशि के घोटाले को उजागर किया था।
छात्रवृत्ति घोटाले में प्रथम दृष्टया दोषी पाये 71 निजी आईटीआई शिक्षण संस्थानों तथा विभाग के उत्तरदायी जिला समाज कल्याण अधिकारियों / कर्मचारियों को निलम्बित कर इनके विरूद्ध जीरो टालरेन्स की नीति के तहत सदर थाना मथुरा में एफआईआर दर्ज कराई गई है। वर्तमान में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा कानपुर नगर द्वारा की जा रही है।
मथुरा के ही 13 अन्य शिक्षण संस्थानों ने निदेशालय के कूटरचित अभिलेख तैयार कर उच्च न्यायालय में अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से रिट याचिका योजित की गई थी। जांच में यह सभी 13 शिक्षण संस्थान दोषी पाए गए हैं। इसलिए इनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।
source http://www.primarykamaster.in/2023/06/58.html
Comments
Post a Comment