Skip to main content

यूपी बोर्ड ने पकड़े 8000 विद्यालयों के बेमेल आंकड़े, परीक्षा केंद्र की आधारभूत सुविधा की उपलब्धता पर चार वर्ष के यूपी बोर्ड आंकडों में मिला अंतर

यूपी बोर्ड ने पकड़े 8000 विद्यालयों के बेमेल आंकड़े, परीक्षा केंद्र की आधारभूत सुविधा की उपलब्धता पर चार वर्ष के यूपी बोर्ड आंकडों में मिला अंतर

प्रयागराज : यूपी बोर्ड वर्ष 2024 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में कोई गडबड़ी नहीं होने देना चाहता । इसके लिए परीक्षा केंद्र बनाए जाने को लेकर शुरुआत से ही सतर्कता बरती जा रही है, ताकि गड़बड़ियों को पहले ही दुरुस्त कराकर शुचितापूर्ण परीक्षा कराई जा सके। इसी कड़ी में पिछले चार वर्षों में परीक्षा केंद्र बने विद्यालयों की ओर से वेबसाइट पर उपलब्ध आधारभूत सुविधा की समीक्षा कराई गई। इसमें पाया गया कि करीब 8000 विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें चार वर्षों में किसी न किसी वर्ष आधारभूत सुविधा के आंकड़े में अंतर है। परीक्षा केंद्र निर्धारण की नीति शुक्रवार को जारी करने के साथ बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों के साथ वर्चुअल बैठक में कहा कि आधारभूत सुविधा में अंतर वाले विद्यालयों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लिया जाए, ताकि केंद्र निर्धारण सही ढंग से हो सके।



परीक्षा केंद्रों पर साल्वर बैठाए जाने, परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र आउट होने की पूर्व की घटनाओं को ध्यान में रखकर शासन के निर्देश के क्रम में परीक्षा केंद्र निर्धारण के पहले ही बोर्ड ने सख्ती शुरू कर दी है। इसी कड़ी में वेबसाइट पर विद्यालयों की ओर से उपलब्ध आधारभूत सुविधाओं का परीक्षण कराया जा रहा है। बोर्ड ने वर्ष 2018, 2019, 2020 एवं 2022 की परीक्षा के केंद्र निर्धारण के लिए वेबसाइट पर अपलोड किए गए विवरण का आपस में मिलान कराया तो किसी एक वर्ष में अंतर मिला। वर्ष 2021 में कोविड के कारण परीक्षा नहीं हुई थी। चूंकि परीक्षा केंद्र निर्धारण में शिक्षण कक्षों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और उसी अनुरूप केंद्रों पर परीक्षार्थियों की संख्या निर्धारित की जाती है। इसमें कुछ विद्यालय प्रधानाचार्य कक्ष एवं प्रायोगिक कक्ष को शिक्षण कक्ष में जोड़ लेते हैं, जबकि उनमें परीक्षा नहीं होती। कुछ जानबूझकर गलत आंकड़े भरते हैं।

इससे परीक्षा के दौरान अव्यवस्था होने पर नकल की संभावना बढ़ जाती है। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए बोर्ड सचिव ने बेमेल विवरण वाले विद्यालयों की भूमिका संदिग्ध मानते हुए प्रधानाचार्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगने के निर्देश क्षेत्रीय अपर सचिवों को दिए हैं। क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज की अपर सचिव विभा मिश्र ने बताया कि वर्चुअल बैठक के निर्देश के क्रम में संबंधित विद्यालयों से जवाब मांगा जा रहा है, ताकि सही आंकड़े के क्रम में केंद्र निर्धारण किया जा सके।


source http://www.primarykamaster.in/2023/09/8000.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल ● जिलाधिकारी के निर्णय के बाद परीक्षा स्थगित ● परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर उठाया सवाल ● प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी से की मुलाकात ● शासनादेश का अनुपालन कराए जाने की डीएम से मांग उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय ऑडिटर नीलमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से मिलकर 30 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया है। फिलहाल जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। संघ ने इस सम्बंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने बताया कि आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने का मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया है। प्रतियोगिता ऐच्छिक होती है बाध्यकारी नहीं। बावजूद इसके जनपद में परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अन...

जीआईसी प्रवक्ता : 10 माह बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, देरी का खामियाजा भुगतेंगे अभ्य्धी, वरिष्ठता का नहीं मिलेगा लाभ

प्रयागराज। राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के लिए 2014-15 में घोषित पदों पर पांच वर्ष बाद इस साल फरवरी-मार्च में रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन चयन के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तो शुरू हुई परंतु बीच वह भी अधर में फंस गई है। जबकि 22 दिसंबर को ही नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए था । इस साल के खत्म होने में सिर्फ पांच दिन ही शेष बचे हैं। बाकी बचे चार दिनों में भी अगर नियुक्ति नहीं होती है तो पांच वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की वरिष्ठता का नुकसान उठाना होगा। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों पर चयनित 298 अभ्यर्थियों ने आठ से 15 दिसंबर के बीच नियुक्ति के लिए खुले पोर्टल पर ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक सचिव की ओर से 22 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई थी। source http://www.primarykamaster.in/2020/12/10_27.html