नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद स्कूली पाठ्यक्रम में बड़े बदलाव की तैयारी
स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होंगे गेम्स व पहेलियां
नई दिल्ली : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद स्कूली पाठ्यक्रम में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। फिलहाल इनमें जो बड़ा फेरबदल दिखेगा, वह पहले के मुकाबले रुचिकर होगा। इसमें गेम्स और पहेलियां भी होंगी। खासकर गणित और विज्ञान जैसे विषयों में इसे प्रमुखता से शामिल करने की तैयारी है। शिक्षा मंत्रलय ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को इस संबंध में जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है। वैसे भी नए स्कूली पाठ्यक्रम को तैयार करने पर काम चल रहा है।
खास बात है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पाठ्यक्रम को रुचिकर बनाने के लिए गेम्स और पहेलियों को शामिल करने की सिफारिश की गई थी। फिलहाल मंत्रलय ने यह कदम इसलिए भी उठाया है, क्योंकि मौजूदा समय में पाठ्यक्रम को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। इसके तहत वर्ष 2022 तक पाठ्यक्रम को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में इस दौरान इन पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी होगा। इस बीच पाठ्यक्रम में गेम्स और पहेलियों को शामिल करने के पीछे जो मुख्य तर्क है, उसमें छात्रों को आसानी से संबंधित विषयों से जुड़ी शिक्षा देना है। मौजूदा समय में छात्र गणित जैसे विषयों की पढ़ाई से डरते है। इस बदलाव से उन्हें मदद मिलेगी।
शिक्षा मंत्रलय इससे पहले भी स्कूली शिक्षा में कोडिंग और डाटा साइंस को शामिल करने का प्रस्ताव कर चुका है। इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार करने का काम शुरू हो चुका है। स्कूलों में कोडिंग की पढ़ाई छठी से आठवीं कक्षा तक और डाटा साइंस की पढ़ाई आठवीं से 12वीं तक होनी प्रस्तावित है। सूत्रों की मानें तो मंत्रलय ने स्कूली पाठ्यक्रम से जुड़े सभी विषयों को तेजी से काम शुरू किया है। वैसे भी यह नई राष्ट्रीय नीति को लागू करने के लिए तय किए गए लक्ष्यों की प्राथमिकता में शामिल है।
इसके साथ ही स्कूली शिक्षा से जुड़ी ज्यादातर सिफारिशों को अगले साल तक लागू करने का लक्ष्य है। इसमें सभी स्कूली छात्रों को कम से कम किसी एक स्किल से जोड़ना, सभी छात्रों का नया रिपोर्ट कार्ड तैयार करना शामिल है। इसमें उनके स्वास्थ्य सहित पूरी शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी होगी।
source http://www.primarykamaster.in/2021/06/blog-post_587.html
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