Skip to main content

मिड डे मील पर महंगाई की मार, डेढ़ साल में महंगाई भागी पर कन्वर्जन कास्ट जस की तस

मिड डे मील पर महंगाई की मार, डेढ़ साल में महंगाई भागी पर कन्वर्जन कास्ट जस की तस



सब्जी, तेल व रसोई गैस की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। इसका असर अब परिषदीय व सहायता प्राप्त जूनियर स्कूलों में बन रहे एमडीएम पर भी पड़ता दिख रहा है।



प्रति बच्चा कन्वर्जन कास्ट की पुरानी लागत से एमडीएम बनवा रहे गुरुजी भी लगभग दोगुनी कीमतों पर खाना बनवाने पर मजबूर है। 


कोरोना के कारण लंबे समय बंद रहे परिषदीय व सहायता प्राप्त स्कूल खुलते ही बच्चों के लिए एमडीएम भी बनना शुरू हो गया है। इसी के साथ खाद्य पदार्थों में बढ़ती महंगाई का भी संकट आ गया। स्कूलों में खाना बनाने के लिए शासन से केवल रसोइयों को मानदेय पर रखा गया है इसके अलावा तेल, गैस, सब्जी, सोयाबीन, दाल व मसालों आदि का प्रबंध प्रधानाध्यापक या जिम्मेदार शिक्षक को करना होता है।


जिसके लिए प्रति बच्चा प्राइमरी स्तर पर 4.97 पैसे व जूनियर स्तर पर 7:45 पैसे शासन से भेजे जाते हैं। इसी पैसे से प्रत्येक बुधवार को दूध भी लेना पड़ता है। यह मानदेय पर रख गया है। इसके कन्वर्जन कास्ट एक अप्रैल 2020 से चली आ रही है।


उस समय से अब तक रसोई गैस व तेल के दाम तो लगभग दोगुने स्तर पर पहुंच गए, वहीं सब्जियों में टमाटर, बैंगन व गोभी सहित सोयाबीन व दालों आदि के दाम भी चरम पर हैं। इसके अलावा एक तरफ अब तक शासन से विगत महीनों को कन्वर्जन राशि न भेजे जाने के चलते शिक्षक अपने दूसरी ओर महंगाई की वजह से वेतन से खाना बनवा रहे हैं तो खर्चा भी काफी बढ़ गया है।



source http://www.primarykamaster.in/2021/10/blog-post_90.html

Comments

Popular posts from this blog

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना काल में माह अप्रैल से 16 मई 2021 तक मृत 1621 शिक्षक-कर्मचारी की सूची की जारी   source http://www.primarykamaster.in/2021/05/16-2021-1621.html

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल

अयोध्या : परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा स्थगित, शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा के औचित्य पर उठाया गया था सवाल ● जिलाधिकारी के निर्णय के बाद परीक्षा स्थगित ● परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर उठाया सवाल ● प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी से की मुलाकात ● शासनादेश का अनुपालन कराए जाने की डीएम से मांग उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय ऑडिटर नीलमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से मिलकर 30 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली परिषदीय शिक्षकों की परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया है। फिलहाल जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। संघ ने इस सम्बंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने बताया कि आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने का मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया है। प्रतियोगिता ऐच्छिक होती है बाध्यकारी नहीं। बावजूद इसके जनपद में परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अन...

जीआईसी प्रवक्ता : 10 माह बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, देरी का खामियाजा भुगतेंगे अभ्य्धी, वरिष्ठता का नहीं मिलेगा लाभ

प्रयागराज। राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के लिए 2014-15 में घोषित पदों पर पांच वर्ष बाद इस साल फरवरी-मार्च में रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन चयन के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तो शुरू हुई परंतु बीच वह भी अधर में फंस गई है। जबकि 22 दिसंबर को ही नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए था । इस साल के खत्म होने में सिर्फ पांच दिन ही शेष बचे हैं। बाकी बचे चार दिनों में भी अगर नियुक्ति नहीं होती है तो पांच वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की वरिष्ठता का नुकसान उठाना होगा। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों पर चयनित 298 अभ्यर्थियों ने आठ से 15 दिसंबर के बीच नियुक्ति के लिए खुले पोर्टल पर ऑनलाइन कॉलेज लॉक किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक सचिव की ओर से 22 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई थी। source http://www.primarykamaster.in/2020/12/10_27.html